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सर्वदलीय बैठक में बोले सीएम तीरथ, प्रदेश में ऑक्सीजन और बेड की कमी नहीं

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Published : Apr 24, 2021, 8:47 PM IST

सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. कोविड सेंटर्स में बेड बढ़ाए गए हैं. पांच निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है.

सर्वदलीय बैठक
सर्वदलीय बैठक

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए सचिवालय में वर्चुअली रूप से सर्वदलीय बैठक की. बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव पर सीएम ने प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस दौरान सीएम ने कहा कि हम वैश्विक महामारी से निजात पाने के लिए भविष्य में भी समय-समय पर सभी दलों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर उनका सहयोग लेंगे.

मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों के सुझाव लिए. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक प्रीतम सिंह पंवार, दिवाकर भट्ट सहित बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और महामंत्री कुलदीप कुमार शामिल रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी के रोकथाम के लिए आपसी विचार-विमर्श जरूरी है. सभी का मत है कि कोरोना वायरस के चेन को कैसे प्रभावी ढ़ंग से तोड़ा जाए. सीएम ने सभी सदस्यों द्वारा दिए गए सहयोग और आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. स्पोर्ट्स कॉलेज कोविड सेंटर में 500 बेड और बढ़ाए गए हैं. कोरोनेशन मे भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है. हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अलावा पांच निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है. होटलों को भी अधिकृत किया जा रहा है.

रुद्रपुर, सेलाकुई, रुड़की आदि स्थानों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ बाहर से भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाई गई है, अन्य राज्यों की अपेक्षा राज्य में ज्यादा टेस्टिंग प्रतिदिन की जा रही है. कोरोना वायरस की चैन तोड़ने के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे हैं.

सरकारी दफ्तरों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है, आगे भी तीन दिन इन्हें बंद रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है. आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर शेष प्रतिष्ठान अपराह्न दो बजे के बाद बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. मास्क सभी लोग पहने इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना के हालात पर CM ने की समीक्षा बैठक, दिये ये दिशा-निर्देश

सीएम ने कोरोना रोकथाम में उपयोग होने वाली दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. आम आदमी को कैसे बेहतर इलाज मिल सके, इसकी व्यवस्था की गई है. आयुष्मान भारत कार्ड की सीमा तक अस्पतालों में इलाज की सुविधा है. इसके अलावा गरीबों के इलाज में यदि कोई अन्य व्यवस्था की जानी होगी तो वह भी की जाएगी. कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में दरों का निर्धारण किया गया है.

प्रदेश में वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. अब 18 से अधिक उम्र वालों का भी वैक्सीनेशन निशुल्क किए जाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश में क्वारंटीन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. कोविड-19 के इस दौर में लोगों को आवश्यक मदद सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है.

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की गति पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना बढ़ी है. इसको लेकर टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पहले 10-12 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, अब यह संख्या 25 हजार प्रतिदिन हो गई है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी भी बनाई गई है. राज्य के चार मैदानी जनपदों में समस्या अधिक है. इसके लिए भी ऑक्सीजन व वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था की गई है.

निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित किए जा रहे हैं. राज्य में आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित ना हो इसके लिए मिनी लॉकडाउन पर ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना की दवाई और इंजेक्शन की सप्लाई चेन को बढ़ाया जा रहा है, अभी प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए सचिवालय में वर्चुअली रूप से सर्वदलीय बैठक की. बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव पर सीएम ने प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस दौरान सीएम ने कहा कि हम वैश्विक महामारी से निजात पाने के लिए भविष्य में भी समय-समय पर सभी दलों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर उनका सहयोग लेंगे.

मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों के सुझाव लिए. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक प्रीतम सिंह पंवार, दिवाकर भट्ट सहित बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और महामंत्री कुलदीप कुमार शामिल रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी के रोकथाम के लिए आपसी विचार-विमर्श जरूरी है. सभी का मत है कि कोरोना वायरस के चेन को कैसे प्रभावी ढ़ंग से तोड़ा जाए. सीएम ने सभी सदस्यों द्वारा दिए गए सहयोग और आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. स्पोर्ट्स कॉलेज कोविड सेंटर में 500 बेड और बढ़ाए गए हैं. कोरोनेशन मे भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है. हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अलावा पांच निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है. होटलों को भी अधिकृत किया जा रहा है.

रुद्रपुर, सेलाकुई, रुड़की आदि स्थानों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ बाहर से भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाई गई है, अन्य राज्यों की अपेक्षा राज्य में ज्यादा टेस्टिंग प्रतिदिन की जा रही है. कोरोना वायरस की चैन तोड़ने के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे हैं.

सरकारी दफ्तरों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है, आगे भी तीन दिन इन्हें बंद रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है. आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर शेष प्रतिष्ठान अपराह्न दो बजे के बाद बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. मास्क सभी लोग पहने इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं.

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सीएम ने कोरोना रोकथाम में उपयोग होने वाली दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. आम आदमी को कैसे बेहतर इलाज मिल सके, इसकी व्यवस्था की गई है. आयुष्मान भारत कार्ड की सीमा तक अस्पतालों में इलाज की सुविधा है. इसके अलावा गरीबों के इलाज में यदि कोई अन्य व्यवस्था की जानी होगी तो वह भी की जाएगी. कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में दरों का निर्धारण किया गया है.

प्रदेश में वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. अब 18 से अधिक उम्र वालों का भी वैक्सीनेशन निशुल्क किए जाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश में क्वारंटीन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. कोविड-19 के इस दौर में लोगों को आवश्यक मदद सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है.

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की गति पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना बढ़ी है. इसको लेकर टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पहले 10-12 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, अब यह संख्या 25 हजार प्रतिदिन हो गई है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी भी बनाई गई है. राज्य के चार मैदानी जनपदों में समस्या अधिक है. इसके लिए भी ऑक्सीजन व वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था की गई है.

निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित किए जा रहे हैं. राज्य में आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित ना हो इसके लिए मिनी लॉकडाउन पर ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना की दवाई और इंजेक्शन की सप्लाई चेन को बढ़ाया जा रहा है, अभी प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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