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सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे डेंटिस्ट, पुनः नियुक्ति की मांग - Uttarakhand Dental Association

देहरादून में अपनी मांगों को लेकर दंत चिकित्सक (Dentists) का प्रदर्शन जारी है. दंत चिकित्सकों ने गांधी पार्क के सामने बैठकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है.

Dentist protest
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Published : Nov 29, 2021, 2:01 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 2:07 PM IST

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने दंत चिकित्सकों (Dentists) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दंत चिकित्सकों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. इसीलिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुना है. दंत चिकित्सक अपनी पुनः नियुक्ति की मांग कर रहे हैं.

उत्तराखंड स्टेट डेंटल सर्जन एसोसिएशन (Uttarakhand Dental Association) के प्रवक्ता डॉ ज्योति चौहान ने कहा कि जब राज्य में कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो सभी दंत चिकित्सकों की सेवाएं 31 अगस्त 2021 को समाप्त कर दी गई. ऐसे में दंत चिकित्सक अब बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कोविड-19 में कार्य कर चुके सभी दंत चिकित्सकों की पुनः बहाली दी जाए.

सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे डेंटिस्ट.

पढ़ें: देहरादून में अधिकारी समेत सेना के चार जवान कोरोना संक्रमित मिले, प्रदेश में फिर पैर पसारने लगा कोविड

डॉ नम्रता का कहना है कि प्रदेश में प्रति वर्ष 400 दंत चिकित्सक पंजीकरण करवाते है. लेकिन प्रदेश में दंत चिकित्सकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई पद ही नहीं है, उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि प्रदेश का नागरिक निजी अस्पताल जाकर इलाज करा पाए, जबकि वर्तमान में ढाई हजार से अधिक दंत चिकित्सक बेरोजगार हैं. जोकि अपनी सेवा प्रदान करने के लिए दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों में जाने को तैयार है, इसके बावजूद सरकार उनसे सेवाएं देने में कतरा रही है.

पढ़ें: हल्द्वानी डीआरडीओ हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत

आंदोलनरत डेंटल सर्जन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में विपरीत परिस्थितियों में दंत चिकित्सकों ने अपने और अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर विभिन्न जिलों में दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों में जाकर अपनी सेवाएं प्रदान की है. ऐसे में सरकार को उन्हें पुनः बहाल करना चाहिए.

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने दंत चिकित्सकों (Dentists) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दंत चिकित्सकों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. इसीलिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुना है. दंत चिकित्सक अपनी पुनः नियुक्ति की मांग कर रहे हैं.

उत्तराखंड स्टेट डेंटल सर्जन एसोसिएशन (Uttarakhand Dental Association) के प्रवक्ता डॉ ज्योति चौहान ने कहा कि जब राज्य में कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो सभी दंत चिकित्सकों की सेवाएं 31 अगस्त 2021 को समाप्त कर दी गई. ऐसे में दंत चिकित्सक अब बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कोविड-19 में कार्य कर चुके सभी दंत चिकित्सकों की पुनः बहाली दी जाए.

सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे डेंटिस्ट.

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डॉ नम्रता का कहना है कि प्रदेश में प्रति वर्ष 400 दंत चिकित्सक पंजीकरण करवाते है. लेकिन प्रदेश में दंत चिकित्सकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई पद ही नहीं है, उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि प्रदेश का नागरिक निजी अस्पताल जाकर इलाज करा पाए, जबकि वर्तमान में ढाई हजार से अधिक दंत चिकित्सक बेरोजगार हैं. जोकि अपनी सेवा प्रदान करने के लिए दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों में जाने को तैयार है, इसके बावजूद सरकार उनसे सेवाएं देने में कतरा रही है.

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आंदोलनरत डेंटल सर्जन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में विपरीत परिस्थितियों में दंत चिकित्सकों ने अपने और अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर विभिन्न जिलों में दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों में जाकर अपनी सेवाएं प्रदान की है. ऐसे में सरकार को उन्हें पुनः बहाल करना चाहिए.

Last Updated : Nov 29, 2021, 2:07 PM IST
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