देहरादून: नगर निगम पहले भी कई बार वित्तीय अनियमितताओं के चलते कई बार विवादों में रहा है. वहीं दून गांधी पार्क में बने किड्स पार्क को लेकर वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने के बाद नगर निगम अब आवश्यकता पड़ने पर आईआईटी रुड़की से जांच कराने की बात कह रहा है. जबकि कुछ पार्षद पीडब्ल्यूडी से कराई गई जांच से संतुष्ट नहीं हैं.
गौर हो कि देहरादून गांधी पार्क में बने किड्स पार्क को अमृत योजना के तहत बनाया गया है. किड्स पार्क में वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए पूर्व में मामले का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन मुख्य नगर आयुक्त ने जांच अपर नगर आयुक्त को सौंपी थी. लेकिन अपर आयुक्त ने यह मामला यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया कि यह जांच सिविल मामले से जुड़ी हुई है और सिविल अधिकारी से जांच कराई जाए. जिसके बाद जांच के बजाय यह मामला कई हफ्तों तक फाइलों में दबा रहा.
वर्तमान नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे से जब इस मामले में पूछा गया तो उनका कहना है कि इस पूरे प्रकरण में पीडब्ल्यूडी के विद्युत यांत्रिक खंड को सौंपा गया था. उनके द्वारा रिपोर्ट में किड्स पार्क में सुधार करने के लिए कहा गया है. इस पूरे प्रकरण को नगर निगम ने बोर्ड के समक्ष भी रखा था. नगर आयुक्त का कहना है कि आवश्यकता पड़ी तो इसकी जांच आईआईटी रुड़की से कराई जाएगी. वहीं कुछ पार्षदों का कहना है कि वे पीडब्ल्यूडी से कराई गई जांच से संतुष्ट नहीं हैं. बता दें कि पूर्व नगर निगम मेयर विनोद चमोली ने डेढ़ करोड़ की लागत से बने किड्स पार्क का उद्घाटन किया था.
जिसके कुछ महीने बाद एक आरटीआई द्वारा किड्स पार्क में घोटाला सामने आया था. किड्स पार्क में में एलइडी लाइट, झूले, टॉय ट्रेन, कूड़ेदान, बेंच लगाने में कई लाखों रुपए का घोटाला सामने आया था.