ऋषिकेश: मुनिकीरेती स्थित ढालवाला की जिस गत्ता फैक्ट्री में चंद दिन पहले कर्मचारियों ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. उस फैक्ट्री में यह पहली दफा नहीं हुआ है, बल्कि हकीकत यह है कि कर्मचारियों के उत्पीड़न के आरोप में तीन साल पहले श्रम विभाग फैक्ट्री प्रबंधन पर 2 करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना लगा चुका है.
कर्मचारियों के साथ सलूक को लेकर फिर विवादों में आई ढालवाला की गत्ता फैक्ट्री में कर्मचारी उत्पीड़न का मामला सामने आने से प्रबंधन पर तो सवाल है ही, ऊंगली श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर भी उठ रही है. हैरत की बात यह है कि साल 2019 में 2 करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के बावजूद अभी तक इसकी वसूली ही नहीं हो पाई है. विभाग की दलील है कि यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है.
उत्पीड़न को लेकर सामने आई दूसरी घटना को लेकर सवाल अब यह है कि अभीतक प्रबंधन के खिलाफ श्रम महकमा कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले पाया है. 17 फरवरी की घटना के बाद श्रम विभाग के अधिकारियों की नींद जरूर खुली है. विभागीय टीम ने बीते 18 फरवरी को फैक्ट्री का दौरा कर कर्मचारियों का पक्ष जानने का प्रयास भी किया. लेकिन श्रम अधिकारी एसएस रांगड़ के मुताबिक फैक्ट्री में बयान देने के लिए कोई कर्मचारी नहीं मिला.
इसलिए लगा करोड़ों का जुर्मानाः ढालवाला में संचालित गत्ता फैक्ट्री प्रबंधन पर श्रम विभाग ने 2 करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. श्रम अधिकारी टिहरी एसएस रांगड़ के अनुसार यह कार्रवाई कर्मचारियों से ओवर टाइम काम कराकर उन्हें अतिरिक्त रकम का भुगतान नहीं करने, छुट्टी नहीं दिए जाने के साथ ही मानकों के अनुरूप तनख्वाह न देने आदि आरोपों पर की गई थी. फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
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17 फरवरी को हुआ बवालः ढालवाला स्थित गत्ता फैक्ट्री में बीते 16 फरवरी को एक मशीन ऑपरेटर जख्मी हो गया था. गंभीर हालत में उसे एम्स पहुंचाया गया था. ऑपरेटर के इलाज का खर्च न देने पर कर्मचारी फैक्ट्री भड़क गए थे. उन्होंने 17 फरवरी को हड़ताल करते हुए फैक्ट्री के गेट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तनख्वाह के भुगतान में मानकों की अनदेखी, समय से वेतन नहीं देने और कर्मचारियों का बीमा तक नहीं कराने के अलावा कई कर्मियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने आदि की बात कही थी.
क्या कहते हैं श्रम अधिकारीः श्रम अधिकारी टिहरी एसएस रांगड़ का कहना है कि कर्मचारी के बयान के आधार पर दो करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. फिलहाल, यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. 28 फरवरी को केस पर सुनवाई है.