देहरादून: पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है. जिस कारण परिवहन संचालको को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. परिवहन संचालको को हो रही परशानी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने 3 महीने का टैक्स माफ करने की बात कही है, जिसको लेकर टैक्सी संचालक अभी भी संतुष्ट नहीं है. एसोसिएशन की मांग है कि 1 साल का टैक्स माफ किया जाना चाहिए, साथ ही फिटनेस में भी छूट मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार ने 3 महीने का टैक्स माफ कर हम लोगों के साथ छलावा किया है.
बता दें, लॉकडाउन का असर टैक्सी चालकों पर भी पड़ा है, बीते साल तक जहां इन दिनों पर्यटन सीजन के साथ ही शादी ब्याह का सीजन चरम में होता था, जिससे टैक्सी चालक अपना और परिवार का भरण पोषण करते थे. पर अबकी बार यह भी ठप हो गया है, जिसकी वजह से चालक बेहद परेशान हैं. वाहन स्वामियों को बैंक ऋण की चिंता भी सताने लगी है. वाहन स्वामी व चालकों ने सरकार से इस महामारी के दौर में मदद को देखते हुए बैंक ऋण माफ कर व आर्थिक मदद देने की मांग की है, साथ ही उन्होंने वाहनों का बीमा एक साल तक की अवधि के लिए माफ करने, वाहनों का फिटनेस एक साल तक आगे बढ़ाने की मांग की है.
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वहीं, मिनी टैक्सी यूनियन के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि जिस तरीके से लॉकडाउन लगातार जारी है, इसके कारण हम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, लेकिन सरकार ने 3 महीने का टैक्स माफ कर हम लोगों को धोखा दिया है. हम चाहते हैं कि 1 साल का टैक्स माफ किया जाना चाहिए. साथ ही फिटनेस में भी छूट मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार ने 3 महीने का टैक्स माफ कर हम लोगों के साथ छलावा किया है.