देहरादून: राजधानी में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. समूचे प्रदेश में अबतक 3609 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के ने दून मेडिकल कॉलेज के अलावा कोरोनेशन अस्पताल, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में डेंगू के जांच की अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराई थी. वहीं अब डेंगू की जांच रायपुर क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी हो सकेगी. जिसके बाद अब रायपुर के मरीजों को दून अस्तपाल या कोरोनेशन अस्पताल नहीं आना पड़ेगा.
वायरल बुखार से पीड़ित मरीज अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में एलाइजा जांच करवा सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देहरादून के आसपास की पीएचसी में जरूरत पड़ने पर डेंगू मरीजों का ब्लड सैंपल कलेक्शन का कार्य भी किया जाएगा. विभाग के मुताबिक अस्पतालों में डेंगू जांच के लिए मरीजों की संख्या बढ़ने पर दो निजी पैथोलॉजी के साथ अनुबंध भी किया गया है. हालांकि, देहरादून में कई निजी पैथोलॉजी सेंटरों में अनियमितताएं भी पाई जा रही हैं. जिसको देखते हुए सीएमओ द्वारा गठित टीम ने बीते बृहस्पतिवार को देहरादून के कई पैथालॉजी सेंटरों और मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण करते हुए कई घोर अनियमितताएं पकड़ी थी. जिसके बाद एक पैथोलॉजी सेंटर और एक मेडिकल स्टोर को सीज कर दिया है.
राज्यपाल ने उच्चाधिकारियों को किया तलब
डेंगू के बढ़ते मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने स्वास्थ्य महानिदेशक, स्वास्थ्य सचिव सहित नगर आयुक्त को तलब किया है. डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए खुद राज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों को नाकाफी बताया है. उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तत्काल डेंगू की रोकथाम की जाए. उन्होंने डेंगू के बढ़ते दुष्प्रभाव को रोकने के लिए अधिकारियों से कहा है कि प्रत्येक वार्ड में नियमित फॉगिंग करवाई जाएं.
आंकड़े हैरान करने वाले
दरअसल, डेंगू के प्रकोप से पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं. इसके साथ ही डीएवी कॉलेज के करीब 15 प्रोफेसरों में भी डेंगू की पुष्टि हुई है. तो वहीं 100 से अधिक पुलिसकर्मियों में डेंगू की चपेट में हैं. आलम यह है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मे तैनात स्वास्थ्य कर्मियों में से 7 से अधिक कर्मचारियों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.