देहरादून: आज के इस आधुनिक युग में ड्रोन तकनीकी काफी अधिक कारगर साबित होती नजर आ रही है. राजधानी देहरादून में अब ड्रोन के माध्यम से वाहनों के चालान (challan of vehicles through drone) किए जा रहे हैं. इसके साथ ही अब ड्रोन के माध्यम से मूलभूत सुविधाओं में शुमार दवाइयों की भी डिलीवरी (Delivery of medicines through drone service) की जा रही है. देहरादून में एक निजी कंपनी ने ड्रोन के माध्यम से दवाइयां डिलीवरी किए जाने के लिए ड्रोन सर्विस की सुविधा शुरू कर दी है. इसके साथ ही इससे डायग्नोस्टिक सैंपल भी एकत्र करने में भी काफी सहायता मिलेगी.
ड्रोन से दवाइयों की डिलीवरी: ड्रोन का उपयोग शहर के विभिन्न हिस्सों से सैंपल एकत्र करने और उन्हें लैब में लाने के लिए किया जा रहा है. दूरदराज के इलाकों में दवाएं पहुंचाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा. निजी कंपनी के चीफ आपरेटिंग ऑफिसर ने बताया कि दून में रेसकोर्स, वसंत विहार और किशननगर में स्टोर खोले गए हैं. इससे हरिद्वार, मसूरी और ऋषिकेश तक भी पहुंच बढ़ेगी. जल्द ही दून और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में भी स्टोर खोले जाएंगे. दरअसल इसके लिए ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर के साथ कंपनी ने पार्टनरशिप की है.
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6 किलो सामान के साथ 100 किमी जा सकता है ड्रोन: एक ड्रोन छह किलो तक का पेलोड ले जा सकता है और 100 किमी की दूरी तय कर सकता है. यही नहीं, किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए ड्रोन उड़ाने में सभी आवश्यक सावधानी बरती जा रही है. उड़ान भरने से पहले और बाद में ड्रोन के लिए एक अग्रिम जांच की व्यवस्था की है. आपातकालीन लैंडिंग की स्थिति में ड्रोन नजदीकी लोकेशन को पता लगाने में सक्षम होगा. इसमें परिवहन के सभी घटक तापमान नियंत्रित होंगे. उड़ान के दौरान तापमान की नियमित निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी से लैस होंगे.
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भारत में 2021 में भारत में पहली बार दवा ले गया था ड्रोन: बता दें विकसित देशों में पहले से ही डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में साल 2021 में पहली बार ड्रोन के माध्यम से दवाइयों की डिलीवरी की गई. दरअसल, नवंबर 2021 में मेघायल देश का पहला राज्य बना, जहां ड्रोन से सफलतापूर्वक दवाओं की डिलीवरी की गई. मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स जिले में ड्रोन से दवाओं की डिलीवरी की गई. ड्रोन ने 25 मिनट में 25 किलोमीटर का सफर तय कर इतिहास रच दिया था.