देहरादूनः पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने एसडीआरएफ की तरफ से बनाई गई 'देवभूमि के देवदूत' लघु फिल्म और कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. इस लघु फिल्म में कोरोना काल में संकट मोचक बनकर योद्धा की भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरफ के सराहनीय कार्यों को दर्शाया गया है.
लॉकडाउन के दौरान पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने मसीहा बनकर गरीब, बेसहारा, जरूरतमंद और प्रवासी मजदूरों की काफी मदद की है. प्रदेश में SDRF के जवान करीब 80 हजार से ज्यादा लोगों के बीच राशन वितरित कर चुके हैं. इतना ही नहीं जवानों ने लोगों को खाना खिलाने के साथ फूड पैकेट वितरण का काम भी किया. देहरादून में करीब 58 हजार, हल्द्वानी में करीब 20 हजार प्रवासी मजदूरों को SDRF ने खाना बनाकर खिलाया है.
कोविड-19 से बचाव को लेकर लोगों को किया जागरूक
SDRF टीमों ने पैम्फलेट, लाउड स्पीकर और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक भी किया है. साथ ही ZOOM APP के माध्यम से सैनेटाइजर बनाना, स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिग समेत अन्य विषयों लगातार जानकारी दे रही है. अभी तक SDRF ने 30 हजार से ज्यादा ग्रामीणों, छात्र-छात्राओं, पुलिस प्रांतीय रक्षक दल, होमगार्ड समेत आम लोगों को जागरूक कर प्रशिक्षित कर चुकी है.
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आइसोलेशन वॉर्ड में SDRF की ड्यूटी
प्रदेश के कई जिलों में आइसोलेशन वार्ड में रोजाना SDRF के जवान सुरक्षा ड्यूटी दे रहे हैं. इस जोखिम भरी ड्यूटी में SDRF जवान हर रोज ही मुस्तैद और सतर्क रहते हैं. बीते 15 मार्च को FRI में एक आईएफएस ट्रेनी के संक्रमित होने के साथ ही अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 1200 पार कर चुकी है. ऐसे में अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों की सुरक्षा का दायित्व भी SDRF के ऊपर ही है.
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए तत्पर SDRF की सैनेटाइजेशन टीम
SDRF की टीम कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनेटाइजेशन का जिम्मा भी संभाल रही है. इतना ही नहीं जवान रोजाना ही संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में सैनेटाइजेशन का काम भी कर रहे हैं.
प्रवासियों को घर वापस लाने में SDRF का बड़ा योगदान
SDRF ने 19 अप्रैल से प्रवासियों को घर लाने का अभियान शुरू किया है. सबसे पहले कोटा और मथुरा से प्रवासी छात्रों को वापस लाया गया. उसके बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली से प्रवासी को लाने का अभियान पूरा किया. SDRF ने 3 लाख से ज्यादा प्रवासियों को सकुशल उत्तराखंड लाने में अपना योगदान दिया है.