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15 दिन तड़पने के बाद जिंदगी की जंग हारा 'प्रभु', नहीं पसीजा जिम्मेदारों का दिल

व्यापारी पंकज गुप्ता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर सरकार से मदद की गुहार लगाई लेकिन 2 हफ्ते बीतने के बाद भी प्रभु को कोई मदद नहीं मिल सकी और देर रात प्रभु ने जिंदगी और मौत से लड़ते हुए दम तोड़ दिया.

Rishikesh News
15 दिन तड़पने के बाद जिंदगी की जंग हारा 'प्रभु'
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Published : Dec 4, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 5:16 PM IST

ऋषिकेश: हीरालाल मार्ग के पास करंट लगने से बुरी तरह झुलसे बेसहारा प्रभु की 15 दिनों के बाद मौत हो गई. इतने दिनों से लगातार तड़पने के बावजूद भी किसी सरकार के मताहत या फिर समाजसेवी का प्रभु की ओर ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के बावजूद भी प्रभु को उपचार नहीं मिल सका और आखिरकार प्रभु जिंदगी की जंग हार गया.

15 दिन तड़पने के बाद जिंदगी की जंग हारा 'प्रभु'

दरअसल, 16 नवंबर को हीरालाल मार्ग पर करंट लगने से प्रभु नाम का युवक गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसे सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया गया. वहां प्रभु को एम्स रेफर कर दिया गया, मगर एम्स में भी प्रभु को इलाज नहीं मिला. दून अस्पताल प्रशासन ने भी बिना तीमारदार के प्रभु का इलाज करने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे में बेसहारा प्रभु हीरालाल मार्ग पर ही जिंदगी और मौत के बीच जूझने लगा.

पढ़ें-जबरन फीस वसूली पर HC सख्त, 11 दिसंबर तक हल निकालने का आदेश

इस दौरान व्यापारी पंकज गुप्ता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर सरकार से मदद की गुहार लगाई लेकिन 2 हफ्ते बीतने के बाद भी प्रभु को कोई मदद नहीं मिल सकी और देर रात प्रभु ने जिंदगी और मौत से लड़ते हुए दम तोड़ दिया.

ऋषिकेश: हीरालाल मार्ग के पास करंट लगने से बुरी तरह झुलसे बेसहारा प्रभु की 15 दिनों के बाद मौत हो गई. इतने दिनों से लगातार तड़पने के बावजूद भी किसी सरकार के मताहत या फिर समाजसेवी का प्रभु की ओर ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के बावजूद भी प्रभु को उपचार नहीं मिल सका और आखिरकार प्रभु जिंदगी की जंग हार गया.

15 दिन तड़पने के बाद जिंदगी की जंग हारा 'प्रभु'

दरअसल, 16 नवंबर को हीरालाल मार्ग पर करंट लगने से प्रभु नाम का युवक गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसे सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया गया. वहां प्रभु को एम्स रेफर कर दिया गया, मगर एम्स में भी प्रभु को इलाज नहीं मिला. दून अस्पताल प्रशासन ने भी बिना तीमारदार के प्रभु का इलाज करने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे में बेसहारा प्रभु हीरालाल मार्ग पर ही जिंदगी और मौत के बीच जूझने लगा.

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इस दौरान व्यापारी पंकज गुप्ता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर सरकार से मदद की गुहार लगाई लेकिन 2 हफ्ते बीतने के बाद भी प्रभु को कोई मदद नहीं मिल सकी और देर रात प्रभु ने जिंदगी और मौत से लड़ते हुए दम तोड़ दिया.

Last Updated : Dec 4, 2020, 5:16 PM IST
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