देहरादून: राजधानी में भू-माफियाओं का आतंक जारी है. ताजा मामला कोतवाली क्षेत्र के चकराता रोड से सामने आया है. जहां 90 साल के बुजुर्ग व्यक्ति को डरा धमका कर उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया गया है. पीड़ित ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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देहरादून में चकराता रोड के पास रहने वाले एक 90 साल के बुजुर्ग को डरा धमका कर जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया है. इस मामले में सबसे हैरानी की बात ये है कि जमीन पर कब्जा करने का आरोप उत्तराखंड पुलिस से रिटायर्ड एक पुलिस अधिकारी समेत 3 लोगों पर लगा है. पीड़ित पक्ष ने शिकायती पत्र देकर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस उनकी शिकायत पर गौर नहीं कर रही है.
जिसके बाद थक हारकर बुजुर्ग और बेटे ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय जाकर डीजीपी से मुलाकात की. पीड़ित ने डीजीपी से इंसाफ की गुहार लगाई है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून SSP डॉ. योगेंद्र रावत और SP सिटी सरिता डोबाल को पूरे मामले की जांच पड़ताल कर 15 दिनों में रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं.
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पुलिस मुख्यालय को दिए प्रार्थना-पत्र में बुजुर्ग दर्शन लाल ने बताया है कि वह चकराता रोड स्थित महंत इंद्रेश ट्रस्ट की भूमि पर बने किराए की दुकान चलाते हैं. दुकान के पीछे ही उनकी जमीन है. भू-माफियाओं ने उन्हें कमजोर समझते हुए रातों रात उस पर कब्जा कर लिया था. मामला कोर्ट में गया और कुछ समय बाद तथ्यों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने दर्शन लाल के पक्ष में फैसला किया. मामले में रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर परीक्षित कुमार ने अपने सहयोगी एएन आहूजा और टंडन नाम के लोगों के साथ मिलकर कुछ महीने पहले जमीन पर कब्जा करने का दोबारा प्रयास किया और जमीन पर अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया.
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बुजुर्ग दर्शन लाल का ये भी आरोप है कि उनकी जमीन को कब्जाने के बाद अब रिटायर्ड पुलिस अधिकारी परीक्षित कुमार की नजर उनकी दुकान पर भी है. अपने 3 साथियों के साथ मिलकर रिटायर्ड पुलिस अधिकारी 29 मई को उसकी दुकान पर आ धमका और दुकान को खाली कराने की चेतावनी दी. ऐसा ना करने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने इस मामले में पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है.
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भू-माफियाओं के आतंक को लेकर पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी निलेश आनंद भरणे ने बताया कि पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगाई है. ऐसे में डीजीपी द्वारा देहरादून एसपी सिटी को जांच सौंपते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट तलब की गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.