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नहीं थम रहा डेंगू का डंक, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मी भी चपेट में

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Published : Sep 18, 2019, 8:10 AM IST

Updated : Sep 18, 2019, 9:15 AM IST

राजधानी दून में डेंगू के प्रकोप से न तो पुलिसकर्मी बच पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी इससे बच पा रहे हैं. इसके चलते अस्पतालों की जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं.

डेंगू के प्रकोप से अस्पतालों की बढ़ी मुश्किलें.

देहरादून: प्रदेश में डेंगू का प्रकोप इस कदर से फैला हुआ है कि कई लोग इससे प्रभावित नजर आ रहे हैं. दून अस्पताल सहित गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय और कोरोनेशन अस्पताल में डेंगू की जांच को लेकर मरीजों के खून के सैंपल्स लगातार आ रहे हैं. वहीं, पुलिस और स्वास्थ्य महकमें में भी कई डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही राजधानी में लोग डेंगू से उबरने के लिये गिलोए, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध तलाश रहे हैं.

डेंगू के प्रकोप से अस्पतालों की बढ़ी मुश्किलें.

राजधानी दून में डेंगू के प्रकोप से न तो पुलिसकर्मी बच पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी. वहीं, सूत्रों से पता चला है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही करीब 6 स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू हो चुका है, इनमें से कुछ कर्मी ऐसे हैं जो स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने काम पर लौट आए हैं. इधर डेंगू के डंक ने पुलिस को भी पस्त कर दिया है.

दरअसल, देहरादून के थाना रायपुर में दो दर्जन से ज्यादा कर्मियों को बीते दिनों डेंगू होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद थाना डालनवाला में 10 पुलिसकर्मी डेंगू और वायरल बुखार की चपेट में आ गए थे. इसके बाद अलग-अलग थाना चौकियों में भी पुलिसकर्मियों को डेंगू होने की शिकायत आने लगी. इसके साथ ही एसएसपी कार्यालय में तैनात पीआरओ सेक्शन के दरोगा और हेड कांस्टेबल को डेंगू होने की शिकायत सामने आई थी.

ये भी पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर किया फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन, बोले- उनके जीवन से ली सीख

ऐसे में जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मचारियों को डेंगू होने के कारण अब पुलिस प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा पुलिस लाइन में जिलाधिकारी और एसएसपी सहित संबंधित अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को अपने-अपने थाना चौकी स्तर पर डेंगू से बचने और जागरूक करने के उपाय बताए हैं.

दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि दून अस्पताल में 530 से ऊपर बेड हैं, जबकि यहां ज्यादा मरीजों के कारण सभी वॉर्ड फुल चल रहे हैं. डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बरामदे और कॉरिडोर में अतिरिक्त अस्थाई व्यवस्था के तहत बेडों की व्यवस्था की गई है. जिसमे डेंगू से बीमार मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं. अस्पताल के पास जितना भी स्पेस उपलब्ध है उसे डेंगू मरीजों के लिए यूटिलाइज किया जा रहा है.

देहरादून: प्रदेश में डेंगू का प्रकोप इस कदर से फैला हुआ है कि कई लोग इससे प्रभावित नजर आ रहे हैं. दून अस्पताल सहित गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय और कोरोनेशन अस्पताल में डेंगू की जांच को लेकर मरीजों के खून के सैंपल्स लगातार आ रहे हैं. वहीं, पुलिस और स्वास्थ्य महकमें में भी कई डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही राजधानी में लोग डेंगू से उबरने के लिये गिलोए, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध तलाश रहे हैं.

डेंगू के प्रकोप से अस्पतालों की बढ़ी मुश्किलें.

राजधानी दून में डेंगू के प्रकोप से न तो पुलिसकर्मी बच पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी. वहीं, सूत्रों से पता चला है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही करीब 6 स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू हो चुका है, इनमें से कुछ कर्मी ऐसे हैं जो स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने काम पर लौट आए हैं. इधर डेंगू के डंक ने पुलिस को भी पस्त कर दिया है.

दरअसल, देहरादून के थाना रायपुर में दो दर्जन से ज्यादा कर्मियों को बीते दिनों डेंगू होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद थाना डालनवाला में 10 पुलिसकर्मी डेंगू और वायरल बुखार की चपेट में आ गए थे. इसके बाद अलग-अलग थाना चौकियों में भी पुलिसकर्मियों को डेंगू होने की शिकायत आने लगी. इसके साथ ही एसएसपी कार्यालय में तैनात पीआरओ सेक्शन के दरोगा और हेड कांस्टेबल को डेंगू होने की शिकायत सामने आई थी.

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ऐसे में जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मचारियों को डेंगू होने के कारण अब पुलिस प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा पुलिस लाइन में जिलाधिकारी और एसएसपी सहित संबंधित अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को अपने-अपने थाना चौकी स्तर पर डेंगू से बचने और जागरूक करने के उपाय बताए हैं.

दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि दून अस्पताल में 530 से ऊपर बेड हैं, जबकि यहां ज्यादा मरीजों के कारण सभी वॉर्ड फुल चल रहे हैं. डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बरामदे और कॉरिडोर में अतिरिक्त अस्थाई व्यवस्था के तहत बेडों की व्यवस्था की गई है. जिसमे डेंगू से बीमार मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं. अस्पताल के पास जितना भी स्पेस उपलब्ध है उसे डेंगू मरीजों के लिए यूटिलाइज किया जा रहा है.

Intro: डेंगू के प्रकोप से हर प्रकार का व्यक्ति प्रभावित नजर आ रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों का आलम यह है कि सभी अस्पतालों में डेंगू के मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं।दून अस्पताल सहित गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय और कोरोनेशन अस्पतालों में डेंगू की जांच को लेकर मरीजों के खून के सैंपल्स लगातार आ रहे हैं। राजधानी के हालात यह हो गए हैं कि लोग अपनों को डेंगू से उबारने के लिये गिलोइ, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध तलाश रहे हैं। हालात ऐसे है कि सरकारी और निजी अस्पतालों और नर्सिंगहोम्स में डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, शहर में बढ़ रहे डेंगू मरीजों के बाद नारियल पानी बेचने वालों की डिमांड भी बढ़ गई है।


Body:वहीं राजधानी देहरादून में डेंगू के डंक ने ना ही पुलिसकर्मियों को छोड़ा है और ना ही स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारियों पर दरियादिली दिखाई है। सूत्रों द्वारा पता चला है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही करीब 6 स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू हो चुका है, इनमें से कुछ कर्मी ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने काम पर लौट आए हैं। इधर डेंगू के डंक ने पुलिस को भी पस्त कर दिया है। दरअसल देहरादून के थाना रायपुर में दो दर्जन से ज्यादा कर्मियों को बीते दिनों डेंगू होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद थाना डालनवाला में 10 पुलिसकर्मी डेंगू और वायरल की चपेट में आए थे, इसके बाद अलग-अलग थाना चौकियों में भी भी पुलिसकर्मियों को डेंगू होने की शिकायत आती रही। बीते एसएसपी कार्यालय में तैनात पीआरओ सेक्शन के दरोगा व हैड कांस्टेबल को डेंगू होने की शिकायत सामने आई थी। वर्तमान परिस्थितियां भी इससे भिन्न नहीं है, कुछ रोज पहले देहरादून एसएसपी आवास आवास कैंप ऑफिस में कार्यरत है पुलिसकर्मियों को डेंगू की शिकायत पर समुचित उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था।
ऐसे में जनता की जान माल की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मचारियों को भारी संख्या में डेंगू होने के चलते अब पुलिस प्रशासन ने ही देहरादून के सभी 100 वार्डों में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की मदद से डेंगू की रोकथाम के साथ ही जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा पुलिस लाइन में जिलाधिकारी और एसएसपी सहित संबंधित अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को अपने-अपने थाना चौकी स्तर पर अलग-अलग वार्डों में जाकर डेंगू से बचने और जागरूक करने के उपाय बताए हैं।
वहीं उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज के रूप में कहलाए जाने वाले दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आशुतोष सयाना के अनुसार दून अस्पताल में 530 से ऊपर बेड हैं। जबकि यहां भर्ती मरीजों से सभी वॉर्डफुल चल रहे हैं डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बरामदे और कॉरिडोर में अतिरिक्त अस्थाई व्यवस्था के तहत बेडों की व्यवस्था की है।जिसमे डेंगू से बीमार मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं। अस्पताल के पास जितनी भी स्पेस उपलब्ध है उस स्पेस को डेंगू मरीजों के लिए यूटिलाइज किया जा रहा है।

बाईट-डॉ आशुतोष सयाना, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion:dengu cases-17-9-2019 cumlative
1-Doon hospital-40- 979
2-Gandhi Eye
Hospital -36- 448
3-Coronation
Hospital। -87- 479
4-SPS Rishikesh
Hospital -69- 192
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Total- 232 2098
Last Updated : Sep 18, 2019, 9:15 AM IST
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