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मसूरी झूला घर निर्माण में देरी से आक्रोश, सभासद गीता कुमाई ने दी आंदोलन की चेतावनी

पिछले कई सालों से मसूरी झूलाघर का निर्माण और सौंदर्यीकरण का काम सुस्त रफ्तार से चल रहा है. जिसको लेकर क्षेत्रीय सभासद गीता कुमाई और दुकानदारों ने नाराजगी जाहिर करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

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मसूरी झूला घर निर्माण में देरी से आक्रोश
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Published : Jan 28, 2022, 9:48 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 10:45 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी स्थित ऐतिहासिक झूलाघर का निर्माण कार्य और सौंदर्यीकरण पूरा नहीं होने पर क्षेत्रीय सभासद और व्यवसायी ने आक्रोश व्यक्त किया है. सभासद गीता कुमाई ने कहा 2016 से झूला घर का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से लोगों में आक्रोश है.

गीता कुमाई ने कहा कि झूलाघर क्षेत्र में एक मात्र शौचालय है, जो काफी समय से बंद पड़ा हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सभासद ने कहा कि उनके द्वारा मसूरी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी, नगर अभियंता और ठेकेदार से शौचालय निर्माण पूरा करने का आग्रह किया गया है.

इसके साथ ही उन्होंने झूलाघर के सौंदर्यीकरण के काम को पूरा करने की मांग की है. उन्होंने कहा अगर जल्द झूलाघर और शौचालय का निर्माण नहीं कराया जाता है तो, वह जिलाधिकारी और गढ़वाल आयुक्त से नगरपालिका के अधिकारियों की शिकायत करेंगी और क्षेत्र की जनता के साथ आंदोलन भी करेंगी.

मसूरी झूला घर निर्माण में देरी से आक्रोश

ये भी पढ़ें: पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा ने गणेश गोदियाल से की मुलाकात, एकमुश्त वोट देने के लिए रखी ये शर्त

झूलाघर के व्यवसायी राकेश पंवार और श्रीपति कंडारी ने कहा 2016 में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने झूलाघर के सौंदर्यीकरण के साथ व्यवसायियों के लिए दुकानें बनाये जाने को लेकर झूलाघर को ध्वस्त किया गया था. लेकिन 2016 से शुरू हुआ निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है. झूलाघर के व्यवसायी काम के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. जो दुकानें बनाई भी जा रही हैं, वह छोटी होने के साथ किसी काम की नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि लगातार वर्तमान पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका के सभासदों से झूलाकर को पुराने स्वरूप में लौटाया जाने और दुकानदारों को दुकान आवंटित करने की मांग की, लेकिन मात्र आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. जिस कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

उन्होंने कहा कि आज नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा करीब सवा करोड़ रुपए झूलाघर के निर्माण पर लगाए गए. वहीं, नगर पालिका द्वारा ₹80 लाख लगाकर मात्र पत्थर लगाए जा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

मसूरी: पहाड़ों की रानी स्थित ऐतिहासिक झूलाघर का निर्माण कार्य और सौंदर्यीकरण पूरा नहीं होने पर क्षेत्रीय सभासद और व्यवसायी ने आक्रोश व्यक्त किया है. सभासद गीता कुमाई ने कहा 2016 से झूला घर का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से लोगों में आक्रोश है.

गीता कुमाई ने कहा कि झूलाघर क्षेत्र में एक मात्र शौचालय है, जो काफी समय से बंद पड़ा हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सभासद ने कहा कि उनके द्वारा मसूरी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी, नगर अभियंता और ठेकेदार से शौचालय निर्माण पूरा करने का आग्रह किया गया है.

इसके साथ ही उन्होंने झूलाघर के सौंदर्यीकरण के काम को पूरा करने की मांग की है. उन्होंने कहा अगर जल्द झूलाघर और शौचालय का निर्माण नहीं कराया जाता है तो, वह जिलाधिकारी और गढ़वाल आयुक्त से नगरपालिका के अधिकारियों की शिकायत करेंगी और क्षेत्र की जनता के साथ आंदोलन भी करेंगी.

मसूरी झूला घर निर्माण में देरी से आक्रोश

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झूलाघर के व्यवसायी राकेश पंवार और श्रीपति कंडारी ने कहा 2016 में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने झूलाघर के सौंदर्यीकरण के साथ व्यवसायियों के लिए दुकानें बनाये जाने को लेकर झूलाघर को ध्वस्त किया गया था. लेकिन 2016 से शुरू हुआ निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है. झूलाघर के व्यवसायी काम के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. जो दुकानें बनाई भी जा रही हैं, वह छोटी होने के साथ किसी काम की नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि लगातार वर्तमान पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका के सभासदों से झूलाकर को पुराने स्वरूप में लौटाया जाने और दुकानदारों को दुकान आवंटित करने की मांग की, लेकिन मात्र आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. जिस कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

उन्होंने कहा कि आज नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा करीब सवा करोड़ रुपए झूलाघर के निर्माण पर लगाए गए. वहीं, नगर पालिका द्वारा ₹80 लाख लगाकर मात्र पत्थर लगाए जा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

Last Updated : Jan 28, 2022, 10:45 PM IST
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