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शीशमबाड़ा में कूड़े से बिजली बनने में देरी, निगम को अभी तक नहीं मिली शासन से अनुमति

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Published : Nov 19, 2021, 11:28 AM IST

देहरादून नगर निगम पिछले दो साल से शीशमबाड़ा में कूड़े से बिजली लगाने की तैयारी कर रहा है लेकिन शासन से अभी तक संयंत्र लगाने की अनुमति नहीं मिली है. मेयर सुनील उनियाल गामा ने जल्द ही शासन से स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई है.

electricity from garbage
शीशमबाड़ा बिजली प्लांट

देहरादून: नगर निगम द्वारा पिछले दो सालों से कूड़े से बिजली बनाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन निगम को शीशमबाड़ा में अभी तक सयंत्र लगाने का आदेश नहीं मिला है और न ही कोई बजट तैयार किया गया है. इसके लिए निगम प्रशासन की ओर से शासन को लगातार पत्र भेजा जा रहा है, लेकिन अनुमति नहीं मिल पा रही है. शीशमबाड़ा में लगातार कूड़े के ढेर को लेकर विरोध चल रहा है. इस विरोध को शांत करने के लिए यह प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे कूड़े का निस्तारण किया जा सके.

मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शीशमबाड़ा में कूड़े का ढेर बहुत अधिक हो गया है और उसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है. जब तक शीशमबाड़ा में बिजली का प्लांट नहीं लगेगा, तब तक कूडे का निस्तारण नहीं सकेगा. उसके लिए सरकार और नगर निगम चिंतित है. निगम बार-बार सरकार से अनुरोध कर रहा है, लेकिन प्लांट लगाने की स्वीकृति नहीं मिल रही है. हालांकि, उन्होंने शासन से जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई है.

शीशमबाड़ा में कूड़े से बिजली बनने में देरी.

पढ़ें- धामी सरकार का बड़ा फैसला, 20 नवंबर से कोविड पाबंदियां खत्म, इन नियमों का करना होगा पालन

बता दें, कूड़ा प्रबंधन और विस्तारीकरण पर योजना के अंतर्गत नगर निगम में जनवरी 2018 में कूड़े से खाद बनाने की परियोजना शुरू की थी, लेकिन यह शुरुआत से विवादों में है. शीशमबाड़ा में कूड़े से उठ रही दुर्गंध के कारण हजारों की आबादी परेशान है. इस समस्या से निजात पाने को निगम ने राज्य सरकार से कूड़े से बिजली बनाने की परियोजना शुरू करने की मांग की थी, लेकिन शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिल पा रही है.

देहरादून: नगर निगम द्वारा पिछले दो सालों से कूड़े से बिजली बनाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन निगम को शीशमबाड़ा में अभी तक सयंत्र लगाने का आदेश नहीं मिला है और न ही कोई बजट तैयार किया गया है. इसके लिए निगम प्रशासन की ओर से शासन को लगातार पत्र भेजा जा रहा है, लेकिन अनुमति नहीं मिल पा रही है. शीशमबाड़ा में लगातार कूड़े के ढेर को लेकर विरोध चल रहा है. इस विरोध को शांत करने के लिए यह प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे कूड़े का निस्तारण किया जा सके.

मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शीशमबाड़ा में कूड़े का ढेर बहुत अधिक हो गया है और उसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है. जब तक शीशमबाड़ा में बिजली का प्लांट नहीं लगेगा, तब तक कूडे का निस्तारण नहीं सकेगा. उसके लिए सरकार और नगर निगम चिंतित है. निगम बार-बार सरकार से अनुरोध कर रहा है, लेकिन प्लांट लगाने की स्वीकृति नहीं मिल रही है. हालांकि, उन्होंने शासन से जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई है.

शीशमबाड़ा में कूड़े से बिजली बनने में देरी.

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बता दें, कूड़ा प्रबंधन और विस्तारीकरण पर योजना के अंतर्गत नगर निगम में जनवरी 2018 में कूड़े से खाद बनाने की परियोजना शुरू की थी, लेकिन यह शुरुआत से विवादों में है. शीशमबाड़ा में कूड़े से उठ रही दुर्गंध के कारण हजारों की आबादी परेशान है. इस समस्या से निजात पाने को निगम ने राज्य सरकार से कूड़े से बिजली बनाने की परियोजना शुरू करने की मांग की थी, लेकिन शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिल पा रही है.

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