देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों पर मुहर लग गई है. राज्य सरकार ने आम जनता और गेस्ट टीचरों को बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट ने उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में इजाफा किया है. जिसके तहत अब सभी गेस्ट टीचरों को हर महीने 35 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा.
23 लाख 80 हजार कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को भी मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत प्रदेश के 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को 2 किलो अतरिक्त दाल का लाभ मिलेगा. कार्ड धारकों को चना, मलका और मसूर की दाल 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दी जाएगी. जिसमें 15 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी.
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उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ा
प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में राज्य सरकार ने इजाफा किया है. इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक समान सभी गेस्ट टीचरों को 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा. कैबिनेट के इस फैसले से कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा. हालांकि अभी तक उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों को तीन श्रेणीयो में 15 हजार, 25 हजार और 33 हजार के तहत वेतन मिलता था.
कैबिनेट के अहम फैसले
- सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान में हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को दी जाएगी.
- राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी को हर महीने 35 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा.
- आरक्षण अधिनियम 1993 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पुत्रियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है.
- सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
- आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा को उनकी मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया.
- उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों के लिए चिकित्सा प्रति पूर्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का फैसला.
- सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
- शासन स्तर में विकास योजनाओं के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मा, पहले सीएस करते थे.
- उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-2003 एक्ट में संशोधन. अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रुपये और वातानुकुलित के लिए 40 रुपये जुर्माने की वृद्धि दर को वापस लिया गया. पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना के तौर पर लिया जायेगा.