देहरादून: कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, चाहिये तो बस लगन और मेहनत. इसी बात को साबित किया है देहरादून के विधाता सिंह जौरा ने, जिनको विजुअल इल्यूजन में महारत हासिल है. इनके करतब देख हर कोई दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाता है. हम अपनी स्पेशल सीरीज गली टैलेंट में आज आपको 21 वर्षीय विधाता के इस अनोखे हुनर से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का लोहा मनवा चुके 21 साल के विधाता को विजुअल इल्यूजन करने में महारत है. वो पिछले कई सालों से अपनी इस खास हुनर को निखारने में लगे हैं. विधाता की इस स्किल को निखारने में सबसे बड़ा योगदान उनके पिता राजेंद्र जौरा (टीटू भाई) का है, जिन्होंने उन्हें सबसे ज्यादा सपोर्ट किया.
हुनर का नहीं कोई सानी
विधाता सिंह जौरा देहरादून के टैगोर कॉलोनी में रहते हैं. जब वो दसवीं क्लास में थे तभी पिता से प्रेरित होकर उनकी सिंगिंग और म्यूजिक में रूचि बढ़ने लगी, जिसके बाद उन्होंने अपने पिता के साथ म्यूजिक में हाथ आजमाया. विधाता के पिता राजेन्द्र जौरा ने विधाता को विजुअल इल्यूजन की एक खास तरह की ट्रेनिंग दी.
विधाता मजह 16 साल की उम्र से विजुअल इल्यूजन की प्रैक्टिस कर रहे हैं और आज उनकी उंगलियां का ये करतब जो भी देखता है वो देखता ही रह जाता है. विधाता आज विजुअल इल्यूजन, ग्लो इफेक्ट, डिजिटल पोई, पेपेट्री और मैजिशियन जैसी कई हुनर में महारथ रखते हैं.
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ये तीन किरदार हैं खास
आपको अब रूबरू कराते हैं नटखट मिक्कू, डांसर बेबी बन्नी और रॉकस्टार स्कैली से, जिनके बारे में आप जरूर जानना चाहेंगे. दरअसल, यह तीनों पात्र विधाता के पपेट शो के पात्र हैं. नटखट मिक्कू विधाता का मंकी है जो बहुत ही नटखट है. 'भाग मिल्खा भाग' के गाने 'हवन करेंगे' पर डांस करता है और बातें भी करता है. इसकी बातें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे. वहीं, डांसर बेबी की बात करें तो वे सिंगिंग के साथ डांस भी करता है. यह माइक पर बॉलीवुड गाने की धुनों पर अपनी आवाज का जादू बिखेरता है, जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे.
अब बात करते हैं रॉकस्टार स्कैली की, तो ये थोड़ा सख्त है और इसका अलग ही स्वैग है. स्कैली की गिटार परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा रॉकिंग है. विधाता इन तीनों के साथ-साथ एक और किरदार को तैयार कर रहे हैं और यह चारों मिलकर दुनिया का पहला पपेट बैंड बनाने जा रहे हैं, जिसमें म्यूजिक विधाता के पिता राजेन्द्र देने वाले हैं.
ईटीवी भारत से की बातें साझा
विधाता 15 टाइप के रिंग इल्यूजन करते हैं. इंटरनेशनल लेवल के 4 तरह के पपेट शो करते हैं, वो एक ड्रमर भी है और एक मैजिशियन भी. इसके अलावा एनिमेशन सहित तमाम तरह के हुनर विधाता अपने अंदर रखते हैं. इन्हीं अलग हुनर को देखते हुए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 'द वर्सटाइल यंगस्टर' का खिताब दिया गया है. विधाता ने यह सभी स्किल अपने पिता राजेन्द्र से सीखे हैं. विधाता का पूरा घर उनके इस हुनर की पाठशाला बन गया है.
विधाता 16 साल की उम्र से ही राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के कई रियलिटी शो कर चुके हैं. विधाता "इंडिया बनेगा मंच", "बिग सिलेब्रिटी चलेंज तेलगु", "इंडिया के मस्त कलंदर 2018" में भाग ले चुके हैं. साथ ही गुरू रंधावा, इंडियन ओसन बेंड जैसे बड़े ब्रांड के साथ मंच साझा कर चुके हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में विधाता ने अपने फ्यूचर प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि वो अमेरिका में होने वाले एक शो के लिए एक बिल्कुल नए तरह का पपेट शो तैयार कर रहें हैं. वहीं आने वाली इस 10 जनवरी को उनका मद्रास IIT में होने वाले सारंग 2020 कार्यक्रम में शो करने जा रहे हैं.
क्या कहते हैं परिजन
परिजनों का कहना है कि विधाता के इस हुनर को जहां हर मंच पर सराहा जाता है, लेकिन उनके अपने शहर देहरादून और राज्य में उनके इस हुनर को बमुश्किल ही किसी ने सराहा होगा. विधाता का हुनर असामान्य है, लेकिन देहरादून के ज्यादातर लोगों को विधाता के बारे में पता नहीं है.
विधाता के पिता राजेन्द्र का कहना कि विधाता की फैन फोलोइंग उत्तराखंड से ज्यादा देश के दक्षिण राज्यों में है. उनका कहना है प्रदेश सरकार ने भी इस हुनर को पहचान देनी चाहिए, क्योंकि विधाता अगर कल किसी बड़े मंच पर अपना नाम रोशन करता है तो उत्तराखंड का ही नाम रोशन होगा. लेकिन विधाता को किसी भी मंच पर मनोबल बढ़ाने के लिए सरकार को भी प्रयास करने चाहिए.
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