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मजदूरों की 'मजबूरी' को दूर करने खुद पहुंचीं एसपी सिटी, दिया मदद का भरोसा

लॉकडाउन की वजह से अपने राज्य लौटने के लिये देहरादून से निकले मजदूरों की आवाज को ईटीवी भारत ने प्रशासन तक पहुंचाया था.

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Published : May 7, 2020, 5:54 PM IST

Updated : May 7, 2020, 6:09 PM IST

देहरादून: कोरोना महामारी के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन की वजह से अपने राज्य लौटने के लिए देहरादून से निकले मजदूरों की आवाज को ईटीवी भारत ने प्रशासन तक पहुंचाया था. उसका नतीजा ये हुआ कि देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे 6 मई की देर रात ही स्थानीय थाना इंचार्ज को लेकर सभी मजदूरों के पास पहुंचीं और उनकी समस्या का समाधान किया.

एसपी सिटी ने दिया मजदूरों को कच्चा राशन.

एसपी सिटी श्वेता चौबे रात करीब 12.30 बजे मजदूरों के ठहरने के स्थान पर पहुंचीं. वहां उन्हें पता चला कि ये लोग भूखे ही सो रहे थे. पुलिस अपने साथ उनके लिए कच्चा राशन लेकर गई थी.

खाने-पीने की व्यवस्था होने के बाद मजदूरों की मांग है कि इनके समूह में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बेहद कम उम्र के हैं. लिहाजा उन्हें उनके परिवारों तक पहुंचा दिया जाए. अगर सरकार उनको घर भेजती है तो बेहतर रहेगा. पुलिस के जवानों ने सभी मजदूरों को समझाया और बताया कि सही समय पर उनको घर पहुंचाया जाएगा. उन्हें अब किसी भी तरह के खाने-पीने की दिक्कत नहीं आएगी.

पढ़ें: मंत्री परिषद की बैठक आज, कोविड सेस को मिल सकती ही मंजूरी

गौर हो कि जो लोग उत्तराखंड के विकास के लिए यहां पर बुलाए गए थे या जो खुद आए थे, अब उनमें से बचे कुछ लोग भी यहां से वापस अपने राज्य लौटना चाहते हैं. ऐसे ही एक समूह से ईटीवी भारत की मुलाकात हुई जो देहरादून से साइकिल पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के लिए निकले थे. इस समूह में 50 से 60 मजदूर थे.

सुबह 3 बजे यह लोग देहरादून से निकले लेकिन इन्हें ये नहीं मालूम था कि देहरादून में खुला चंद घंटों के लिए लॉकडाउन उनको देहरादून तो पार करवा देगा लेकिन हरिद्वार पहुंचने पर इन्हें वापस देहरादून लौटा दिया जाएगा. बैरंग लौटे इन भूखे प्यासे लोगों ने जब ईटीवी भारत से अपनी दुविधा का जिक्र किया तो ईटीवी भारत ने इनकी आवाज को शासन और प्रशासन तक पहुंचाया.

पढ़ें: कांग्रेस को राशन की राजनीति पड़ी भारी, नगर अध्यक्ष समेत 40 के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और बताया कि किस तरह से ये मजदूर 3 दिनों से बहुत थोड़े खाने पर ही जीवनयापन कर रहे हैं. उन्हें परिवार की बहुत याद आ रही है और वह चाहते हैं कि अब वह अपने घर लौट जाएं. ईटीवी भारत की इस खबर पर तुरंत एक्शन लिया गया.

देहरादून: कोरोना महामारी के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन की वजह से अपने राज्य लौटने के लिए देहरादून से निकले मजदूरों की आवाज को ईटीवी भारत ने प्रशासन तक पहुंचाया था. उसका नतीजा ये हुआ कि देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे 6 मई की देर रात ही स्थानीय थाना इंचार्ज को लेकर सभी मजदूरों के पास पहुंचीं और उनकी समस्या का समाधान किया.

एसपी सिटी ने दिया मजदूरों को कच्चा राशन.

एसपी सिटी श्वेता चौबे रात करीब 12.30 बजे मजदूरों के ठहरने के स्थान पर पहुंचीं. वहां उन्हें पता चला कि ये लोग भूखे ही सो रहे थे. पुलिस अपने साथ उनके लिए कच्चा राशन लेकर गई थी.

खाने-पीने की व्यवस्था होने के बाद मजदूरों की मांग है कि इनके समूह में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बेहद कम उम्र के हैं. लिहाजा उन्हें उनके परिवारों तक पहुंचा दिया जाए. अगर सरकार उनको घर भेजती है तो बेहतर रहेगा. पुलिस के जवानों ने सभी मजदूरों को समझाया और बताया कि सही समय पर उनको घर पहुंचाया जाएगा. उन्हें अब किसी भी तरह के खाने-पीने की दिक्कत नहीं आएगी.

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गौर हो कि जो लोग उत्तराखंड के विकास के लिए यहां पर बुलाए गए थे या जो खुद आए थे, अब उनमें से बचे कुछ लोग भी यहां से वापस अपने राज्य लौटना चाहते हैं. ऐसे ही एक समूह से ईटीवी भारत की मुलाकात हुई जो देहरादून से साइकिल पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के लिए निकले थे. इस समूह में 50 से 60 मजदूर थे.

सुबह 3 बजे यह लोग देहरादून से निकले लेकिन इन्हें ये नहीं मालूम था कि देहरादून में खुला चंद घंटों के लिए लॉकडाउन उनको देहरादून तो पार करवा देगा लेकिन हरिद्वार पहुंचने पर इन्हें वापस देहरादून लौटा दिया जाएगा. बैरंग लौटे इन भूखे प्यासे लोगों ने जब ईटीवी भारत से अपनी दुविधा का जिक्र किया तो ईटीवी भारत ने इनकी आवाज को शासन और प्रशासन तक पहुंचाया.

पढ़ें: कांग्रेस को राशन की राजनीति पड़ी भारी, नगर अध्यक्ष समेत 40 के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और बताया कि किस तरह से ये मजदूर 3 दिनों से बहुत थोड़े खाने पर ही जीवनयापन कर रहे हैं. उन्हें परिवार की बहुत याद आ रही है और वह चाहते हैं कि अब वह अपने घर लौट जाएं. ईटीवी भारत की इस खबर पर तुरंत एक्शन लिया गया.

Last Updated : May 7, 2020, 6:09 PM IST
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