देहरादून: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की ओर से नवंबर महीने को गुणवत्ता माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसी के तहत आज ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून में भारतीय सेना की मारक क्षमता को और अचूक बनाने के लिए तैयार किए गए दो खास दृष्टि यंत्र लांच किए गए.
बता दें कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून द्वारा टी-टैंक्स की गन के लिए मजल बोर लॉन्च किया गया है. जिससे टैंक के एलाइनमेंट को बेहतर तरह से एडजस्ट करने में मदद मिलेगी. वहीं इससे युद्ध की स्थिति में सेना के जवानों के लिए दुश्मन पर सटीक निशाना लगाना और भी आसान हो जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ असॉल्ट राइफल के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की ओर से डे-साइट टेलिस्कोप भी लॉन्च किया गया है. जिसमें 4X ऑप्टिकल जूम है. ऐसे में असॉल्ट राइफल में इस टेलिस्कोप के इस्तेमाल से भारतीय सेना की मारक क्षमता और अधिक अचूक हो सकेगी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि अब तक भारत में असॉल्ट राइफल के अलग-अलग उपकरण बेल्जियम, रूस और अमेरिका से खरीदे जाते थे. मगर अब भारत की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सेना और अर्धसैनिक बलों के इस्तेमाल के लिए कई हाईटेक उपकरण तैयार किए जा रहे हैं. जहां आज टी-90 टैंक और असॉल्ट राइफल के लिए भारत में निर्मित दृष्टि यंत्र लॉन्च किए गए हैं.
वहीं, अगले 2 महीनों में स्नाइपर राइफल के लिए 24× ऑप्टिकल जूम वाला दृष्टि यंत्र ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून द्वारा लॉन्च किया जाएगा. इससे जहां भारतीय सेना के जवानों को दुश्मन पर सटीक निशाना लगाने में मदद मिलेगी.
बता दें कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून द्वारा तैयार किए गए यह दोनों ही दृष्टि यंत्र अब तक विदेशों से खरीदे जा रहे है. टी- टैंक के लिए विदेशों से अब तक खरीदे जाने वाले मजल बोर के मुकाबले इसकी कीमत 50 फीसदी तक कम है. वही असॉल्ट राइफल के लिए विदेशों से खरीदे जाने वाले दृष्टि यंत्र की तुलना में भारत में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा तैयार किया गया यह दृष्टि यंत्र 20% तक किफायती है.