देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल से अधिक नौकरी वाले सेवारत कांस्टेबल व हेड कांस्टेबलों के ग्रेड पे को सब-इंस्पेक्टर 4600 से नीचे कर ASI ग्रेड पे 2800 करने मामले में पुलिस फोर्स में नाराजगी के साथ खलबली मची हुई है. ऐसे में मामले की गम्भीरता को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने भरोसा दिलाया है कि पुलिस कर्मचारियों के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा इस मामले में शासन स्तर पर वार्तालाप कर हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इतना ही नहीं डीजीपी के मुताबिक सोमवार को इस मामले के निस्तारण के लिए बकायदा एक कमेटी गठित की गई है, जो न्याय संगत काम करेगी. देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित उत्कृष्ट सेवा सम्मान कार्यक्रम में चुने गए अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र वितरण के दौरान डीजीपी ने ग्रेड पे मामले में प्रभावित होने वाली फोर्स के कर्मचारियों को न्याय संगत होने का भरोसा दिलाया.
शिकायत दर्ज न करने और धाराएं कम लगाने पर डीजीपी ने जाहिर की नाराजगी
राज्य भर के पुलिसकर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी अशोक कुमार ने हिदायत देते हुए कहा कि थाने में आने वाले फरियादियों की शिकायतें दर्ज करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. मुख्यालय से कड़े आदेश पारित होने के बावजूद कई जगह से शिकायतें आ रही हैं, जहां थाने पहुंचने वाले फरियादियों की कंप्लेन रिसीव नहीं की जा रही है. जबकि कार्य के लिए हर एक थाने में महिला रिसेप्शनिस्ट की तर्ज पर अलग से हेल्पडेस्क स्थापित की गई है.
वहीं, गंभीर रूप से मारपीट और झगड़े वाले मामलों में पुलिस की ओर से पीड़ित पक्ष की शिकायत के बावजूद पर्याप्त धाराएं ना लगाने को लेकर भी डीजीपी ने पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को फटकार लगाई. उन्होंने कहा अमूमन गंभीर किस्म के मारपीट जानलेवा वाले मामलों में 323, 324 जैसी धाराएं ही मुकदमे में लगाई जा रही हैं, जबकि जानलेवा जैसी चोटों में हत्या का प्रयास 307, 308 जैसी गंभीर धाराएं लगानी आवश्यक हैं. ताकि पीड़ित पक्ष के साथ अन्याय न हो सके. जांच विवेचना के उपरांत पुलिस पर किसी तरह का पक्षपात वाला आरोप ना लगे.
पीड़ितों को दबाकर अपराधियों का साथ देने वाले पुलिसकर्मी को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं : डीजीपी
डीजीपी अशोक कुमार ने साफ तौर पर कहा कि, प्रदेश में पीड़ितों को न्याय दिलाने वाली पुलिसिंग करने वालों को लगातार सम्मान दिया जाएगा. पुलिस की वर्दी की आड़ में अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करने वालों किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. पीड़ितों को दबाकर अपराधियों को संरक्षण देने वाले ऐसे पुलिस कर्मी को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है.
ड्रग्स, साइबर क्राइम, महिला अपराध पर फोकस जरूरी: डीजीपी
राज्य में लगातार मकड़जाल की तरह पांव पसारने वाले अपराध, अवैध नशा तस्करी और साइबर क्राइम जैसे मामलों में प्राथमिकता के तौर पर शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करने के डीजीपी ने प्रदेश पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ड्रग्स व साइबर अपराध मैदानी और पहाड़ी दोनों जिलों में तेज़ी से फेल रहे हैं. ड्रग्स की चपेट में आने वाले बच्चों व नौजवानों का जीवन, भविष्य अंधकार में जा रहा है.
वहीं, महिला अपराध पर प्राथमिकता के तौर पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को कड़े दिशा-निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने कहा कि वर्तमान दौर में मैदानी जिलों की तर्ज पर पहाड़ी जनपदों में भी नाबालिगों और महिला अपराध का बढ़ना बेहद गम्भीर विषय है. ऐसे में महिला अपराध पर बिना देरी किए शिकायत दर्ज करते हुए प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए.