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बर्ड फ्लू का कहर: आर्थिक संकट से गुजर रहा पोल्ट्री फार्म व्यवसाय, घाटे में व्यापारी

बर्ड फ्लू का आतंक देश के कई राज्यों में फैल रहा है. वहीं, देहरादून की बात करें तो सैकड़ों की तादाद में यहां पोल्ट्री फार्म हैं. बर्ड फ्लू के चलते प्रतिदिन लगभग 20 से 30 करोड़ का घाटा छोटे स्तर से मध्यम वर्ग के पोल्ट्री फार्म कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है.

बर्ड फ्लू का कहर
घाटे में व्यापारी
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Published : Jan 22, 2021, 12:59 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 1:19 PM IST

देहरादून: तेजी से बढ़ती बर्ड फ्लू की रफ्तार से पोल्ट्री फार्म व्यापारी से लेकर चिकन विक्रेता तक कारोबार में हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित हैं. बर्ड फ्लू की वजह से देहरादून में सैकड़ों पोल्ट्री फार्म बंद हो चुके हैं. वहीं, चिकन व्यापार से जुड़े दुकानदार भी फिलहाल इस बीमारी के चलते कामकाज से दूर हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक सर्द मौसम में मुर्गी पालन पोल्ट्री फार्म का कारोबार जहां पहले ही 50 प्रतिशत कम हो जाता है, वहीं, बर्ड फ्लू के आ जाने से इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों की कमर टूट चुकी है.

आर्थिक संकट से गुजर रहा पोल्ट्री फार्म व्यवसाय

पोल्ट्री फार्म संचालकों को भारी नुकसान

जानकारों के मुताबिक प्रति हजार मुर्गियों पर पोल्ट्री फार्म संचालकों को बर्ड फ्लू की वजह से प्रति खेप डेढ़ से दो लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. पोल्ट्री फार्म संचालकों के अनुसार छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले कम से कम दो हजार से 5 हजार तक मुर्गी पालन का कारोबार करते हैं. इसमें अधिकांश लोग बैंकों से कर्ज लेकर स्वरोजगार कर रहे हैं. ऐसे में बर्ड फ्लू के आने से सैकड़ों की संख्या में पोल्ट्री फार्म संचालक आर्थिक मंदी की मार में झेलने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: खनन माफियाओं ने युवक को पीटा, पीड़ित ने पुलिस से लगाई गुहार

मुर्गी पालन व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान

देहरादून की बात करें तो सैकड़ों की तादात में यहां पोल्ट्री फार्म हैं. बर्ड फ्लू के चलते प्रतिदिन लगभग 20 से 30 करोड़ का घाटा छोटे स्तर से मध्यम वर्ग के पोल्ट्री फार्म कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है. वहीं, बड़े स्तर पर पोल्ट्री फार्म व्यापारियों को कई गुना अधिक का घाटा वर्तमान समय में उठाना पड़ा रहा है.

बंदी की कगार पर पोल्ट्री फार्म

मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि बर्ड फ्लू के आते ही लोगों में इतनी दहशत फैल चुकी है कि हमें मुर्गी फार्मों को मजबूरी में बंद करना पड़ रहा है. तैयार मुर्गियों को फार्म से हटाकर जंगलों में दफनाया जा रहा है. ऐसे में अधिकांश पोल्ट्री फार्म को लाखों-करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. छोटे फार्म में मुर्गियों को देने वाला दाना एडवांस में आने के चलते खराब हो रहा है. वहीं, कई लोगों ने इस स्वरोजगार के लिए जो लोन लिया था उसका बैंक कर्ज बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मुर्गी फॉर्म कारोबार से जुड़े लोग इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.

चिकन विक्रेता भी बेहाल

चिकन विक्रेताओं की स्थिति भी दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है. उनकी मानें तो बर्ड फ्लू आने से बिक्री ना के बराबर हो रहा है. अधिकांश ग्राहक इस बीमारी से इतना घबराए हुए हैं कि दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं. चिकन कारोबार से जुड़े इस्लामुद्दीन बताते हैं कि उनका पोल्ट्री फार्म व्यवसाय है, लेकिन बर्ड फ्लू के चलते उन्होंने इसको बंद कर दिया है. वह चिकन विक्रेता का काम भी करते हैं, लेकिन वर्तमान में कारोबार ना के बराबर चल रहा है.

देहरादून: तेजी से बढ़ती बर्ड फ्लू की रफ्तार से पोल्ट्री फार्म व्यापारी से लेकर चिकन विक्रेता तक कारोबार में हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित हैं. बर्ड फ्लू की वजह से देहरादून में सैकड़ों पोल्ट्री फार्म बंद हो चुके हैं. वहीं, चिकन व्यापार से जुड़े दुकानदार भी फिलहाल इस बीमारी के चलते कामकाज से दूर हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक सर्द मौसम में मुर्गी पालन पोल्ट्री फार्म का कारोबार जहां पहले ही 50 प्रतिशत कम हो जाता है, वहीं, बर्ड फ्लू के आ जाने से इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों की कमर टूट चुकी है.

आर्थिक संकट से गुजर रहा पोल्ट्री फार्म व्यवसाय

पोल्ट्री फार्म संचालकों को भारी नुकसान

जानकारों के मुताबिक प्रति हजार मुर्गियों पर पोल्ट्री फार्म संचालकों को बर्ड फ्लू की वजह से प्रति खेप डेढ़ से दो लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. पोल्ट्री फार्म संचालकों के अनुसार छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले कम से कम दो हजार से 5 हजार तक मुर्गी पालन का कारोबार करते हैं. इसमें अधिकांश लोग बैंकों से कर्ज लेकर स्वरोजगार कर रहे हैं. ऐसे में बर्ड फ्लू के आने से सैकड़ों की संख्या में पोल्ट्री फार्म संचालक आर्थिक मंदी की मार में झेलने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: खनन माफियाओं ने युवक को पीटा, पीड़ित ने पुलिस से लगाई गुहार

मुर्गी पालन व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान

देहरादून की बात करें तो सैकड़ों की तादात में यहां पोल्ट्री फार्म हैं. बर्ड फ्लू के चलते प्रतिदिन लगभग 20 से 30 करोड़ का घाटा छोटे स्तर से मध्यम वर्ग के पोल्ट्री फार्म कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है. वहीं, बड़े स्तर पर पोल्ट्री फार्म व्यापारियों को कई गुना अधिक का घाटा वर्तमान समय में उठाना पड़ा रहा है.

बंदी की कगार पर पोल्ट्री फार्म

मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि बर्ड फ्लू के आते ही लोगों में इतनी दहशत फैल चुकी है कि हमें मुर्गी फार्मों को मजबूरी में बंद करना पड़ रहा है. तैयार मुर्गियों को फार्म से हटाकर जंगलों में दफनाया जा रहा है. ऐसे में अधिकांश पोल्ट्री फार्म को लाखों-करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. छोटे फार्म में मुर्गियों को देने वाला दाना एडवांस में आने के चलते खराब हो रहा है. वहीं, कई लोगों ने इस स्वरोजगार के लिए जो लोन लिया था उसका बैंक कर्ज बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मुर्गी फॉर्म कारोबार से जुड़े लोग इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.

चिकन विक्रेता भी बेहाल

चिकन विक्रेताओं की स्थिति भी दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है. उनकी मानें तो बर्ड फ्लू आने से बिक्री ना के बराबर हो रहा है. अधिकांश ग्राहक इस बीमारी से इतना घबराए हुए हैं कि दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं. चिकन कारोबार से जुड़े इस्लामुद्दीन बताते हैं कि उनका पोल्ट्री फार्म व्यवसाय है, लेकिन बर्ड फ्लू के चलते उन्होंने इसको बंद कर दिया है. वह चिकन विक्रेता का काम भी करते हैं, लेकिन वर्तमान में कारोबार ना के बराबर चल रहा है.

Last Updated : Jan 22, 2021, 1:19 PM IST
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