देहरादूनः साल 2016 से पहले से पंजीकृत मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों से देहरादून नगर निगम हाउस टैक्स वसूलेगा. ये टैक्स केवल उन्हीं से वसूला जाएगा, जो निगम में 2016 की नियमावली के तहत पंजीकृत हैं. पहले नगर निगम साल 2018 से 2023 तक पांच साल के बकाया हाउस टैक्स को वसूलने जा रहा था, लेकिन अब निगम 40 हजार घरों को पांच साल के हाउस टैक्स पर राहत दे दी है.
जानकारी के मुताबिक, देहरादून नगर निगम में 2016 की नियमावली के तहत जो घर पंजीकृत नहीं हैं और टैक्स के दायरे में नहीं आ रहे हैं. उन्हें अतिक्रमण के तौर पर नगर निगम बड़ा अभियान चलाकर हटाने की तैयारी में है. बता दें कि साल 2014 के बाद नगर निगम ने मलिन बस्तियों में भवन कर वसूलनी शुरू की थी. साल 2016 में मलिन बस्ती नियमावली बनने के बाद चिन्हित की गई बस्तियों में करीब 18 हजार घर वैध पाए गए. जिनसे साल 2018 तक हाउस टैक्स लिया गया, लेकिन मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. ऐसे में हाईकोर्ट के एक निर्णय के बाद नगर निगम ने मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स की वसूली बंद कर दी थी.
ये भी पढ़ेंः देहरादून वालों के लिए जरूरी खबर, भवनों का सेल्फ असेसमेंट करा लीजिए, नहीं तो भरना होगा चार गुना जुर्माना
पिछली बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स वसूला जाएगा. देहरादून नगर निगम साल 2018 से 2023 तक 5 साल के बकाया हाउस टैक्स को ब्याज के साथ वसूलने की तैयारी कर रहा था, लेकिन राजनीतिक दलों और मलिन बस्तियों के निवासियों के विरोध के बाद नगर निगम ने इन लोगों को राहत दी. देहरादून नगर निगम के अनुसार वर्तमान में वैध बस्तियों में 40 हजार घर हैं. जो टैक्स के दायरे में आते हैं.
देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि मलिन बस्तियों में जो टैक्स लग रहा है. या जो पहली बार टैक्स जमा कर रहा है, उससे साल 2023-24 का टैक्स लिया जाएगा. साथ ही जो पूर्व में भी टैक्स जमा कर रहे थे, यदि वो पिछला टैक्स देना चाहते हैं तो दे सकते हैं, लेकिन जो नहीं देना चाहता है और पहली बार टैक्स देना चाहता है तो उससे इसी साल का ही टैक्स लिया जाएगा.
नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि मलिन बस्तियों के संबंध में शासन के एक्ट अनुसार, साल 2016 से पहले मलिन बस्तियां है. जिनके पास बिजली और पानी के दस्तावेज हैं, उन्हीं लोगों से ही टैक्स लिया जाएगा. ऐसे में नगर निगम का यह फैसला मलिन बस्तियों के लिए राहत भरा है.