देहरादून: प्रदेश में डेंगू का प्रकोप इस कदर से फैला हुआ है कि कई लोग इससे प्रभावित नजर आ रहे हैं. दून अस्पताल सहित गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय और कोरोनेशन अस्पताल में डेंगू की जांच को लेकर मरीजों के खून के सैंपल्स लगातार आ रहे हैं. वहीं, पुलिस और स्वास्थ्य महकमें में भी कई डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही राजधानी में लोग डेंगू से उबरने के लिये गिलोए, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध तलाश रहे हैं.
राजधानी दून में डेंगू के प्रकोप से न तो पुलिसकर्मी बच पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी. वहीं, सूत्रों से पता चला है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही करीब 6 स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू हो चुका है, इनमें से कुछ कर्मी ऐसे हैं जो स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने काम पर लौट आए हैं. इधर डेंगू के डंक ने पुलिस को भी पस्त कर दिया है.
दरअसल, देहरादून के थाना रायपुर में दो दर्जन से ज्यादा कर्मियों को बीते दिनों डेंगू होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद थाना डालनवाला में 10 पुलिसकर्मी डेंगू और वायरल बुखार की चपेट में आ गए थे. इसके बाद अलग-अलग थाना चौकियों में भी पुलिसकर्मियों को डेंगू होने की शिकायत आने लगी. इसके साथ ही एसएसपी कार्यालय में तैनात पीआरओ सेक्शन के दरोगा और हेड कांस्टेबल को डेंगू होने की शिकायत सामने आई थी.
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ऐसे में जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मचारियों को डेंगू होने के कारण अब पुलिस प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा पुलिस लाइन में जिलाधिकारी और एसएसपी सहित संबंधित अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को अपने-अपने थाना चौकी स्तर पर डेंगू से बचने और जागरूक करने के उपाय बताए हैं.
दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि दून अस्पताल में 530 से ऊपर बेड हैं, जबकि यहां ज्यादा मरीजों के कारण सभी वॉर्ड फुल चल रहे हैं. डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बरामदे और कॉरिडोर में अतिरिक्त अस्थाई व्यवस्था के तहत बेडों की व्यवस्था की गई है. जिसमे डेंगू से बीमार मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं. अस्पताल के पास जितना भी स्पेस उपलब्ध है उसे डेंगू मरीजों के लिए यूटिलाइज किया जा रहा है.