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पंचायती राज एक्ट में संशोधन का विरोध, कोर्ट जाने की चेतावनी - हिंदी न्यूज

संशोधन के दौरान शिक्षा के मानकों के अनुरूप और 2 से अधिक बच्चों के होने पर चुनाव ना लड़ने का प्रावधान किया गया है. इस विधेयक का पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने विरोध जताया है.

विधेयक में संशोधन की मांग करते प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट.
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Published : Jul 4, 2019, 10:34 AM IST

मसूरी: पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने शिक्षा मानकों और 2 बच्चों से अधिक पर चुनाव न लड़ने वाले विधेयक को अव्यवहारिक बताया. साथ ही विधेयक में संशोधन न करने पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में भी जाने की बात कही. वहीं, विधेयक में संशोधन के लिए प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे.

पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 में राज्य सरकार ने विधानसभा सत्र में संशोधन विधेयक पारित कर दिया है. इस विधेयक में कई खामियां हैं.

विधेयक में संशोधन की मांग करते प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट.

उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक का अध्ययन करने से पता लगा कि विधेयक में सभी जाति वर्ग का उल्लेख है. लेकिन, ओबीसी जाति का उल्लेख नहीं है, जिसकी राज्य में जनसंख्या 14 प्रतिशत है.

मसूरी: पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने शिक्षा मानकों और 2 बच्चों से अधिक पर चुनाव न लड़ने वाले विधेयक को अव्यवहारिक बताया. साथ ही विधेयक में संशोधन न करने पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में भी जाने की बात कही. वहीं, विधेयक में संशोधन के लिए प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे.

पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 में राज्य सरकार ने विधानसभा सत्र में संशोधन विधेयक पारित कर दिया है. इस विधेयक में कई खामियां हैं.

विधेयक में संशोधन की मांग करते प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट.

उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक का अध्ययन करने से पता लगा कि विधेयक में सभी जाति वर्ग का उल्लेख है. लेकिन, ओबीसी जाति का उल्लेख नहीं है, जिसकी राज्य में जनसंख्या 14 प्रतिशत है.

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पंचायत जन जन अधिकार रक्षा मंच उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने बुधवार को मसूरी के होटल में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 में राज्य सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में संशोधन विधेयक पारित कर दिया है जिसमें कई खामियां हैं उन्होंने बताया कि संशोधन विधेयक के अध्ययन करने पर पता चला कि विधेयक में सभी जाति वर्ग का उल्लेख है परंतु ओबीसी जाति का उल्लेख नहीं है जिसकी राज्य में 14% जनसंख्या है उन्होंने कहा कि संशोधन के दौरान शिक्षा के मानकों के अनुरूप और 2 से अधिक बच्चों के होने पर चुनाव ना लड़ने का प्रावधान किया गया है जो व्यवहारिक नहीं है उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि संशोधन विधेयक में पुनः विचार किया जाए उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह जल्द राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे जिससे उनके हस्ताक्षर से पहले विधेयक में संशोधन किया जा सके


Body:जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पंचायत जनाधिकार रक्षा मंच का गठन प्रदेश में पंचायतों के अधिकारों की रक्षा को लेकर लोगो मे अलक जगाने के लिए की गई है और इसी को लेकर उनके द्वारा पूरे प्रदेश का भ्रमण कर पंचायत अधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों को एक मंच के नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जहां विधायकों की ताकत बढ़ाने का काम कर रही है वहीं पंचायतों को कमजोर करने का भी काम किया जा रहा है जिसका विरोध किया जाएगा उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा संशोधित विधेयक पर पुनः विचार नहीं किया जाता तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर मंच के माध्यम से पंचायत के अधिकारों को संरक्षण करने की लड़ाई लड़ेंगे इस मौके पर कांग्रेस नेता जोत सिंह रावत , खेमनन्द भट्ट ,विजय सिंह गुसाईं , बृजमोहन रांगड़ मौजूद थे


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