देहरादून: जिले में चल रहे केंद्र सरकार की अमृत योजना और एडीपी के तहत कामों में मिल रही शिकायतों को लेकर अब नगर निगम शासन को पत्र लिखने जा रहा है. निगम का कहना है की अमृत योजना के सभी कामों की मॉनिटरिंग नगर निगम के पास रहे, ताकि शहर में अमृत योजना के कामों को सही तरीके से कराया जा सके. इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी. साथ ही सरकार का इसमें पैसा भी बचेगा.
दरअसल, देहरादून में कुछ दिन पहले हुई नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में पार्षदों ने मांग उठाई थी कि शहर में चल रहे अमृत योजना के कामों से भारी अनियमितताएं मिल रही है. ऐसे में अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए अमृत योजना के कामों पर नगर निगम की मॉनिटरिंग जरूरी है. इस प्रस्ताव को अब नगर निगम शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है. बता दें की देहरादून में अमृत योजना के तहत कामों में सीवरेज, पेयजल लाइन, ड्रेनेज और पार्क सहित करीब 37 प्रोजेक्ट हैं. जिनपर लगभग 218 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल निगम की देखरेख में काम चल रहा है. ऐसे में निगम का कहना है की अमृत योजना के तहत जो भी काम हो रहे हैं, उनपर निगम की मॉनिटरिंग होनी चाहिए ताकि सभी कामों को सही तरीके से कराया जा सके.
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मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि अमृत योजना और एडीपी के जितने काम होते थे तो निगम इनके काम की देखरेख करता था, लेकिन उसके बाद नगर निगम से इसको अलग कर दिया गया. अलग होने के बाद इन योजनाओं में कई शिकायतें आ रही थी. लगातार आ रही शिकायतों के चलते इन योजनाओं के काम की निगम द्वारा देखरेख करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है. शहर से जुड़े हुए यह विकास कार्य अलग-अलग विभागों में तालमेल नहीं होने पर कई बार दिक्कतें आती हैं. उन्होंने कहा कि शहर से जुड़ी योजना नगर निगम के अधीन होगी तो इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी.