देहरादून: उत्तराखंड डीजीपी की जिम्मेदारी संभालने के अगले दिन ही अशोक कुमार सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों, सेनानायकों, परिक्षेत्र प्रभारियों और सभी शाखाओं सहित इकाईयों के राजपत्रित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राज्य की पुलिसिंग को ओर बेहतर बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए जाने के साथ ही गरीब, असहाय और पीड़ित जो भी थाने पर आये उसे सुरक्षा और न्याय देना है. इसके लिए पुलिस को संवेदनशील बनना होगा, जो पुलिस का प्राथमिक उत्तरदायित्व है. साथ ही अपराधियों के खिलाफ दो दिंसबर से विशेष अभियान चलाने का निर्देश भी दिया है. इस विशेष अभियान में वांछित और नामी अपराधियों की गिरफ्तारी, कुर्की, हिस्ट्रीशीटर, पांच साला आपराधियों और सक्रिय अपराधियों का सत्यापन व वारंट तामील शामिल है.
बैठक में अधिकारियों के दिए जरुरी दिशा-निर्देश
- लंबे समय से जो कर्मी एक स्थान पर जमे हुए हैं, वे यह न समझे कि वे बिना परफार्मेंस के बने रहेंगे. उन्हें 100 प्रतिशत परफार्म करना होगा और पब्लिक डिलिवरी देनी होगी.
- थानों में जन शिकायतों को शत-प्रतिशत रिसीव किया जाए.
- साइबर, ड्रग्स और आर्थिक अपराध से संबंधित विशेष प्रकोष्ठों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इन प्रकोष्ठों को प्राथमिकता पर लिया जाए और इन्हें सशक्त किया जाए, जिससे अनावरण अधिक से अधिक हो.
- स्थानान्तरण नीति में एकरूपता लायी जाएगी, जिसमें कर्मियों का कार्यकाल पुनर्निर्धारित किया जाएगा. प्रत्येक कर्मी को स्थानान्तरण के लिए तीन विकल्प अवश्य दिये जाएंगे.
- पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए पेंशन कोटेशन को बढ़ाया जाएगा. उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, अवकाश और प्रमोशन आदि में सुधार किया जाएगा.
- भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बदार्शत नहीं किया जाएगा.
- जनपदों में स्थापित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल और सोशल मीडिया प्रमोशन सेल को प्रभावी बनाये जाने के लिए निर्देशित किया गया.
- HRMS को निचले स्तर तक लागू किया जाएगा, जिसमें रोटेशन महत्वपूर्ण है.
- पुलिसकर्मियों की समस्या, शिकायत और सुझावों के लिए मुख्यालय स्तर पर पुलिसजन समाधान समिति का गठनकिया गया है. इसका पुलिसकर्मियों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें.