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4.50 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने आरोपी को यूपी से किया अरेस्ट, जमीन के फर्जी दस्तावेजों से किया था 'खेल' - मेरठ से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

4.50 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गैंग के आरोपी रोहित पांडे को मेरठ से क्लेमेंटाउन पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर जमीन की ऐवज में पौड़ी निवासी अशोक अग्रवाल को अपना निशाना बनाया था. आरोपी पुलिस से बचने के लिए अपने गृह राज्य गया था.

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Published : Jul 20, 2023, 5:59 PM IST

देहरादून: थाना क्लेमेंटाउन पुलिस ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर 4.50 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के फरार आरोपी को मेरठ से गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इसके अलावा आरोपी के खिलाफ मेरठ में चेक बाउंस 138 एनआईएक्ट के 7 केस चल रहे हैं. जिसमें 2 मामलों में आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं.

बयाने के रूप में दिए गए थे 25 लाख: 17 मई 2023 को अशोक अग्रवाल निवासी लक्ष्मण झूला जिला पौड़ी द्वारा थाना क्लेमेंनटाउन में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता और राधावल्लभ गुप्ता ने पीड़ित को क्लेमनटाउन में मुख्य सहारनपुर रोड पर एक जमीन दिखाई और बताया कि जमीन बिक्री के लिए है. इन दोनों व्यक्तियों ने यह भी बताया कि जमीन डील हम करा देंगे,इसलिए जमीन की डील 11.50 करोड़ में तय की गई और 1 दिसंबर 2022 को 25 लाख बयाने के रूप में समीर कामयाब के खाते में ट्रांसफर किए गए और 5 लाख रोहित पांडे को नगद दिए गए, क्योंकि रोहित पांडे द्वारा बताया गया था कि संपत्ति फातिमा बेगम के नाम है और समीर कामयाब फातिमा का बेटा है.

14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री करवाई टाइप: जमीन का मुआयना कराते समय उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री के लिए फोटो खिंचवाई, जिसके बाद वह सभी लोग पीड़ित को वकील सहगल के पास उनके चेंबर में ले गए. वकील द्वारा पीड़ित को जमीन से संबंधित सभी कागज दिखाएं और बताया कि कागज सब सही हैं. आप जमीन खरीद लो. जिसके बाद पीड़ित ने दिनांक 14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री टाइप करवाई और दिनांक 15 फरवरी को समीर कामयाब द्वारा पीड़ित के नाम रजिस्ट्री कराई गई. पीड़ित द्वारा समीर कामयाब के खाते में कुल 2 करोड़ 40 लाख और 1 करोड़ 85 लाख रुपए कांग्रेस नेता विजय सारस्वत और रोहित पांडे को नगद दिए गए, जबकि बाकी पीड़ित द्वारा जमीन पर कब्जा होने के बाद देना तय हुआ.

समीर कामयाब को 12 घंटे के अंदर किया गया गिरफ्तार: पीड़ित द्वारा जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए यह सभी लोग इधर-उधर की बातें करने लगे. जिससे आसपास के लोगों से जानकारी की गई, तो पता चला कि जमीन पहले से विवादित है, जिसमें पहले भी मुकदमे चल रहे हैं और जमीन स्वर्गीय डीके मित्तल की है. वहीं, जब पीड़ित द्वारा इन लोगों को इस बात से अवगत कराया गया, तो उन्होंने कहा कि डीके मित्तल की जमीन इससे 1 किलोमीटर आगे है. हम आपको कब्जा दिला देंगे, लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिला. पुलिस द्वारा समीर कामयाब को मुकदमा पंजीकृत करने के 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया गया था और बाकी आरोपी फरार चल रहे थे.

मेरठ से पुलिस के हत्थे चढ़ा रोहित पांडे: उसके बाद सभी आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन न्यायालय द्वारा प्राप्त दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत निरस्त कर दी गई और उसके बाद से आरोपी लगातार अपनी गिरफ्तारी से बच रहे थे. आरोपी रोहित पांडे लगातार गिरफ्तारी से बचकर देहरादून से अपने मूल निवास मेरठ जा चुका था, जिसको बुधवार को मेरठ से गिरफ्तार किया गया. आरोपी रोहित पांडे एक शातिर किस्म का अपराधी है जिसके खिलाफ पहले भी कई मुकदमे पंजीकृत है और जमीन धोखाधड़ी से संबंधित आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस के कई मामले जनपद मेरठ में प्रचलित हैं.

ये भी पढ़ें: कोटद्वार में तीन नशा तस्कर पुलिस के हाथ चढ़े, 2 लाख रुपए की स्मैक हुई बरामद

थाना क्लेमेंटाउन प्रभारी शिशुपाल राणा ने बताया है कि जमीन थाना क्षेत्र अंतर्गत सहारनपुर रोड से लगी हुई है, जो डीके मित्तल निवासी क्लेमेंटाउन देहरादून की है, जिनकी पत्नी स्वर्गीय सुशीला मित्तल की मृत्यु 2021 में कोरोना के कारण हो गई थी. उनका कोई वारिस ना होने के कारण आरोपियों द्वारा षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की गई है. उन्होंने बताया कि पहले भी जमीन के आरोपी बाबर हुमायूं द्वारा भी फर्जी दानपात्र के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर 9 विक्रय पत्र निष्पादित किए गए थे. जिस संबंध में स्व. डीके मित्तल द्वारा भी साल 2021 में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था,जिसमें आरोपी बाबर हुमायूं को गिरफ्तार किया गया था.
ये भी पढ़ें: रुद्रपुर पुलिस के हाथ आया यूपी का नशा तस्कर, 10 लाख की स्मैक हुई बरामद

देहरादून: थाना क्लेमेंटाउन पुलिस ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर 4.50 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के फरार आरोपी को मेरठ से गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इसके अलावा आरोपी के खिलाफ मेरठ में चेक बाउंस 138 एनआईएक्ट के 7 केस चल रहे हैं. जिसमें 2 मामलों में आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं.

बयाने के रूप में दिए गए थे 25 लाख: 17 मई 2023 को अशोक अग्रवाल निवासी लक्ष्मण झूला जिला पौड़ी द्वारा थाना क्लेमेंनटाउन में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता और राधावल्लभ गुप्ता ने पीड़ित को क्लेमनटाउन में मुख्य सहारनपुर रोड पर एक जमीन दिखाई और बताया कि जमीन बिक्री के लिए है. इन दोनों व्यक्तियों ने यह भी बताया कि जमीन डील हम करा देंगे,इसलिए जमीन की डील 11.50 करोड़ में तय की गई और 1 दिसंबर 2022 को 25 लाख बयाने के रूप में समीर कामयाब के खाते में ट्रांसफर किए गए और 5 लाख रोहित पांडे को नगद दिए गए, क्योंकि रोहित पांडे द्वारा बताया गया था कि संपत्ति फातिमा बेगम के नाम है और समीर कामयाब फातिमा का बेटा है.

14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री करवाई टाइप: जमीन का मुआयना कराते समय उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री के लिए फोटो खिंचवाई, जिसके बाद वह सभी लोग पीड़ित को वकील सहगल के पास उनके चेंबर में ले गए. वकील द्वारा पीड़ित को जमीन से संबंधित सभी कागज दिखाएं और बताया कि कागज सब सही हैं. आप जमीन खरीद लो. जिसके बाद पीड़ित ने दिनांक 14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री टाइप करवाई और दिनांक 15 फरवरी को समीर कामयाब द्वारा पीड़ित के नाम रजिस्ट्री कराई गई. पीड़ित द्वारा समीर कामयाब के खाते में कुल 2 करोड़ 40 लाख और 1 करोड़ 85 लाख रुपए कांग्रेस नेता विजय सारस्वत और रोहित पांडे को नगद दिए गए, जबकि बाकी पीड़ित द्वारा जमीन पर कब्जा होने के बाद देना तय हुआ.

समीर कामयाब को 12 घंटे के अंदर किया गया गिरफ्तार: पीड़ित द्वारा जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए यह सभी लोग इधर-उधर की बातें करने लगे. जिससे आसपास के लोगों से जानकारी की गई, तो पता चला कि जमीन पहले से विवादित है, जिसमें पहले भी मुकदमे चल रहे हैं और जमीन स्वर्गीय डीके मित्तल की है. वहीं, जब पीड़ित द्वारा इन लोगों को इस बात से अवगत कराया गया, तो उन्होंने कहा कि डीके मित्तल की जमीन इससे 1 किलोमीटर आगे है. हम आपको कब्जा दिला देंगे, लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिला. पुलिस द्वारा समीर कामयाब को मुकदमा पंजीकृत करने के 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया गया था और बाकी आरोपी फरार चल रहे थे.

मेरठ से पुलिस के हत्थे चढ़ा रोहित पांडे: उसके बाद सभी आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन न्यायालय द्वारा प्राप्त दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत निरस्त कर दी गई और उसके बाद से आरोपी लगातार अपनी गिरफ्तारी से बच रहे थे. आरोपी रोहित पांडे लगातार गिरफ्तारी से बचकर देहरादून से अपने मूल निवास मेरठ जा चुका था, जिसको बुधवार को मेरठ से गिरफ्तार किया गया. आरोपी रोहित पांडे एक शातिर किस्म का अपराधी है जिसके खिलाफ पहले भी कई मुकदमे पंजीकृत है और जमीन धोखाधड़ी से संबंधित आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस के कई मामले जनपद मेरठ में प्रचलित हैं.

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थाना क्लेमेंटाउन प्रभारी शिशुपाल राणा ने बताया है कि जमीन थाना क्षेत्र अंतर्गत सहारनपुर रोड से लगी हुई है, जो डीके मित्तल निवासी क्लेमेंटाउन देहरादून की है, जिनकी पत्नी स्वर्गीय सुशीला मित्तल की मृत्यु 2021 में कोरोना के कारण हो गई थी. उनका कोई वारिस ना होने के कारण आरोपियों द्वारा षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की गई है. उन्होंने बताया कि पहले भी जमीन के आरोपी बाबर हुमायूं द्वारा भी फर्जी दानपात्र के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर 9 विक्रय पत्र निष्पादित किए गए थे. जिस संबंध में स्व. डीके मित्तल द्वारा भी साल 2021 में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था,जिसमें आरोपी बाबर हुमायूं को गिरफ्तार किया गया था.
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