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मकर संक्रांति: तीर्थनगरी के गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, खूब कर रहे दान-पुण्य

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं. यानी उत्तर की ओर आगमन से ठंड कम होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं.

rishikesh
ऋषिकेश
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Published : Jan 14, 2021, 12:55 PM IST

ऋषिकेश: मकर संक्रांति पर्व पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर भारी संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में स्नान करने के लिए आ रहे हैं और खिचड़ी, अन्न, धन आदि का दान कर रहे हैं. वैदिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का दिन बड़ा शुभ माना जाता है. इसे लेकर धार्मिक परंपराएं और विज्ञान दोनों एकमत हैं.

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं. यानी उत्तर की ओर आगमन से ठंड कम होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करते समय काल को ज्योतिष अध्यात्म व विज्ञान में अति विशिष्ट पल माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी व दक्षिणी छोर के अंतिम बिंदु तक सूर्य की रोशनी सीधी पड़ती है.

शास्त्रों के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के विशेष स्थिति पर वेद मंत्रोच्चारण के साथ जल तीर्थों में जब तक स्नान दान के जरिए तन मन की शुद्ध कर अनुष्ठान का विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने वाला मनुष्य जन्म जन्मांतर निर्धनता से मुक्त हो जाता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान दान आदि करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. लोग सूर्य भगवान की आराधना करने के बाद पितरों को तर्पण देते हैं. जिससे पित्रों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.

पढ़ेंः पूर्व PCC चीफ किशोर उपाध्याय की 'वांटेड' बहू पर 1 हजार का इनाम घोषित, जानें पूरा मामला

इसी को देखते हुए बड़ी संख्या में त्रिवेणी घाट पर लोग मां गंगा में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं और दान आदि कर रहे हैं. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से त्रिवेणी घाट पर पुलिस बल तैनाती की गई है, स्नान घाटों पर जल पुलिस की भी तैनाती की गई है.

ऋषिकेश: मकर संक्रांति पर्व पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर भारी संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में स्नान करने के लिए आ रहे हैं और खिचड़ी, अन्न, धन आदि का दान कर रहे हैं. वैदिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का दिन बड़ा शुभ माना जाता है. इसे लेकर धार्मिक परंपराएं और विज्ञान दोनों एकमत हैं.

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं. यानी उत्तर की ओर आगमन से ठंड कम होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करते समय काल को ज्योतिष अध्यात्म व विज्ञान में अति विशिष्ट पल माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी व दक्षिणी छोर के अंतिम बिंदु तक सूर्य की रोशनी सीधी पड़ती है.

शास्त्रों के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के विशेष स्थिति पर वेद मंत्रोच्चारण के साथ जल तीर्थों में जब तक स्नान दान के जरिए तन मन की शुद्ध कर अनुष्ठान का विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने वाला मनुष्य जन्म जन्मांतर निर्धनता से मुक्त हो जाता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान दान आदि करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. लोग सूर्य भगवान की आराधना करने के बाद पितरों को तर्पण देते हैं. जिससे पित्रों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.

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इसी को देखते हुए बड़ी संख्या में त्रिवेणी घाट पर लोग मां गंगा में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं और दान आदि कर रहे हैं. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से त्रिवेणी घाट पर पुलिस बल तैनाती की गई है, स्नान घाटों पर जल पुलिस की भी तैनाती की गई है.

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