देहरादून: राजधानी देहरादून के आरटीओ कार्यालय में लंबे समय से वाहनों के फिटनेस करने वाले संभागीय निरीक्षक (RI) का भारी टोटा चल रहा है. राज्य के सबसे ज्यादा कार्यभार वाले इस आरटीओ कार्यालय में मात्र दो आरआई हैं. जो प्रतिदिन भारी संख्या में व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस व लाइसेंस जैसे महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
दरअसल, देहरादून RTO दफ्तर में कार्यरत दो RI में से एक आलोक गुप्ता कुछ महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. बता दें कि संभागीय परिवहन अधिकारियों ने काफी समय से परिवहन विभाग को नए आरआई अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की है. लेकिन अभी तक इस दिशा में संबंधित विभाग द्वारा कोई पहल नजर नहीं आ रही है.
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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आरआई पर विभाग मेहरबान
उधर सबसे बड़ी हैरानी की विषय यह है कि देहरादून आरटीओ कार्यालय में संभागीय निरीक्षकों की भारी कमी के चलते विभाग भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे वरिष्ठ RI कर्मचारी पर ही निर्भर है. दरअसल व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस और नए लाइसेंस जारी करने वाले यह RI साहब तब चर्चा में आये जब उनके घर पर 1.38 करोड़ की डकैती का मामला सामने आया.
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे वरिष्ठ आरआई पर तमाम तरह के आरोप लगने के बावजूद विभाग उन पर अपनी मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें झाझरा स्थित नए कार्यालय में शिफ्ट कर लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस की कार्रवाई के लिए तैनात किया है. जबकि RI के पास आशारोड़ी में व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस की जिम्मेदारी पहले की तरह बरकरार रखी गई है.
वहीं देहरादून संभागीय परिवहन कार्यालय में पौड़ी गढ़वाल से ट्रांसफर होकर आए एआरटीओ द्वारिका प्रसाद ने बताया कि, वर्तमान समय में देहरादून आरटीओ कार्यालय में संभागीय निरीक्षक (आरआई) अफसरों के अलावा अन्य तरह के एनफोर्समेंट कार्यों के लिए कर्मचारियों की भारी कमी है, हालांकि इसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को पूर्व की भांति एक बार फिर अवगत करा दिया गया है.