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कोरोना महामारी में बढ़ रहे हैं डिप्रेशन के मामले, जानें क्या है विशेषज्ञों की सलाह - कोरोना में बढ़ता डिप्रेशन

कोरोना महामारी के दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के बीच डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने लोगों को काउंसलर की मदद लेने को कहा है, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी की गई है.

कोरोना में डिप्रेशन में जा रहे हैं लोग
कोरोना में डिप्रेशन में जा रहे हैं लोग
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Published : May 23, 2021, 10:47 AM IST

Updated : May 23, 2021, 12:30 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना के चलते कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में अभी तक कोरोना की वजह से 5734 लोगों की मौत हुई है. उत्तराखंड में कोरोना डेथ रेट 1.85% है. वहीं कई लोगों को कोरोना की वजह से नौकरी गंवानी पड़ी है. कोरोना लोगों पर इस कदर हावी हो गया है कि लोग होम आइसोलेशन में डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं.जानें क्या है विशेषज्ञों की सलाह...

डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के लक्षण

कोरोना और ब्लैक फंगस का डर बन रहा डिप्रेशन की वजह
विशेषज्ञों की मानें तो लोग इस दौरान तेजी से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. लोग इन बीमारियों को लेकर इतना डर चुके हैं कि इन दिनों डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है. उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डीआईजी नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक कोरोना महामारी के साथ-साथ राज्य में ब्लैक फंगस संक्रमण फैलने के कारण हर व्यक्ति को यही लग रहा है कि उसे भी कोरोना या ब्लैक फंगस हो सकता है.

डिप्रेशन से बचने के उपाय
डिप्रेशन से बचने के उपाय

डीआईजी भरणे के मुताबिक उनके द्वारा प्रदेश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों और मेडिकल काउंसलरों से जानकारी जुटाई गई, जिसमें पता चला कि मानसिक रूप से अब हर व्यक्ति को राज्य में अनिश्चितता व भय सता रहा है. ऐसे में लोग तेजी से डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं.वहीं देश भर की बात करें तो इस कोरोना संकट काल की वजह से 70 लाख कामकाजी लोग अब तक बेरोजगार हो चुके हैं. उधर उत्तराखंड राज्य की बात करें तो यहां के एक लाख 18 हजार प्रवासी नौकरी छूटने से घर आ चुके हैं. जो इस कोरोनाकाल में नौकरी गंवाने की वजह से तनाव से गुजर रहे हैं.

डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें
डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें
मानसिक तनाव को दूर करने के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर 104
मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी भरणे के मुताबिक कोरोना व ब्लैक फंगस जैसी खतरनाक बीमारी के चलते तनाव में आने वाले लोगों के लिए विशेषज्ञों से परामर्श के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. यह नंबर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन चिकित्सा व परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड द्वारा जनहित में जारी किया गया है. इसमें 100 से अधिक प्रशिक्षित काउंसलर 24 घंटे उपलब्ध हैं जो टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को काउंसलिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं महामारी के दौरान मानसिक तनाव में आने वाले रोगियों को ऋषिकेश एम्स के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉक्टर राजीव गुप्ता भी मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: नई भर्तियों से नाराज हुआ नर्सिंग स्टाफ, सरकार को दिया सामूहिक इस्तीफे का अल्टीमेटम

बीएसनल की मदद से किया गया है सॉफ्टवेयर विकसित
उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डीआईजी नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक मानसिक स्वास्थ्य परामर्श काउंसलिंग के लिए बीएसएनएल के सहयोग से सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसमें रोजाना 25 लोगों के कॉल हेल्पलाइन नंबर 104 से प्राप्त हो रहे हैं. अब तक 1154 लोगों विशेषज्ञों द्वारा मदद मिल चुकी है.


मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डीआईजी भरणे के मुताबिक जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, ऐसे लोगों को राज्य भर में मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता (काउंसलर ) होम आइसोलेशन में टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काउंसलिंग कर रहे हैं. ऐसे में यदि आपको लगे कि आप डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं तो इसकी पहचान करें, मानसिक चिकित्सकों की सलाह लें और फिर डिप्रेशन से छूटकारा पाएं.

डिप्रेशन के लक्षण

  • नींद और भूख ना लगना.
  • दिन-रात एक ही ख्याल दिमाग में आना.
  • धड़कनें तेज चलना, पसीना आना.
  • किसी भी काम में ध्यान व मन न लगना .
  • चिड़चिड़ापन होना.

डिप्रेशन से बचने के उपाय

⦁ स्वास्थ्य परामर्श काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें.

⦁ अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करें.

⦁ पोष्टिक आहार का सेवन करें.

⦁ पूरी नींद लें.

⦁ मनोरंजन गतिविधियों में भाग लें.

⦁ किताबे पढ़ें, संगीत सुनें.

⦁ नियमित व्यायाम व योग करें.

डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें

⦁ लगातार टीवी ना देखें.

⦁ नकारात्मक विचारों से दूर रहें.

⦁ धुम्रपान व मदिरा का सेवन ना करें.

⦁ अनावश्यक घर से बाहर ना घूमें.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना के चलते कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में अभी तक कोरोना की वजह से 5734 लोगों की मौत हुई है. उत्तराखंड में कोरोना डेथ रेट 1.85% है. वहीं कई लोगों को कोरोना की वजह से नौकरी गंवानी पड़ी है. कोरोना लोगों पर इस कदर हावी हो गया है कि लोग होम आइसोलेशन में डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं.जानें क्या है विशेषज्ञों की सलाह...

डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के लक्षण

कोरोना और ब्लैक फंगस का डर बन रहा डिप्रेशन की वजह
विशेषज्ञों की मानें तो लोग इस दौरान तेजी से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. लोग इन बीमारियों को लेकर इतना डर चुके हैं कि इन दिनों डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है. उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डीआईजी नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक कोरोना महामारी के साथ-साथ राज्य में ब्लैक फंगस संक्रमण फैलने के कारण हर व्यक्ति को यही लग रहा है कि उसे भी कोरोना या ब्लैक फंगस हो सकता है.

डिप्रेशन से बचने के उपाय
डिप्रेशन से बचने के उपाय

डीआईजी भरणे के मुताबिक उनके द्वारा प्रदेश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों और मेडिकल काउंसलरों से जानकारी जुटाई गई, जिसमें पता चला कि मानसिक रूप से अब हर व्यक्ति को राज्य में अनिश्चितता व भय सता रहा है. ऐसे में लोग तेजी से डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं.वहीं देश भर की बात करें तो इस कोरोना संकट काल की वजह से 70 लाख कामकाजी लोग अब तक बेरोजगार हो चुके हैं. उधर उत्तराखंड राज्य की बात करें तो यहां के एक लाख 18 हजार प्रवासी नौकरी छूटने से घर आ चुके हैं. जो इस कोरोनाकाल में नौकरी गंवाने की वजह से तनाव से गुजर रहे हैं.

डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें
डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें
मानसिक तनाव को दूर करने के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर 104
मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी भरणे के मुताबिक कोरोना व ब्लैक फंगस जैसी खतरनाक बीमारी के चलते तनाव में आने वाले लोगों के लिए विशेषज्ञों से परामर्श के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. यह नंबर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन चिकित्सा व परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड द्वारा जनहित में जारी किया गया है. इसमें 100 से अधिक प्रशिक्षित काउंसलर 24 घंटे उपलब्ध हैं जो टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को काउंसलिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं महामारी के दौरान मानसिक तनाव में आने वाले रोगियों को ऋषिकेश एम्स के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉक्टर राजीव गुप्ता भी मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: नई भर्तियों से नाराज हुआ नर्सिंग स्टाफ, सरकार को दिया सामूहिक इस्तीफे का अल्टीमेटम

बीएसनल की मदद से किया गया है सॉफ्टवेयर विकसित
उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डीआईजी नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक मानसिक स्वास्थ्य परामर्श काउंसलिंग के लिए बीएसएनएल के सहयोग से सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसमें रोजाना 25 लोगों के कॉल हेल्पलाइन नंबर 104 से प्राप्त हो रहे हैं. अब तक 1154 लोगों विशेषज्ञों द्वारा मदद मिल चुकी है.


मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डीआईजी भरणे के मुताबिक जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, ऐसे लोगों को राज्य भर में मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता (काउंसलर ) होम आइसोलेशन में टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काउंसलिंग कर रहे हैं. ऐसे में यदि आपको लगे कि आप डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं तो इसकी पहचान करें, मानसिक चिकित्सकों की सलाह लें और फिर डिप्रेशन से छूटकारा पाएं.

डिप्रेशन के लक्षण

  • नींद और भूख ना लगना.
  • दिन-रात एक ही ख्याल दिमाग में आना.
  • धड़कनें तेज चलना, पसीना आना.
  • किसी भी काम में ध्यान व मन न लगना .
  • चिड़चिड़ापन होना.

डिप्रेशन से बचने के उपाय

⦁ स्वास्थ्य परामर्श काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें.

⦁ अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करें.

⦁ पोष्टिक आहार का सेवन करें.

⦁ पूरी नींद लें.

⦁ मनोरंजन गतिविधियों में भाग लें.

⦁ किताबे पढ़ें, संगीत सुनें.

⦁ नियमित व्यायाम व योग करें.

डिप्रेशन के दौरान इन चीजों से बचें

⦁ लगातार टीवी ना देखें.

⦁ नकारात्मक विचारों से दूर रहें.

⦁ धुम्रपान व मदिरा का सेवन ना करें.

⦁ अनावश्यक घर से बाहर ना घूमें.

Last Updated : May 23, 2021, 12:30 PM IST
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