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देहरादून आरटीओ कार्यालय ने पुराने वाहन की आरसी ट्रांसफर करने का नियम बदला, जानिए नया नियम

Vehicle purchase and sale इन दिनों पुराने वाहन बेचने और खरीदने में फर्जीवाड़ा बढ़ गया है. देहरादून पुलिस के पास दो ऐसे मामले आए हैं जिनमें असली मालिक का वाहन किसी और ने फर्जीवाड़ा करके बेच दिया. अब आरटीओ कार्यालय ने पुराने वाहन बेचने और खरीदने के लिए नया नियम बना दिया है. क्या है ये नियम, इस खबर में पढ़िए. New rule for buying a vehicle

Dehradun RTO Rules
देहरादून आरटीओ नियम
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 31, 2023, 1:40 PM IST

देहरादून: आरटीओ विभाग में अब कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव (Dehradun RTO New Rule) किया गया है. अब अगर आप अगर कोई पुराना वाहन खरीदते समय वाहन की आरसी (Registration Certificate) अपने नाम करवा रहे हैं, तो आपको सेल लेटर और वाहन के चेसिस नंबर की छाप उतारनी होगी. साथ ही वाहन के स्वामी को भी परिवहन कार्यालय आकर विभाग में जमा वाहन से संबंधित दस्तावेज और सेल लेटर पर हस्ताक्षर का मिलान करना होगा. अगर यह प्रक्रिया नहीं होगी, तो वाहन ट्रांसफर नहीं किया जाएगा.

वाहन बेचने में फर्जीवाड़ा रोकने को तरकीब: बता दें कि आरटीओ कार्यालय में एक हफ्ते में दो मामले ऐसे आए हैं, जिनमें दो पुराने वाहनों को फर्जीवाड़ा करके किसी और के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया है. इनमें एक मामला वकील की बुलेट के आरसी नंबर का है. इसे फर्जीवाड़ा करके दिल्ली से चुराई गई दूसरी बुलेट के नाम पर पंजीकृत कर दिया गया था. दूसरे मामले में एक व्यक्ति ने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए किसी की स्कूटी अपने नाम कर ली थी. हालांकि इन दोनों मामलों में पीड़ितों द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई है और मामले की जांच चल रही है.

अब दोनों के मोबाइल पर आएगा ओटीपी: आरटीओ कार्यालय में अब तक वाहन तभी ट्रांसफर होता था, जब उसके पुराने मालिक के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जाता था. यह ओटीपी परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता था. तब तक ट्रांसफर की एप्लीकेशन कंप्यूटर में आगे ही नहीं बढ़ती थी. लेकिन अब पुराने मालिक और खरीदार दोनों के मोबाइल पर ओटीपी आएगा.

पुराना वाहन खरीद बेच रहे हैं तो ये ध्यान रखें: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया है कि आरटीओ कार्यालय में व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब विक्री पत्र पर वाहन का चेसिस नंबर उतारना अनिवार्य किया गया है. ओटीपी की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में बदलाव के कारण आई है. वाहन के पुराने मालिक को बुलाने का नियम केवल वहां ट्रांसफर में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लागू किया गया है. यह व्यवस्था इसलिए कराई गई है, क्योंकि कोई व्यक्ति भी व्यक्ति अब फर्जी तरीके से वाहन ट्रांसफर नहीं कर सकेगा.
ये भी पढ़ें: काम की बात: RTO देहरादून ने पुराने वाहन बेचने खरीदने के नियम में किया बदलाव, ये रही पूरी खबर

देहरादून: आरटीओ विभाग में अब कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव (Dehradun RTO New Rule) किया गया है. अब अगर आप अगर कोई पुराना वाहन खरीदते समय वाहन की आरसी (Registration Certificate) अपने नाम करवा रहे हैं, तो आपको सेल लेटर और वाहन के चेसिस नंबर की छाप उतारनी होगी. साथ ही वाहन के स्वामी को भी परिवहन कार्यालय आकर विभाग में जमा वाहन से संबंधित दस्तावेज और सेल लेटर पर हस्ताक्षर का मिलान करना होगा. अगर यह प्रक्रिया नहीं होगी, तो वाहन ट्रांसफर नहीं किया जाएगा.

वाहन बेचने में फर्जीवाड़ा रोकने को तरकीब: बता दें कि आरटीओ कार्यालय में एक हफ्ते में दो मामले ऐसे आए हैं, जिनमें दो पुराने वाहनों को फर्जीवाड़ा करके किसी और के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया है. इनमें एक मामला वकील की बुलेट के आरसी नंबर का है. इसे फर्जीवाड़ा करके दिल्ली से चुराई गई दूसरी बुलेट के नाम पर पंजीकृत कर दिया गया था. दूसरे मामले में एक व्यक्ति ने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए किसी की स्कूटी अपने नाम कर ली थी. हालांकि इन दोनों मामलों में पीड़ितों द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई है और मामले की जांच चल रही है.

अब दोनों के मोबाइल पर आएगा ओटीपी: आरटीओ कार्यालय में अब तक वाहन तभी ट्रांसफर होता था, जब उसके पुराने मालिक के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जाता था. यह ओटीपी परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता था. तब तक ट्रांसफर की एप्लीकेशन कंप्यूटर में आगे ही नहीं बढ़ती थी. लेकिन अब पुराने मालिक और खरीदार दोनों के मोबाइल पर ओटीपी आएगा.

पुराना वाहन खरीद बेच रहे हैं तो ये ध्यान रखें: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया है कि आरटीओ कार्यालय में व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब विक्री पत्र पर वाहन का चेसिस नंबर उतारना अनिवार्य किया गया है. ओटीपी की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में बदलाव के कारण आई है. वाहन के पुराने मालिक को बुलाने का नियम केवल वहां ट्रांसफर में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लागू किया गया है. यह व्यवस्था इसलिए कराई गई है, क्योंकि कोई व्यक्ति भी व्यक्ति अब फर्जी तरीके से वाहन ट्रांसफर नहीं कर सकेगा.
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