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बेंगलुरु मिराज हादसा: बेटे की शहादत पर पिता को गर्व, याद किया जन्मदिन की सुबह का आखिरी कॉल

बेंगलुरु में वायुसेना के एयरक्राफ्ट मिराज 2000 हादसे में शहीद हुये देहरादून के पायलट सिद्धार्थ नेगी के परिवार को सांत्वना देनी पहुंची रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण. वायुसेना ने घटना की निष्पक्षता से जांच कर हर तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही है. बेटे की शहादत पर पिता को गर्व.

शहीद के परिवार को ढांढस बंधातीं रक्षा मंत्री.
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Published : Feb 5, 2019, 2:11 PM IST

देहरादून: बेंगलुरू वायुसेना मिराज हादसे में शहीद हुये युवा स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देहरादून पहुंचीं हैं. पंडितवाड़ी स्थित शहीद के घर पर रक्षा मंत्री ने शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया.

defence minister nirmala sitharaman
शहीद के पिता से बातचीत करतीं निर्मला सीतारमण
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वहीं, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी के पिता बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें मंत्री की ओर से हरसंभव मदद देने की बात कही गई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि मिराज विमान में तकनीकी खराबी पर वायुसेना जांच कर रही है. वायुसेना की ओर से घटना की निष्पक्षता से जांच कर हर तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही गई है.

रक्षा मंत्री से मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते शहीद के पिता.
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सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि वो कार्रवाई से संतुष्ट हैं. उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने कई लोगों की जान बचाकर अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपना बहादुरी से काम किया. शहीद के पिता ने देशभर से अपील की है कि लोग अपने बच्चों को सेना में भेजें. मौत तो आनी ही है कहीं भी आ सकती है, बेटे को इस तरह से आ गयी लेकिन वो देश पर मर मिटा.

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जन्मदिन की सुबह का आखिरी कॉल

बेटे से आखिरी बातचीत को याद करते हुये बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि 1 फरवरी की सुबह 6.08 पर उनकी बेटे से बात हुई थी क्योंकि उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था और उसे आशीर्वाद देने के लिये उन्होंने सुबह फोन किया था. उनकी सिद्धार्थ से आखिरी बात थी. सुबह 6.30 पर सिद्धार्थ ट्रेनिंग के लिये निकल गये थे और सुबह 10.30 पर ये हादसा हुआ.

सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं, वायुसेना की ओर से उन्हें पूरी मदद मिली है.मौजूदा हालात में बहुत सुधरी है सेना की हालत.

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कैसे हुआ था हादसा

बीती एक फरवरी को वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमान ने बेंगलुरू स्थित एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की हवाई पट्‌टी से उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान भरने के लिए कुछ ही समय बाद सुबह करीब 10.30 पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमें दो पायलटों की मौत हो गई थी. जिसमें देहरादून के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी भी थे.

defence minister nirmala sitharaman
शहीद के परिवार से मुलाकात करतीं रक्षा मंत्री.
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हादसे के दिन ही था जन्मदिन

मिराज-2000 विमान हादसे में शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी का पूरा परिवार देहरादून के पंडितवाड़ी में रहता है. सिद्धार्थ ने बारहवीं तक की शिक्षा दीक्षा गढ़ी कैंट स्थित Seven Oaks School से हुई थी. इनके पिता बलवीर सिंह नेगी सीबीसीआईडी से रिटायर होकर फिलहाल देहरादून स्थित एक यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक अधिकारी के रूप कार्यरत हैं.

defence minister nirmala sitharaman
शहीद के परिवार को ढांढस बंधातीं रक्षा मंत्री.
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शहीद सिद्धार्थ की शादी ढाई साल पहले ही हुई थी और उनकी पत्नी भी एयरफोर्स में कार्यरत हैं. जिस दिन यह हादसा हुआ था उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था.

देहरादून: बेंगलुरू वायुसेना मिराज हादसे में शहीद हुये युवा स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देहरादून पहुंचीं हैं. पंडितवाड़ी स्थित शहीद के घर पर रक्षा मंत्री ने शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया.

defence minister nirmala sitharaman
शहीद के पिता से बातचीत करतीं निर्मला सीतारमण
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वहीं, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी के पिता बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें मंत्री की ओर से हरसंभव मदद देने की बात कही गई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि मिराज विमान में तकनीकी खराबी पर वायुसेना जांच कर रही है. वायुसेना की ओर से घटना की निष्पक्षता से जांच कर हर तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही गई है.

रक्षा मंत्री से मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते शहीद के पिता.
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सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि वो कार्रवाई से संतुष्ट हैं. उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने कई लोगों की जान बचाकर अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपना बहादुरी से काम किया. शहीद के पिता ने देशभर से अपील की है कि लोग अपने बच्चों को सेना में भेजें. मौत तो आनी ही है कहीं भी आ सकती है, बेटे को इस तरह से आ गयी लेकिन वो देश पर मर मिटा.

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जन्मदिन की सुबह का आखिरी कॉल

बेटे से आखिरी बातचीत को याद करते हुये बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि 1 फरवरी की सुबह 6.08 पर उनकी बेटे से बात हुई थी क्योंकि उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था और उसे आशीर्वाद देने के लिये उन्होंने सुबह फोन किया था. उनकी सिद्धार्थ से आखिरी बात थी. सुबह 6.30 पर सिद्धार्थ ट्रेनिंग के लिये निकल गये थे और सुबह 10.30 पर ये हादसा हुआ.

सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं, वायुसेना की ओर से उन्हें पूरी मदद मिली है.मौजूदा हालात में बहुत सुधरी है सेना की हालत.

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कैसे हुआ था हादसा

बीती एक फरवरी को वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमान ने बेंगलुरू स्थित एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की हवाई पट्‌टी से उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान भरने के लिए कुछ ही समय बाद सुबह करीब 10.30 पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमें दो पायलटों की मौत हो गई थी. जिसमें देहरादून के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी भी थे.

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शहीद के परिवार से मुलाकात करतीं रक्षा मंत्री.
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हादसे के दिन ही था जन्मदिन

मिराज-2000 विमान हादसे में शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी का पूरा परिवार देहरादून के पंडितवाड़ी में रहता है. सिद्धार्थ ने बारहवीं तक की शिक्षा दीक्षा गढ़ी कैंट स्थित Seven Oaks School से हुई थी. इनके पिता बलवीर सिंह नेगी सीबीसीआईडी से रिटायर होकर फिलहाल देहरादून स्थित एक यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक अधिकारी के रूप कार्यरत हैं.

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शहीद के परिवार को ढांढस बंधातीं रक्षा मंत्री.
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शहीद सिद्धार्थ की शादी ढाई साल पहले ही हुई थी और उनकी पत्नी भी एयरफोर्स में कार्यरत हैं. जिस दिन यह हादसा हुआ था उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था.

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देहरादून: बेंगलुरू वायुसेना मिराज हादसे में शहीद हुये युवा स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देहरादून पहुंचीं हैं. पंडितवाड़ी स्थित शहीद के घर पर रक्षा मंत्री ने शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया.



वहीं, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी के पिता बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें मंत्री की ओर से हरसंभव मदद देने की बात कही गई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि मिराज विमान में तकनीकी खराबी पर वायुसेना जांच कर रही है. वायुसेना ने घटना की निष्पक्षता से जांच कर हर तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही गई है.



सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि वो कार्रवाई से संतुष्ट हैं. उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने कई लोगों की जान बचाकर अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपना बहादुरी से काम किया. शहीद के पिता ने देशभर से अपील की है कि लोग अपने बच्चों को सेना में भेजें. मौत तो आनी ही है कहीं भी आ सकती है, बेटे को इस तरह से आ गयी लेकिन वो देश पर मर मिटा.



जन्मदिन की सुबह का आखिरी कॉल



बेटे से आखिरी बातचीत को याद करते हुये बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि 1 फरवरी की सुबह 6.08 पर उनकी बेटे से बात हुई थी क्योंकि उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था और उसे आशीर्वाद देने के लिये उन्होंने सुबह फोन किया था. उनकी सिद्धार्थ से आखिरी बात थी. सुबह 6.30 पर सिद्धार्थ ट्रेनिंग के लिये निकल गये थे और सुबह 10.30 पर ये हादसा हुआ.



सिद्धार्थ के पिता का कहना है कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं, वायुसेना की ओर से उन्हें पूरी मदद मिली है.मौजूदा हालात में बहुत सुधरी है सेना की हालत.



कैसे हुआ था हादसा

बीती एक फरवरी को वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमान ने बेंगलुरू स्थित एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की हवाई पट्‌टी से उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान भरने के लिए कुछ ही समय बाद सुबह करीब 10.30 पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमें दो पायलटों की मौत हो गई थी. जिसमें देहरादून के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी भी थे.



हादसे के दिन ही था जन्मदिन

मिराज-2000 विमान हादसे में शहीद पायलट सिद्धार्थ नेगी का पूरा परिवार देहरादून के पंडितवाड़ी में रहता है. सिद्धार्थ ने बारहवीं तक की शिक्षा दीक्षा गढ़ी कैंट स्थित Seven Oaks School से हुई थी. इनके पिता बलवीर सिंह नेगी सीबीसीआईडी से रिटायर होकर फिलहाल देहरादून स्थित एक यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक अधिकारी के रूप कार्यरत हैं.



शहीद सिद्धार्थ की शादी ढाई साल पहले ही हुई थी और उनकी पत्नी भी एयरफोर्स में कार्यरत हैं. जिस दिन यह हादसा हुआ था उस दिन सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था.


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