देहरादून: बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार काफी कम हो गई है. नए मामले बहुत कम सामने आ रहे है. हॉस्पिटलों पर भी मरीजों का दबाव कम हुआ है, जिससे स्वास्थ्य विभाग को बड़ी राहत मिली है. वहीं मरीजों की संख्या घटने से जिला प्रशासन भी अब थोड़ा रिलेक्स मूड में है. यहीं कारण है कि जिला प्रशासन में सुदूर क्षेत्रों के सीएससी सेंटरों को दुरूस्त करने में जुट गया है.
कोरोना के केस कम होने से देहरादून में राहत है. अस्पतालों में मरीज काफी हद तक कम हो गए है. पांच सौ बेड की क्षमता वाले रायपुर स्पोर्ट्स कोविड केयर सेंटर में महज वर्तमान में 03 से 10 के करीब मरीज भर्ती है. एक समय था जब पीक समय पर अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे. वहीं, जनपद के सुदूर क्षेत्र कालसी, त्यूणी और चकराता सहित कई इलाके ऐसे हैं. जहां पर ऑक्सीजन की व्यवस्था नाम मात्र है. ऐसे में वहां से मरीजों की देहरादून रेफर किया जाता है. लेकिन जिला प्रशासन सुदूर क्षेत्रों में बने सीएससी सेंटरों में व्यवस्था दुरूस्त करने में लगा हुआ है. वहीं ऑक्सीजन प्लांट लगाने की व्यवस्था की जा रही है.
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जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के मामले कम होने पर काफी रिलेक्स हैं. अस्पतालों में बेड उपलब्ध होने के साथ ही जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. यहीं कारण है कि अब सुदूर क्षेत्रों के सीएससी सेंटर पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही ऑक्सीजन के स्टोरेज के लिए प्लान बनाया जा रहा है. इसके लिए इसी हफ्ते आदेश जारी कर दिए जाएंगे.
बैठक में टीकाकरण पर दिया जोर
कोरोना रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण को लेकर बुधवार को देहरादून जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएमओ के साथ सभी एसडीएम और नोडल अधिकारियों के साथ बैठक. बैठक में जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिए है कि जनपद में बनी सभी टीकाकरण साइटों पर पिछले हफ्ते के भीतर हुए टीकाकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करें. साथ ही जिन साइटों पर टीकाकरण नहीं हो रहा है, ऐसी साइटों को बंद कर अन्य स्थान पर साइट बनाई जाए.
इसके अलावा एसडीएम को निर्देशित किया है कि सभी विकासखंड स्तर पर ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक करते हुए टीकाकरण का प्लान तैयार करें और इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि से समन्वय कर टीकाकरण की क्षेत्रवार योजना बनाएं. जिस गांव और क्षेत्र में व्यक्ति की संख्या अधिक है, उनमें शिविर लगाया जाए. जिन गांव में कम व्यक्ति है, उनको नजदीकी साइट पर बुलाकर मोबाइल वैन के माध्यम से टीकाकरण करवाया जाए, ताकि वैक्सीन की डोज बर्बाद न हो.