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फिर से खुलेंगी कर्मकार कल्याण बोर्ड की फाइलें, खरीद मामले की दोबारा होगी जांच, हरक को घेरने की तैयारी तो नहीं - कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर धामी सरकार

कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर धामी सरकार एक्शन में है. अब धामी सरकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की फाइलें खोलने जा रही है. इस बार बोर्ड में खरीद के मामले की दोबारा जांच की जाएगी. मामले में राज्य सरकार 2017 से 2022 तक की सभी खरीद की ऑडिट कराने की तैयारी कर रही है. इस दौरान ये विभाग हरक सिंह रावत के पास था.

Dhami government will reopen the file of Workers Welfare Board again
फिर से खुलेंगी कर्मकार कल्याण बोर्ड की फाइलें
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Published : Aug 19, 2022, 4:23 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 8:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड विवाद (Workers Welfare Board Controversy) एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. दरअसल, भवन एवं कर्मकार सन्निमाण कल्याण बोर्ड में हुई खरीद को लेकर सरकार फिर से जांच (Files of Workers Welfare Board will open again) कराने जा रही है. इसके तहत राज्य में 2017 से 2022 तक की सभी खरीद की ऑडिट की जाएगी. जानकारी के अनुसार इस जांच के जरिए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Former cabinet minister Harak Singh Rawat) की घेराबंदी की तैयारी की जा रही है.

जानकारी के अनुसार साइकिल खरीद से लेकर राशन कार्ड बंटवारे के मामले तक में फाइलें खंगाली जाएंगी. इसके लिए विभाग से पूरा ब्यौरा भी मांगा जा रहा है. बता दें पूर्व में भी इन मामलों को लेकर जांच हो चुकी है. जिस पर कुछ खास कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. अब एक बार फिर नए सिरे से जांच की तैयारी की जा रही है.
पढ़ें-उत्तराखंड में अग्निवीरों की भर्ती शुरू, कोटद्वार में युवाओं ने दिखाया दम

जानकारी के अनुसार 5 सालों के रिकॉर्ड को लेकर बोर्ड में भी हड़कंप मचा हुआ है. खरीद की गई समाग्री का बंटवारा कहां-कहां किया गया, इसका ब्यौरा जुटाने में बोर्ड के कर्मी जुट गए हैं. हालांकि, इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पहले भी उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई अनियमितता न होने की बात कहते रहे हैं.

हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले में विभाग द्वारा खरीद और उसके बाद जिन लाभार्थियों को सामान बांटा उसकी जिम्मेदारी श्रम विभाग के इस्पेक्टर्स को दी गई थी. ऐसे में किसी भी स्तर से सरकार जांच करा ले उनके स्तर पर कोई भी अनियमितता नहीं मिलने वाली है.
पढ़ें- 'अग्निवीर' बनने को बेताब युवा, कहा- टैंक देखकर मिलती है एनर्जी, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड विवाद (Workers Welfare Board Controversy) एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. दरअसल, भवन एवं कर्मकार सन्निमाण कल्याण बोर्ड में हुई खरीद को लेकर सरकार फिर से जांच (Files of Workers Welfare Board will open again) कराने जा रही है. इसके तहत राज्य में 2017 से 2022 तक की सभी खरीद की ऑडिट की जाएगी. जानकारी के अनुसार इस जांच के जरिए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Former cabinet minister Harak Singh Rawat) की घेराबंदी की तैयारी की जा रही है.

जानकारी के अनुसार साइकिल खरीद से लेकर राशन कार्ड बंटवारे के मामले तक में फाइलें खंगाली जाएंगी. इसके लिए विभाग से पूरा ब्यौरा भी मांगा जा रहा है. बता दें पूर्व में भी इन मामलों को लेकर जांच हो चुकी है. जिस पर कुछ खास कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. अब एक बार फिर नए सिरे से जांच की तैयारी की जा रही है.
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जानकारी के अनुसार 5 सालों के रिकॉर्ड को लेकर बोर्ड में भी हड़कंप मचा हुआ है. खरीद की गई समाग्री का बंटवारा कहां-कहां किया गया, इसका ब्यौरा जुटाने में बोर्ड के कर्मी जुट गए हैं. हालांकि, इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पहले भी उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई अनियमितता न होने की बात कहते रहे हैं.

हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले में विभाग द्वारा खरीद और उसके बाद जिन लाभार्थियों को सामान बांटा उसकी जिम्मेदारी श्रम विभाग के इस्पेक्टर्स को दी गई थी. ऐसे में किसी भी स्तर से सरकार जांच करा ले उनके स्तर पर कोई भी अनियमितता नहीं मिलने वाली है.
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Last Updated : Aug 19, 2022, 8:02 PM IST
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