देहरादून: पुलिस मुख्यालय के आदेश की अवहेलना करने और सब इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच की फाइल दबाने के मामले में हरिद्वार कोतवाली में तैनात लिपिक आलोक कुमार को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने निलंबित कर दिया है.
बता दें कि थाना बहादराबाद में एक मुकदमें के संबंध में जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत पक्ष पर दबाव बनाकर समझौता करने का मामला दिसंबर 2020 माह में सामने आया था. इस प्रकरण पर जांच गठित की गई थी, लेकिन मामले में जांच की फाइल को हरिद्वार कोतवाली सहायक उप निरीक्षक दबाए बैठा था. मामले में पुलिस मुख्यालय के आदेशों की अवहेलना कर अग्रिम कार्रवाई की सूचना समय से उच्चाधिकारियों को प्रेषित ना करने के तहत हरिद्वार कोतवाली सहायक उप निरीक्षक को निलंबित किया गया.
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पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 22 दिसंबर 2020 को डीजीपी अशोक कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जनपद हरिद्वार से संबंधित कुछ मामलों की सुनवाई की जा रही थी, तभी एक मामला बहादराबाद निवासी शिकायतकर्ता विवेक कुमार के प्रार्थना पत्र द्वारा सामने आया. जिसमें शिकायत पक्ष विवेक ने बताया कि उनपर दबाव बनाते बहादराबाद थाने में उनके भाई द्वारा धोखाधड़ी आरोप के तहत दर्ज कराया गया.
मुकदमा दर्ज होने के बाद थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर द्वारा समझौते का दबाव बनाते हुए जबरन लेन-देन कर मामला रफा-दफा करने की बात कही गई. विवेक की शिकायत पर डीजीपी ने जब मामले की जांच कराई गई. आरोपित सब इंस्पेक्टर के खिलाफ डीजीपी ने समीक्षा के दौरान संबंधित जांच पत्रावली सहित सभी उपस्थित पक्षों को सुनने के पश्चात उसे दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
इसकी पूरी विस्तृत जांच सहायक पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा कराई गई. उधर इस मामले में आरोपित सब इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच की फाइल दबाने और अग्रिम कार्रवाई कि सूचना संबंधित अधिकारियों को समय से ना देने के मामले में हरिद्वार कोतवाली तैनात आलोक कुमार के खिलाफ सामने आया. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार द्वारा तत्काल ही संबंधित लिपिक को निलंबित करने के आदेश दिए गए.