ETV Bharat / state

टिक-टॉक समेत 59 एप्स बैन होने के बाद भी देश को खतरा, जानिए क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

टिक-टॉक समेत 59 एप बैन होने के बाद वो कौन अन्य एप्स हैं जो अभी भी भारत विरोधी हैं. जानिए साइबर एक्सपर्ट की जुबानी.

author img

By

Published : Jun 30, 2020, 7:39 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 8:59 PM IST

app
app

देहरादूनः भारत-चीन के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए भले ही केंद्र सरकार द्वारा कड़े कदम उठाते हुए टिक-टॉक जैसे पॉपुलर 59 एप्स पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया हो. लेकिन अब भी ऐसे कई एप हैं, जो व्यक्तिगत जानकारियों में सेंधमारी करने के साथ भारत विरोधी बताये जा रहे हैं. ये कहना है उत्तराखंड साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत का.

अंकुर ने उत्तराखंड में सबसे पहले टिक-टॉक जैसे तमाम भारत विरोधी एप का विरोध कर इनको बैन करने का संदेश ईटीवी भारत के माध्यम से दिया था. ईटीवी भारत ने भी टिक-टॉक जैसे एप्स के देशव्यापी घातक परिणाम को लेकर विशेष तौर पर पिछले दिनों प्रमुखता से खबर प्रसारित की थी.

जानिए क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट.

इंस्टाग्राम और प्रीमो जैसे एप भी खतरनाक

टिक-टॉक समेत 59 पापुलर चीनी एप देश में बैन होने पर खुशी जताते हुए साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने ईटीवी भारत को बताया कि देर आए दुरुस्त आए, लेकिन देश को नुकसान पहुंचाने वाले चीनी व मलेशियन अब भी देश में इंस्टाग्राम और प्राइम जैसे खतरनाक एप इस कदर सिर चढ़कर काम कर रहे हैं, जो भारत की धार्मिक संस्कृति के साथ-साथ कई तरह से राष्ट्र के लिए भड़काऊ एजेंडे का रूप बने हुए हैं. इतना ही नहीं आज इंस्टाग्राम जैसे एप का सहारा लेकर देश के नेतृत्व का भी मजाक उड़ाया जा रहा है.

पढ़ेंः यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा, चार मंजिला होटल पर गिरा विशालकाय बोल्डर

अंकुर चंद्रकांत के मुताबिक, इंस्टाग्राम पर आज कई तरह की पिक्चरों को एडिट कर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है. कहीं प्रीमो जैसे एप के जरिए ऐसी चीजें परोसी जा रही हैं जो नई पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में सूचना मंत्रालय को इस तरह के एप का भी संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

टिक-टॉक के बदले यूट्यूब का सहारा ले सकते हैं यूजर्स

अंकुर चंद्रकांत का मानना है कि भारत में सुरक्षा कारणों के चलते टिक-टॉक जैसे तमाम चाइनीज एप्स बंद होने से इसके यूजर्स परेशान भी हो रहे होंगे. इतना ही नहीं कई टिक-टॉक सेलिब्रिटी की आदमनी पर भी इसके बन्द होने से फर्क पड़ेगा. लेकिन देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं. ऐसे में टिक-टॉक का सहारा लेकर आमदनी कम आने वाले यूजर्स यूट्यूब जैसे अन्य सोशल प्लेटफॉर्म के बारे में सटीक जानकारी जुटाकर अपना कार्य कर सकते हैं.

देहरादूनः भारत-चीन के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए भले ही केंद्र सरकार द्वारा कड़े कदम उठाते हुए टिक-टॉक जैसे पॉपुलर 59 एप्स पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया हो. लेकिन अब भी ऐसे कई एप हैं, जो व्यक्तिगत जानकारियों में सेंधमारी करने के साथ भारत विरोधी बताये जा रहे हैं. ये कहना है उत्तराखंड साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत का.

अंकुर ने उत्तराखंड में सबसे पहले टिक-टॉक जैसे तमाम भारत विरोधी एप का विरोध कर इनको बैन करने का संदेश ईटीवी भारत के माध्यम से दिया था. ईटीवी भारत ने भी टिक-टॉक जैसे एप्स के देशव्यापी घातक परिणाम को लेकर विशेष तौर पर पिछले दिनों प्रमुखता से खबर प्रसारित की थी.

जानिए क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट.

इंस्टाग्राम और प्रीमो जैसे एप भी खतरनाक

टिक-टॉक समेत 59 पापुलर चीनी एप देश में बैन होने पर खुशी जताते हुए साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने ईटीवी भारत को बताया कि देर आए दुरुस्त आए, लेकिन देश को नुकसान पहुंचाने वाले चीनी व मलेशियन अब भी देश में इंस्टाग्राम और प्राइम जैसे खतरनाक एप इस कदर सिर चढ़कर काम कर रहे हैं, जो भारत की धार्मिक संस्कृति के साथ-साथ कई तरह से राष्ट्र के लिए भड़काऊ एजेंडे का रूप बने हुए हैं. इतना ही नहीं आज इंस्टाग्राम जैसे एप का सहारा लेकर देश के नेतृत्व का भी मजाक उड़ाया जा रहा है.

पढ़ेंः यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा, चार मंजिला होटल पर गिरा विशालकाय बोल्डर

अंकुर चंद्रकांत के मुताबिक, इंस्टाग्राम पर आज कई तरह की पिक्चरों को एडिट कर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है. कहीं प्रीमो जैसे एप के जरिए ऐसी चीजें परोसी जा रही हैं जो नई पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में सूचना मंत्रालय को इस तरह के एप का भी संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

टिक-टॉक के बदले यूट्यूब का सहारा ले सकते हैं यूजर्स

अंकुर चंद्रकांत का मानना है कि भारत में सुरक्षा कारणों के चलते टिक-टॉक जैसे तमाम चाइनीज एप्स बंद होने से इसके यूजर्स परेशान भी हो रहे होंगे. इतना ही नहीं कई टिक-टॉक सेलिब्रिटी की आदमनी पर भी इसके बन्द होने से फर्क पड़ेगा. लेकिन देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं. ऐसे में टिक-टॉक का सहारा लेकर आमदनी कम आने वाले यूजर्स यूट्यूब जैसे अन्य सोशल प्लेटफॉर्म के बारे में सटीक जानकारी जुटाकर अपना कार्य कर सकते हैं.

Last Updated : Jun 30, 2020, 8:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.