देहरादून: डोईवाला क्षेत्र में 15 अक्टूबर को दिनदहाड़े कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के चचेरे भाई के घर डकैती मामले (Doiwala Robbery Case) का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार बदमाशों को नकदी और हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, इस मामले में पांच आरोपी फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने 5 लाख से ज्यादा की नकदी, एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस और घटना में प्रयुक्त दो कार और मोटरसाइकिल बरामद हुई हैं.
देहरादून पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरी डकैती का ताना-बाना मंत्री के भाई शीशपाल अग्रवाल के परिचित ठेकेदार महबूब ने रचा था. महबूब ने घर के सभी राज जानने के बाद डकैती वारदात को अंजाम देने के लिए मुजफ्फरनगर के रहने वाले तौकीर ज्ञान से हाथ मिलाया. जिसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी महबूब, मुनव्वर, शमीम और वसीम कुरैशी को यूपी के मुजफ्फरनगर और शामली के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री के भाई के घर एक करोड़ की डकैती, बदमाशों ने बंधक बनाकर की लूटपाट
तौकीर गैंग के पांच कुख्यात बदमाशों की धरपकड़ तेज: पुलिस के मुताबिक, अभी इस डकैती कांड में तौकीर गैंग के कुख्यात बदमाश रियाज मुल्ला, नावेद इकबाल, मेहरबान बावला, वसीम और तौकीर फरार चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें लगातार उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है. देहरादून एसएसपी दलित सिंह कुंवर के मुताबिक, इस डकैती को अंजाम देने वाले तौकीर गैंग के खिलाफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हत्या, डकैती,लूट जैसे कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हैं.
20 लाख कैश व लाखों के जेवरात पर किया था हाथ साफ: पुलिस खुलासे के मुताबिक, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई शीशपाल अग्रवाल के घर से बीते 15 अक्टूबर 2022 को दिनदहाड़े 9 हथियारबंद बदमाशों द्वारा लगभग 20 लाख कैश सहित लाखों के सोने के जेवरात डकैती होने की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कराया था. इस डकैती के खुलासे के लिए लगभग 12 टीमें लगाई गई थीं, जिसमें 52 पुलिसकर्मी शामिल किए गए थे. सभी टीमों ने घटना के बाद से होटल, धर्मशालाओं को खंगाला साथ ही जेल से छूटे कैदियों से पूछताछ और घटनास्थल के आसपास से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक कई सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की गई.
पढ़ें-'अपराधियों की ऐशगाह बनी देवभूमि, DGP को हटाकर योग्य अधिकारी लाए सरकार'
इस दौरान जांच पड़ताल में पता चला कि महबूब ठेकेदार जो शिकायतकर्ता के घर में काफी समय से कारपेंटर और अन्य तरह की ठेकेदारी का काम करता था. उस पर शक जाहिर होने के बाद लगातार उसकी तलाश की गई. महमूद का फोन नंबर लगातार बंद जा रहा था. इसी के आधार पर उसके अलग-अलग रिश्तेदारों के यहां दबिश देकर जानकारी और सूचना तंत्र के आधार पर पहले उसे उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर के ग्राम बरखेड़ा से गिरफ्तार किया गया.
वहीं, महबूब की गिरफ्तारी के बाद ही इस बात का खुलासा हुआ कि उसने इस डकैती कांड को अंजाम देने के लिए मुजफ्फरनगर मेरठ के कुख्यात तौकीर गैंग का सहारा किया. जिसके बाद पुलिस ने महबूब से जानकारी जुटाकर मुजफ्फरनगर के रहने वाले 27 वर्षीय मुनव्वर, 30 वर्षीय शमीम और 39 वर्षीय तहसीम कुरैशी को शामली से गिरफ्तार कर लिया गया है.