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फर्जी BAMS डिग्री मामला, गैंग लीडर समेत दो पर लगाया गैंगस्टर, अब तक 32 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2024, 5:19 PM IST

Gangster on gang leader in fake BAMS degree case फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में देहरादून पुलिस ने गैंग लीडर समेत दो पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है. दोनों आरोपी अभी जेल में बंद हैं. मामले में अभी तक कुल 32 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.

DEHRADUN
देहरादून
फर्जी BAMS डिग्री मामले में गैंगस्टर

देहरादूनः फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में देहरादून पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए गैंग लीडर इमलाख और उसके भाई इमरान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. आरोपियों के द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों से पैसे लेकर उन्हें बीएएमएस की फर्जी डिग्रियां और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के फर्जी प्रमाण पत्र बांटे गए थे. आरोपी कर्नाटक के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी डिग्रियां तैयार करता था. एसआईटी की टीम ने इस मामले में फर्जी डॉक्टर समेत 32 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है.

फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में थाना नेहरू कॉलोनी में साल 2023 में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार मुख्य आरोपी इमलाख (गैंग लीडर) और उसके सहयोगी इमरान के खिलाफ देहरादून पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. गैंग लीडर इमलाख द्वारा अपने सहयोगी इमरान के साथ मिलकर कर्नाटक के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी बीएएमएस की डिग्री तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर अलग-अलग लोगों को उपलब्ध कराए गए थे. दोनों आरोपियों के खिलाफ मुजफ्फरनगर यूपी में धोखाधड़ी और हत्या का प्रयास समेत अन्य कई मुकदमे दर्ज हैं. साथ ही आरोपियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसकी जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः BAMS Fake Degree: गिरफ्तारी के बाद अब मास्टरमाइंड इमलाख की संपत्ति होगी कुर्क, गैंगस्टर एक्ट में होगी कार्रवाई

एसटीएफ ने किया खुलासा: 11 जनवरी 2023 को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया था. मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान सहित दो फर्जी डाक्टरों को गिरफ्तार किया था. इमरान और इमलाख दोनों भाई कॉलेज के संचालक हैं और कॉलेज की आड़ में बीएएमएस और अन्य कोर्स की फर्जी डिग्रियां बेच रहे थे.

3 फरवरी 2023 को एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर और इनामी इमलाख को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे. एसटीएफ की टीम ने मामले में 36 फर्जी डॉक्टरों को चिन्हित किया था. जिसके बाद एसएसपी ने एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. मामले में देहरादून नेहरू कॉलोनी थाना में पंजीकृत मुकदमा में विवेचना करते हुए 23 फर्जी बीएएमएस डॉक्टर और 9 मुख्य अभियुक्तों को जेल भेजा गया था.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Fake Doctor Degree: मास्टरमाइंड इमलाख की जमानत होगी मुश्किल, बढ़ाई जाएगी धाराएं

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीएएमएस फर्जी डॉक्टर घोटाले का मामला चल रहा था, जिसमें कई फर्जी डिग्री दी गई थी और इसमें कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इस मामले में कई और लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं. जांच के बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का काम किया जाएगा.

एसएसपी ने बताया कि मुकदमे के जांच के बाद फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का काम किया जाएगा.

फर्जी BAMS डिग्री मामले में गैंगस्टर

देहरादूनः फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में देहरादून पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए गैंग लीडर इमलाख और उसके भाई इमरान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. आरोपियों के द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों से पैसे लेकर उन्हें बीएएमएस की फर्जी डिग्रियां और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के फर्जी प्रमाण पत्र बांटे गए थे. आरोपी कर्नाटक के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी डिग्रियां तैयार करता था. एसआईटी की टीम ने इस मामले में फर्जी डॉक्टर समेत 32 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है.

फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में थाना नेहरू कॉलोनी में साल 2023 में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार मुख्य आरोपी इमलाख (गैंग लीडर) और उसके सहयोगी इमरान के खिलाफ देहरादून पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. गैंग लीडर इमलाख द्वारा अपने सहयोगी इमरान के साथ मिलकर कर्नाटक के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी बीएएमएस की डिग्री तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर अलग-अलग लोगों को उपलब्ध कराए गए थे. दोनों आरोपियों के खिलाफ मुजफ्फरनगर यूपी में धोखाधड़ी और हत्या का प्रयास समेत अन्य कई मुकदमे दर्ज हैं. साथ ही आरोपियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसकी जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
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एसटीएफ ने किया खुलासा: 11 जनवरी 2023 को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया था. मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान सहित दो फर्जी डाक्टरों को गिरफ्तार किया था. इमरान और इमलाख दोनों भाई कॉलेज के संचालक हैं और कॉलेज की आड़ में बीएएमएस और अन्य कोर्स की फर्जी डिग्रियां बेच रहे थे.

3 फरवरी 2023 को एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर और इनामी इमलाख को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे. एसटीएफ की टीम ने मामले में 36 फर्जी डॉक्टरों को चिन्हित किया था. जिसके बाद एसएसपी ने एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. मामले में देहरादून नेहरू कॉलोनी थाना में पंजीकृत मुकदमा में विवेचना करते हुए 23 फर्जी बीएएमएस डॉक्टर और 9 मुख्य अभियुक्तों को जेल भेजा गया था.
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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीएएमएस फर्जी डॉक्टर घोटाले का मामला चल रहा था, जिसमें कई फर्जी डिग्री दी गई थी और इसमें कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इस मामले में कई और लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं. जांच के बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का काम किया जाएगा.

एसएसपी ने बताया कि मुकदमे के जांच के बाद फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का काम किया जाएगा.

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