ETV Bharat / state

15 जून के बाद चारधाम यात्रा शुरू करने पर विचार, देवस्थानम बोर्ड ने भेजा प्रस्ताव

चारधाम यात्रा (chardham yatra) उत्तराखंड के लिए धार्मिक ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी काफी अहमियत रखती है. यही कारण है कि अब कोरोना के मामले कम होने के बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (devasthanam board) ने चारधाम यात्रा को शुरू का प्रस्ताव भेजा है.

chardham-yatra
chardham-yatra
author img

By

Published : Jun 12, 2021, 4:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार कम होते ही पर्यटक गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. ताकि प्रदेश का आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. इसके के साथ चरणबद्ध तरीके से चारधाम (chardham yatra) की यात्रा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (devasthanam board) ने चारधाम यात्रा को शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मिलने के बाद यात्रा शुरू की जाएगी.

कोरोना का कारण पिछले दो सालों से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से लोगों का बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इस साल चारधाम के कपाट तो अपने नियत समय पर खोल दिए गए थे, लेकिन श्रद्धालुओं की किसी भी धाम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. ऐसे में चारधामों में सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल धामों में तीर्थ-पुरोहितों और हक-हकूकधारी की पूजा-अर्चना के लिए रुके हुए हैं. हालांकि अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने लगी है, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से चारधाम की यात्रा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा स्थगित होने से GMVN को लगा बड़ा झटका, अब तक 25 लाख का नुकसान

देवस्थानम बोर्ड ने जो प्रस्ताव तैयारी किया है, उसके मुताबिक पिछले साल की तरह इस बार भी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से ही शुरू किया जाएगा. पहले चरण में चारधामों के संबंधित जिलों के लोगों को फिर राज्यों और आखिर में बाहरी प्रदेशों के लोगों की अनुमति दी जाएगी. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को न सिर्फ सीमित रखा जाएगा, बल्कि ई-पास के साथ ही आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट भी अनिवार्य की जाएगी. पिछले साल कोरोना कि पहली लहर के दौरान एक जुलाई से स्थानीय लोगों को चारधाम की यात्रा के लिए अनुमति दी गई थी.

पिछले साल 3.30 लाख श्रद्धालुओं ने किए थे दर्शन

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी चारधाम की यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी क्रम में चारधाम की यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव (proposal for chardham yatra) भेजा गया है. प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद चारधाम की यात्रा को पिछले साल की तरह ही चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जाएगा. बता दें कि कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद पिछले साल एक जुलाई से सरकार यात्रा शुरू करने की अनुमति दी थी. बीते साल 3.30 लाख श्रद्धालु ही चारधाम पहुंच पाए थे.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा राज्य के आर्थिकी से जुड़ी हुई है, ऐसे में राज्य सरकार पहले भी यात्रा को संचालित करना चाह रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया था. हालाांकि अब चारधाम यात्रा को दोबारा से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा को लेकर बाबा रामदेव ने दिया सुझाव, यात्रा प्रारंभ करने की कही बात

वहीं, कांग्रेस के प्रदेष उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की माने तो चारधाम यात्रा को संचालित करना 5 लाख परिवारों के लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि 5 लाख परिवारों की रोजी-रोटी चारधाम की यात्रा पर ही टिकी हुई है. सरकार को सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के बाद ही चारधाम यात्रा शुरू करना चाहिए.

गढ़वाल मंडल विकास निगम को हुआ बड़ा नुकसान

गौरतलब है कि पिछले साल भी कोरोना और लॉकडाउन की वजह से गढ़वाल मंडल विकास निगम को करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था. हालांकि इस साल गढ़वाल मंडल विकास निगम को उम्मीद थी कि वे पिछले साल के घाटे की भरपाई करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से सरकार ने इस साल भी चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया था. यात्रा स्थगित होते ही गढ़वाल विकास निमग की करीब 3.5 करोड़ रुपए की एडवांस बुकिंग कैंसिल हो गई थी, जिसकी वजह से निमग प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार कम होते ही पर्यटक गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. ताकि प्रदेश का आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. इसके के साथ चरणबद्ध तरीके से चारधाम (chardham yatra) की यात्रा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (devasthanam board) ने चारधाम यात्रा को शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मिलने के बाद यात्रा शुरू की जाएगी.

कोरोना का कारण पिछले दो सालों से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से लोगों का बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इस साल चारधाम के कपाट तो अपने नियत समय पर खोल दिए गए थे, लेकिन श्रद्धालुओं की किसी भी धाम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. ऐसे में चारधामों में सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल धामों में तीर्थ-पुरोहितों और हक-हकूकधारी की पूजा-अर्चना के लिए रुके हुए हैं. हालांकि अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने लगी है, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से चारधाम की यात्रा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा स्थगित होने से GMVN को लगा बड़ा झटका, अब तक 25 लाख का नुकसान

देवस्थानम बोर्ड ने जो प्रस्ताव तैयारी किया है, उसके मुताबिक पिछले साल की तरह इस बार भी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से ही शुरू किया जाएगा. पहले चरण में चारधामों के संबंधित जिलों के लोगों को फिर राज्यों और आखिर में बाहरी प्रदेशों के लोगों की अनुमति दी जाएगी. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को न सिर्फ सीमित रखा जाएगा, बल्कि ई-पास के साथ ही आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट भी अनिवार्य की जाएगी. पिछले साल कोरोना कि पहली लहर के दौरान एक जुलाई से स्थानीय लोगों को चारधाम की यात्रा के लिए अनुमति दी गई थी.

पिछले साल 3.30 लाख श्रद्धालुओं ने किए थे दर्शन

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी चारधाम की यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी क्रम में चारधाम की यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव (proposal for chardham yatra) भेजा गया है. प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद चारधाम की यात्रा को पिछले साल की तरह ही चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जाएगा. बता दें कि कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद पिछले साल एक जुलाई से सरकार यात्रा शुरू करने की अनुमति दी थी. बीते साल 3.30 लाख श्रद्धालु ही चारधाम पहुंच पाए थे.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा राज्य के आर्थिकी से जुड़ी हुई है, ऐसे में राज्य सरकार पहले भी यात्रा को संचालित करना चाह रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया था. हालाांकि अब चारधाम यात्रा को दोबारा से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा को लेकर बाबा रामदेव ने दिया सुझाव, यात्रा प्रारंभ करने की कही बात

वहीं, कांग्रेस के प्रदेष उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की माने तो चारधाम यात्रा को संचालित करना 5 लाख परिवारों के लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि 5 लाख परिवारों की रोजी-रोटी चारधाम की यात्रा पर ही टिकी हुई है. सरकार को सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के बाद ही चारधाम यात्रा शुरू करना चाहिए.

गढ़वाल मंडल विकास निगम को हुआ बड़ा नुकसान

गौरतलब है कि पिछले साल भी कोरोना और लॉकडाउन की वजह से गढ़वाल मंडल विकास निगम को करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था. हालांकि इस साल गढ़वाल मंडल विकास निगम को उम्मीद थी कि वे पिछले साल के घाटे की भरपाई करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से सरकार ने इस साल भी चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया था. यात्रा स्थगित होते ही गढ़वाल विकास निमग की करीब 3.5 करोड़ रुपए की एडवांस बुकिंग कैंसिल हो गई थी, जिसकी वजह से निमग प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.