देहरादून: सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के साथ बैठक की. बैठक में परिवहन, यातायात पुलिस, संबंधित एसडीएम, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी ऑनलाइन जुड़े. इस दौरान डीएम ने अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए हैं.
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जिन क्षेत्रों में जिस तरह के वाहनों से और जिन कारणों से दुर्घटनाएं हुई हैं, उस लोकेशन में जाकर दुर्घटना के कारणों की जानकारी करते हुए तत्काल सुधारीकरण किया जाए, साथ ही दुर्घटनाओं की रोकथाम भी की जाए. वहीं, एआरटीओ, यातायात पुलिस और सभी एसडीएम को एनफोर्समेंट की कार्रवाई बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
इसके अलावा लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग डोईवाला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को उनकी कार्य सीमा में बचे चयनित ब्लैक स्पॉट को जल्दी ठीक करने के लिए कहा है. साथ ही सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में पैराफिट, रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर और ब्लैक स्पॉट, चेतावनी बोर्ड इत्यादि की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं. डीएम ने पहले हुए सुधारीकरण के कैसे परिणाम निकल रहे हैं, इसका भी समय-समय पर परीक्षण करने के लिए कहा है.
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इन लोगों पर निगरानी
डीएम ने शराब या किसी भी प्रकार का नशा करके वाहन चलाने, खनन क्षेत्र में सटे क्षेत्रों में डंपर चलाने वाले, ओवरस्पीडिंग, रैश ड्राइविंग, बिना हेलमेट-सीट बेल्ट के वाहन चलाने पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.
जनपद में कितनी दुर्घटनाएं
सड़क परिवहन अधिकारी रश्मि पंत ने बताया कि इस साल (जनवरी से मई) तक कुल 130 दुर्घटनाएं हुईं है, जिसमें 96 लोग घायल हुए हैं 55 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.
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संवेदनशील क्षेत्र
दुर्घटनाओं के मद्देनजर ऋषिकेश, नेहरू कॉलोनी, डोईवाला, पटेल नगर, रायवाला और डालनवाला थाने अधिक संवेदनशील रहे, जहां दुर्घटनाएं अधिक हुई हैं.
दुर्घटनाओं का कारण
सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवरस्पीडिंग, रैश ड्राइविंग और गलत दिशा में वाहन चलाना रहा है. सबसे अधिक दुर्घटनाएं सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं. जनपद में कुल 50 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे, जिसमें से अभी तक 26 ब्लैक स्पॉट पूरी तरह से ठीक किए जा चुके हैं और बाकी 24 ब्लैक स्पॉट पर कार्य चल रहा है.