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उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में समाई 'आप', क्या अब कांग्रेस की बारी? 1200 आवेदन खोलेंगे राज

Congress afraid of defection in Uttarakhand अभी लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा नहीं हुई है. उससे पहले ही उत्तराखंड में दलबदल की राजनीति शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के लगभग सारे नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अब कांग्रेस के नेताओं के दलबदल करने की बारी है. बीजेपी ने ये दावा करके कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं कि उसके पास 1200 आवेदन आए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 18, 2024, 8:26 AM IST

Updated : Jan 18, 2024, 2:08 PM IST

उत्तराखंड में चुनावी दलबदल

देहरादून: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. दूसरे दलों के नेताओं का बीजेपी में आना शुरू हो गया है. मंगलवार को जहां आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ तमाम नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है, तो वहीं भाजपा इस बात का दावा कर रही है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में कांग्रेसी भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं.

आप के बाद कांग्रेस की बारी! लोकसभा चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी का अस्तित्व उत्तराखंड में लगभग समाप्त हो गया है. दूसरी ओर कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती यही बनी हुई है कि वह अपने कुनबे को संभालते हुए लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कैसे करें? लोकसभा चुनाव में महज दो महीने का ही वक्त बचा हुआ है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों को जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत में जुट गई हैं. भाजपा संगठन की तैयारी किसी से छिपी नहीं हैं क्योंकि भाजपा न सिर्फ हर वक्त चुनावी मोड में रहती है, बल्कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयारी में जुट गई थी. इसी बीच अब कांग्रेस की नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के देहरादून आने के बाद कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के लिए सक्रिय होती दिखाई दे रही है. इसके साथ ही कांग्रेस को प्रदेश प्रभारी से काफी उम्मीदें हैं कि उन्हें प्रभारी के अनुभव का बड़ा लाभ मिलेगा.

लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल: राजनीतिक पार्टियों की तैयारी के बीच भाजपा संगठन ने जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है. हालांकि, जिन नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जा रहा है, उन नेताओं को भले ही लोकसभा चुनाव में टिकट न दिया जाए, लेकिन इतना जरूर है कि जब कोई नेता किसी भी पार्टी में शामिल होता है तो उस पार्टी को मजबूती जरूर मिलती है. लिहाजा भाजपा ने उत्तराखंड में जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है. जिसके चलते मंगलवार को आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है. हालांकि इनमें तमाम नेता पहले कांग्रेस पार्टी में थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में वो आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए थे. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अब वो भाजपा का दामन थाम चुके हैं.

आप आई, आप गई! विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का वजूद देखा गया था. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो पार्टी के 67 उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई थी. इसके बाद आप में भगदड़ मचनी शुरू हो गई थी. तमाम नेताओं के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद आम आदमी पार्टी पूरी तरह से उत्तराखंड से गायब हो गई है. ऐसे में भाजपा इस बात का दावा कर रही है कि जल्द ही सैकड़ों की संख्या में नेता भाजपा का दामन थामने वाले हैं. ये कि सीधा-सीधा कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. क्योंकि जो नेता भाजपा में शामिल होने के लिए भाजपा के टच में हैं वह लगभग सभी नेता कांग्रेस पार्टी के हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले सैकड़ों नेताओं का कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है.

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार? लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में शुरू हुई जोड़तोड़ की राजनीति के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि किसी भी चुनाव के दौरान नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आने जाने का सिलसिला बढ़ जाता है. हालांकि, यह विधानसभा चुनाव के दौरान काफी अधिक देखा जाता है, क्योंकि उस दौरान राजनीतिक दलों से अच्छी सौदेबाजी हो जाती है. साथ ही इससे राजनीतिक दलों को भी चुनाव में काफी फायदा पहुंचता है. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं का दल बदल काफी कम होता है. क्योंकि उन्हें लोकसभा का टिकट मिलने की संभावना काफी कम होती है.

कांग्रेस को दलबदल का खतरा: प्रदेश में जो हाल ही में दल बदल हुआ, उसमें वो तमाम नेता जो बीजेपी में शामिल हुए हैं वो सभी पहले कांग्रेस पार्टी में थे. लेकिन बेहतर भविष्य को देखते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. वहां कुछ बेहतर न मिलने के चलते वो भाजपा में शामिल हो गए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने पुराने साथियों को अपनी पार्टी में शामिल करने में नाकाम साबित हुई है. इसी बीच भाजपा ने अपना राजनीतिक कौशल दिखाया और इन तमाम नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. इस लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि उनके तमाम नेता उनका साथ छोड़कर कहीं भाजपा में न शामिल हो जाएं. क्योंकि इससे एक लहर भी बनती है.

बीजेपी को मिले हैं 1200 आवेदन: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों और भाजपा की विचारधा से प्रोत्साहित होकर जो लोग भाजपा में आना चाहते हैं, उनका स्वागत है. ये अभी नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सिलसिले की शुरुआत है. भाजपा मुख्यालय को करीब 1200 आवेदन प्राप्त हुए हैं जो लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. ऐसे में आने वाले समय में तमाम लोग भाजपा में शामिल होंगे जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. हालांकि पिछले दो बार से लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों को भाजपा जीत रही है, ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा पांचों सीटें जीतकर हैट्रिक बनाएगी.

करन माहरा ने उठाया ये सवाल: नेताओं के दलबदल के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने कहा है कि ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करेंगे जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होगा. लेकिन जिन नेताओं को पहले अपनी पार्टी में भाजपा शामिल कर चुकी है, तो ऐसे में क्या बीजेपी उन नेताओं को अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी? साथ ही कहा कि भाजपा हर बार इस बात का दावा करती है कि उनका संगठन काफी मजबूत है, ऐसे में अन्य दलों के बिन पेंदी के नेताओं को उन्हें अपने दल में शामिल करने की जरूरत क्यों पड़ रही है.
ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले आप को बड़ा झटका, बीजेपी में शामिल हुए जोत सिंह बिष्ट समेत कई बड़े नेता
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में करारी हार के बाद 'आप' का सरेंडर, महीनों से भंग संगठनात्मक कमेटियां, अस्ताचल में पार्टी

उत्तराखंड में चुनावी दलबदल

देहरादून: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. दूसरे दलों के नेताओं का बीजेपी में आना शुरू हो गया है. मंगलवार को जहां आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ तमाम नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है, तो वहीं भाजपा इस बात का दावा कर रही है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में कांग्रेसी भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं.

आप के बाद कांग्रेस की बारी! लोकसभा चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी का अस्तित्व उत्तराखंड में लगभग समाप्त हो गया है. दूसरी ओर कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती यही बनी हुई है कि वह अपने कुनबे को संभालते हुए लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कैसे करें? लोकसभा चुनाव में महज दो महीने का ही वक्त बचा हुआ है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों को जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत में जुट गई हैं. भाजपा संगठन की तैयारी किसी से छिपी नहीं हैं क्योंकि भाजपा न सिर्फ हर वक्त चुनावी मोड में रहती है, बल्कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयारी में जुट गई थी. इसी बीच अब कांग्रेस की नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के देहरादून आने के बाद कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के लिए सक्रिय होती दिखाई दे रही है. इसके साथ ही कांग्रेस को प्रदेश प्रभारी से काफी उम्मीदें हैं कि उन्हें प्रभारी के अनुभव का बड़ा लाभ मिलेगा.

लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल: राजनीतिक पार्टियों की तैयारी के बीच भाजपा संगठन ने जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है. हालांकि, जिन नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जा रहा है, उन नेताओं को भले ही लोकसभा चुनाव में टिकट न दिया जाए, लेकिन इतना जरूर है कि जब कोई नेता किसी भी पार्टी में शामिल होता है तो उस पार्टी को मजबूती जरूर मिलती है. लिहाजा भाजपा ने उत्तराखंड में जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है. जिसके चलते मंगलवार को आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है. हालांकि इनमें तमाम नेता पहले कांग्रेस पार्टी में थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में वो आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए थे. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अब वो भाजपा का दामन थाम चुके हैं.

आप आई, आप गई! विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का वजूद देखा गया था. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो पार्टी के 67 उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई थी. इसके बाद आप में भगदड़ मचनी शुरू हो गई थी. तमाम नेताओं के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद आम आदमी पार्टी पूरी तरह से उत्तराखंड से गायब हो गई है. ऐसे में भाजपा इस बात का दावा कर रही है कि जल्द ही सैकड़ों की संख्या में नेता भाजपा का दामन थामने वाले हैं. ये कि सीधा-सीधा कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. क्योंकि जो नेता भाजपा में शामिल होने के लिए भाजपा के टच में हैं वह लगभग सभी नेता कांग्रेस पार्टी के हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले सैकड़ों नेताओं का कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है.

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार? लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में शुरू हुई जोड़तोड़ की राजनीति के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि किसी भी चुनाव के दौरान नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आने जाने का सिलसिला बढ़ जाता है. हालांकि, यह विधानसभा चुनाव के दौरान काफी अधिक देखा जाता है, क्योंकि उस दौरान राजनीतिक दलों से अच्छी सौदेबाजी हो जाती है. साथ ही इससे राजनीतिक दलों को भी चुनाव में काफी फायदा पहुंचता है. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं का दल बदल काफी कम होता है. क्योंकि उन्हें लोकसभा का टिकट मिलने की संभावना काफी कम होती है.

कांग्रेस को दलबदल का खतरा: प्रदेश में जो हाल ही में दल बदल हुआ, उसमें वो तमाम नेता जो बीजेपी में शामिल हुए हैं वो सभी पहले कांग्रेस पार्टी में थे. लेकिन बेहतर भविष्य को देखते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. वहां कुछ बेहतर न मिलने के चलते वो भाजपा में शामिल हो गए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने पुराने साथियों को अपनी पार्टी में शामिल करने में नाकाम साबित हुई है. इसी बीच भाजपा ने अपना राजनीतिक कौशल दिखाया और इन तमाम नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. इस लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि उनके तमाम नेता उनका साथ छोड़कर कहीं भाजपा में न शामिल हो जाएं. क्योंकि इससे एक लहर भी बनती है.

बीजेपी को मिले हैं 1200 आवेदन: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों और भाजपा की विचारधा से प्रोत्साहित होकर जो लोग भाजपा में आना चाहते हैं, उनका स्वागत है. ये अभी नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सिलसिले की शुरुआत है. भाजपा मुख्यालय को करीब 1200 आवेदन प्राप्त हुए हैं जो लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. ऐसे में आने वाले समय में तमाम लोग भाजपा में शामिल होंगे जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. हालांकि पिछले दो बार से लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों को भाजपा जीत रही है, ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा पांचों सीटें जीतकर हैट्रिक बनाएगी.

करन माहरा ने उठाया ये सवाल: नेताओं के दलबदल के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने कहा है कि ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करेंगे जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होगा. लेकिन जिन नेताओं को पहले अपनी पार्टी में भाजपा शामिल कर चुकी है, तो ऐसे में क्या बीजेपी उन नेताओं को अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी? साथ ही कहा कि भाजपा हर बार इस बात का दावा करती है कि उनका संगठन काफी मजबूत है, ऐसे में अन्य दलों के बिन पेंदी के नेताओं को उन्हें अपने दल में शामिल करने की जरूरत क्यों पड़ रही है.
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Last Updated : Jan 18, 2024, 2:08 PM IST
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