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देहरादून: यहां हादसों को दावत देती हैं सड़कें, देखिए ETV-भारत की खास रिपोर्ट - देहरादून न्यूज

उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. वहीं, राजधानी की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. इन सड़कों को प्रशासन द्वारा अभी तक दुरुस्त नहीं कराया गया है. इन सड़कों का ETV-भारत ने जायजा लिया. साथ ही स्थानीय लोगों से बात भी की.

dehraduns roads disrepair
देहरादून की सड़कें क्षतिग्रस्त
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Published : Jun 27, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 2:45 PM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. लेकिन अगर यहां की सड़कों को देखा जाए तो यही लगेगा, कि ये सड़कें इस बार की बारिश के लिए जरा भी तैयार नहीं हैं. बात करें अगर राजधानी दून की, तो यहां की सड़कें बारिश से पहले दम तोड़ती दिख रही हैं. प्रशासन हर बार बारिश से पहले की तैयारी का दम भर रहा है, लेकिन यहां की सड़कों पर बने गड्ढे और उसमें से निकलती गिट्टियां शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलती साफ दिखाई दे रही हैं. तो इस बार भी प्रदेश और राजधानी के लोगों को इन सड़कों पर बने गड्ढों से हो कर गुजरना होगा. देखिए ETV-भारत की खास रिपोर्ट...

यहां हादसों को दावत देती हैं सड़कें.

दम तोड़ती सड़कें.....

राजधानी देहरादून में कई ऐसे चौराहे और मोहल्लों की सड़कें हैं, जहां बड़े-बड़े और गहरे गड्ढे हैं. दरअसल इन सड़कों पर गड्ढे होने की मुख्य वजह स्मार्ट सिटी और सीवरेज के कामों का होना है. शहरवासी इन सड़कों पर अपनी जान जोखिम में डालकर चलते हैं. जिला प्रशासन हर बार कागजों पर सड़कों के सही होने का दम भरता है. लेकिन जमीनी हकीकत आप देखेंगे तो खुद ही जान जाएंगे, कि किए गए दावों की जमीनी हकीकत क्या है.

सड़क हैं या तालाब....

राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे मॉनसूनी सीजन के दौरान बारिश के पानी से भर जाते हैं. इसे देख कर ऐसा लगता है, कि एक दम पास-पास बहुत छोटे-छोटे तालाब बने हुए हैं. ये पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. इन सड़कों से गुजरने वाले वाहन इन गड्ढों में आए दिन फंस जाते हैं. इसीलिए बारिश के समय इन सड़कों पर घंटों तक लंबा जाम लग जाता है. इसके अलावा ये गड्ढे सड़क दुर्घटना को भी न्योता देते हैं. ऐसे में लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ जाता है.

सिर्फ कागजों पर दिखते हैं दावे.....

यूं तो प्रदेश सरकार बारिश से पहले हर बार सड़कों को दुरुस्त कराने के दावे करती है. लेकिन मॉनसून की बारिश में इन बड़े-बड़े गड्ढों में भरा पानी सरकार के दावों की पोल खोल देता है. सरकार के लाख दावों के बावजूद इस बार भी सड़कों पर बने ये गड्ढे प्रदेश सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं. साथ ही दून वासियों को सरकार के दावों की हकीकत बयां कर रहे हैं. हालांकि मॉनसून आने पर इन सड़कों को दुरुस्त तो किया जाता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है. ऐसे में ये पता लग जाता है, कि सरकार प्रदेश वासियों को लेकर कितनी चिंतित है.

जानिए क्या कहना है लोगों का.....

स्थानीय लोगों से जब ETV-भारत ने बात की तो लोगों ने कहा, कि सरकार और प्रशासन ने हर बार की तरह इस बार भी राजधानी की सड़कों के सुधार का दावा किया है. लेकिन असलियत क्या है? ये तो आने वाली बारिश ही बताएगी. हालांकि स्थानीय लोगों को सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों से होकर गुजरने पर डर सता रहा है. ये डर और बढ़ जाएगा जब बारिश के दौरान इन गड्ढों में पानी भर जाएगा और लोगों को इन गड्ढों से हो कर गुजरना पड़ेगा. लोगों ने बताया, कि दून की सड़कें अभी से गड्ढों से पटी पड़ी हैं.

जायज है स्थानीय लोगों की चिंता.....

दरअसल विश्वव्यापी महामारी कोरोना की वजह से प्रदेशभर में लॉकडाउन लगाया था. ऐसे में राज्य में कई निर्माण कार्य और विकास कार्य रोक दिए गए थे. वहीं, सड़कों में सुधार संबंधी कार्य भी रुकवा दिए गए थे. बताया जा रहा है, कि राजधानी में करीब 65 किलोमीटर तक की सड़कों के नवीनीकरण का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते मात्र 44.61 फीसदी सड़कों का काम ही हो पाया. इसी तरह गड्ढों को भरने के लिए करीब 680 जगहों पर पैचवर्क होना तय हुआ था. लेकिन 52.08 प्रतिशत काम ही हो सका. अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो लोगों की चिंता जायज है.

आलाधिकारियों को भी नहीं नजर आते हैं, सड़कों पर बने गड्ढे...

वैसे तो कई आलाकमान रोजाना दून की सड़कों से हो कर गुजरते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है, कि इन जिम्मेदारों को ये गड्ढे दिखाई ही नहीं देते. डीएम से लेकर तमाम बड़े अफसर तक इन सड़कों से हो कर प्रतिदिन अपने दफ्तर जाते हैं. लेकिन साहब को ये गड्डे शायद नजर नहीं आते. हालांकि, ये सड़कें गुजर रहे साहब से खुद अपना दर्द बयां करती हैं. लेकिन साहब को इन सड़कों का दुख नजर ही नहीं आता. उधर लोग भी गुहार लगा-लगा कर हार मान जाते हैं. लेकिन साहबों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.

हादसों का कौन होगा जिम्मेदार...

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश होगी. अगर हर साल की तरह इस बार भी मॉनसूनी बारिश में सड़कों पर बने गड्ढों में जल भराव हो गया और खुदा-न-खास्ता कोई अनहोनी हो गई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. ETV-भारत के इस प्रश्न से बचते हुए डीएम आशीष श्रीवास्तव कहते हैं, कि कई जगहों की सड़कों पर बने गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है. मॉनसून सीजन में विकास के नाम पर अन्य कोई नया गड्ढा नहीं खुदवाया जाएगा. समय रहते सड़कों को दुरुस्त करा दिया जाएगा. तो अब देखने वाली बात ये होगी, कि साहब की बातों में कितनी सच्चाई है.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. लेकिन अगर यहां की सड़कों को देखा जाए तो यही लगेगा, कि ये सड़कें इस बार की बारिश के लिए जरा भी तैयार नहीं हैं. बात करें अगर राजधानी दून की, तो यहां की सड़कें बारिश से पहले दम तोड़ती दिख रही हैं. प्रशासन हर बार बारिश से पहले की तैयारी का दम भर रहा है, लेकिन यहां की सड़कों पर बने गड्ढे और उसमें से निकलती गिट्टियां शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलती साफ दिखाई दे रही हैं. तो इस बार भी प्रदेश और राजधानी के लोगों को इन सड़कों पर बने गड्ढों से हो कर गुजरना होगा. देखिए ETV-भारत की खास रिपोर्ट...

यहां हादसों को दावत देती हैं सड़कें.

दम तोड़ती सड़कें.....

राजधानी देहरादून में कई ऐसे चौराहे और मोहल्लों की सड़कें हैं, जहां बड़े-बड़े और गहरे गड्ढे हैं. दरअसल इन सड़कों पर गड्ढे होने की मुख्य वजह स्मार्ट सिटी और सीवरेज के कामों का होना है. शहरवासी इन सड़कों पर अपनी जान जोखिम में डालकर चलते हैं. जिला प्रशासन हर बार कागजों पर सड़कों के सही होने का दम भरता है. लेकिन जमीनी हकीकत आप देखेंगे तो खुद ही जान जाएंगे, कि किए गए दावों की जमीनी हकीकत क्या है.

सड़क हैं या तालाब....

राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे मॉनसूनी सीजन के दौरान बारिश के पानी से भर जाते हैं. इसे देख कर ऐसा लगता है, कि एक दम पास-पास बहुत छोटे-छोटे तालाब बने हुए हैं. ये पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. इन सड़कों से गुजरने वाले वाहन इन गड्ढों में आए दिन फंस जाते हैं. इसीलिए बारिश के समय इन सड़कों पर घंटों तक लंबा जाम लग जाता है. इसके अलावा ये गड्ढे सड़क दुर्घटना को भी न्योता देते हैं. ऐसे में लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ जाता है.

सिर्फ कागजों पर दिखते हैं दावे.....

यूं तो प्रदेश सरकार बारिश से पहले हर बार सड़कों को दुरुस्त कराने के दावे करती है. लेकिन मॉनसून की बारिश में इन बड़े-बड़े गड्ढों में भरा पानी सरकार के दावों की पोल खोल देता है. सरकार के लाख दावों के बावजूद इस बार भी सड़कों पर बने ये गड्ढे प्रदेश सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं. साथ ही दून वासियों को सरकार के दावों की हकीकत बयां कर रहे हैं. हालांकि मॉनसून आने पर इन सड़कों को दुरुस्त तो किया जाता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है. ऐसे में ये पता लग जाता है, कि सरकार प्रदेश वासियों को लेकर कितनी चिंतित है.

जानिए क्या कहना है लोगों का.....

स्थानीय लोगों से जब ETV-भारत ने बात की तो लोगों ने कहा, कि सरकार और प्रशासन ने हर बार की तरह इस बार भी राजधानी की सड़कों के सुधार का दावा किया है. लेकिन असलियत क्या है? ये तो आने वाली बारिश ही बताएगी. हालांकि स्थानीय लोगों को सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों से होकर गुजरने पर डर सता रहा है. ये डर और बढ़ जाएगा जब बारिश के दौरान इन गड्ढों में पानी भर जाएगा और लोगों को इन गड्ढों से हो कर गुजरना पड़ेगा. लोगों ने बताया, कि दून की सड़कें अभी से गड्ढों से पटी पड़ी हैं.

जायज है स्थानीय लोगों की चिंता.....

दरअसल विश्वव्यापी महामारी कोरोना की वजह से प्रदेशभर में लॉकडाउन लगाया था. ऐसे में राज्य में कई निर्माण कार्य और विकास कार्य रोक दिए गए थे. वहीं, सड़कों में सुधार संबंधी कार्य भी रुकवा दिए गए थे. बताया जा रहा है, कि राजधानी में करीब 65 किलोमीटर तक की सड़कों के नवीनीकरण का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते मात्र 44.61 फीसदी सड़कों का काम ही हो पाया. इसी तरह गड्ढों को भरने के लिए करीब 680 जगहों पर पैचवर्क होना तय हुआ था. लेकिन 52.08 प्रतिशत काम ही हो सका. अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो लोगों की चिंता जायज है.

आलाधिकारियों को भी नहीं नजर आते हैं, सड़कों पर बने गड्ढे...

वैसे तो कई आलाकमान रोजाना दून की सड़कों से हो कर गुजरते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है, कि इन जिम्मेदारों को ये गड्ढे दिखाई ही नहीं देते. डीएम से लेकर तमाम बड़े अफसर तक इन सड़कों से हो कर प्रतिदिन अपने दफ्तर जाते हैं. लेकिन साहब को ये गड्डे शायद नजर नहीं आते. हालांकि, ये सड़कें गुजर रहे साहब से खुद अपना दर्द बयां करती हैं. लेकिन साहब को इन सड़कों का दुख नजर ही नहीं आता. उधर लोग भी गुहार लगा-लगा कर हार मान जाते हैं. लेकिन साहबों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.

हादसों का कौन होगा जिम्मेदार...

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश होगी. अगर हर साल की तरह इस बार भी मॉनसूनी बारिश में सड़कों पर बने गड्ढों में जल भराव हो गया और खुदा-न-खास्ता कोई अनहोनी हो गई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. ETV-भारत के इस प्रश्न से बचते हुए डीएम आशीष श्रीवास्तव कहते हैं, कि कई जगहों की सड़कों पर बने गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है. मॉनसून सीजन में विकास के नाम पर अन्य कोई नया गड्ढा नहीं खुदवाया जाएगा. समय रहते सड़कों को दुरुस्त करा दिया जाएगा. तो अब देखने वाली बात ये होगी, कि साहब की बातों में कितनी सच्चाई है.

Last Updated : Jun 27, 2020, 2:45 PM IST
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