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वन प्रहरियों के लिए बजट की व्यवस्था करेगा विभाग, हजारों प्रहरियों पर बेरोजगारी का संकट - Uttarakhand latest news

पिछली भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 10,000 वन प्रहरी रखे जाने की घोषणा की गई और इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने का भी दावा किया गया. वहीं, अब करीब 5 महीने चली इस योजना को 31 मार्च को समाप्त कर दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब कैंपा के तहत इस योजना के मद में बजट नहीं मिल रहा है.

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वन प्रहरियों के लिए बजट की व्यवस्था करेगा विभाग.
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Published : Apr 3, 2022, 5:22 PM IST

देहरादून: इसे सरकारी सिस्टम की लापरवाही कहे या फिर बिना प्लान के तैयार की गई योजना, जिसके कारण हजारों वन प्रहरियों के सामने अब बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, कैंपा के तहत रखे गए वन प्रहरियों को लेकर अब बजट की व्यवस्था खत्म हो गई है. जिसकी वजह से यह प्रहरी वन विभाग के सिस्टम से बाहर हो गए हैं. हालांकि, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन प्रहरियों को लेकर विभाग में नई व्यवस्था बनाने की बात कही है.

बता दें कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 10,000 वन प्रहरी रखे जाने की घोषणा की गई और इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने का भी दावा किया गया. पिछली सरकार में हजारों वन प्रहरी अपने अपने गांव क्षेत्रों में वन प्रहरी के रूप में काम भी करने लगे, इस व्यवस्था के कारण कई लोगों ने छोटी-मोटी नौकरी होने की वजह से रिवर्स पलायन भी किया और गांव में ही ₹8000 महीना कि इसी योजना का लाभ भी लिया.

वन प्रहरियों के लिए बजट की व्यवस्था करेगा विभाग..

पढ़ें- कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के घर पहुंचे दो बड़े पूर्व अधिकारी, चर्चाओं को बाजार गर्म

वहीं, अब करीब 5 महीने चली इस योजना को 31 मार्च को समाप्त कर दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब कैंपा के तहत इस योजना के मद में बजट नहीं मिल रहा है. इस मामले को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वह इस मामले को दिखा रहे हैं और विभाग में ऐसी कई कमियां है. जिनको सुधारे जाने की जरूरत है. इसके अलावा विभाग फॉरेस्ट फायर को देखते हुए ऐसे लोगों की सेवाएं लेने के लिए बजट की व्यवस्था करने की कोशिश भी कर रहा है.

देहरादून: इसे सरकारी सिस्टम की लापरवाही कहे या फिर बिना प्लान के तैयार की गई योजना, जिसके कारण हजारों वन प्रहरियों के सामने अब बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, कैंपा के तहत रखे गए वन प्रहरियों को लेकर अब बजट की व्यवस्था खत्म हो गई है. जिसकी वजह से यह प्रहरी वन विभाग के सिस्टम से बाहर हो गए हैं. हालांकि, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन प्रहरियों को लेकर विभाग में नई व्यवस्था बनाने की बात कही है.

बता दें कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 10,000 वन प्रहरी रखे जाने की घोषणा की गई और इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने का भी दावा किया गया. पिछली सरकार में हजारों वन प्रहरी अपने अपने गांव क्षेत्रों में वन प्रहरी के रूप में काम भी करने लगे, इस व्यवस्था के कारण कई लोगों ने छोटी-मोटी नौकरी होने की वजह से रिवर्स पलायन भी किया और गांव में ही ₹8000 महीना कि इसी योजना का लाभ भी लिया.

वन प्रहरियों के लिए बजट की व्यवस्था करेगा विभाग..

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वहीं, अब करीब 5 महीने चली इस योजना को 31 मार्च को समाप्त कर दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब कैंपा के तहत इस योजना के मद में बजट नहीं मिल रहा है. इस मामले को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वह इस मामले को दिखा रहे हैं और विभाग में ऐसी कई कमियां है. जिनको सुधारे जाने की जरूरत है. इसके अलावा विभाग फॉरेस्ट फायर को देखते हुए ऐसे लोगों की सेवाएं लेने के लिए बजट की व्यवस्था करने की कोशिश भी कर रहा है.

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