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कैबिनेट मीटिंग: सरकार ने गेस्ट टीचरों को दी बड़ी सौगात, जनता को भी मिलेगी सस्ती दाल - मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में राज्य सरकार ने इजाफा किया है. इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक समान सभी गेस्ट टीचरों को 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Jul 24, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 6:29 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों पर मुहर लग गई है. राज्य सरकार ने आम जनता और गेस्ट टीचरों को बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट ने उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में इजाफा किया है. जिसके तहत अब सभी गेस्ट टीचरों को हर महीने 35 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा.

जानकारी देते मंत्री मदन कौशिक

23 लाख 80 हजार कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को भी मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत प्रदेश के 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को 2 किलो अतरिक्त दाल का लाभ मिलेगा. कार्ड धारकों को चना, मलका और मसूर की दाल 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दी जाएगी. जिसमें 15 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी.

पढे़ं- शहीद के परिवार को नसीब नहीं हुई एक अदद सड़क, 20 सालों से लटकी है मांग

उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ा
प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में राज्य सरकार ने इजाफा किया है. इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक समान सभी गेस्ट टीचरों को 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा. कैबिनेट के इस फैसले से कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा. हालांकि अभी तक उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों को तीन श्रेणीयो में 15 हजार, 25 हजार और 33 हजार के तहत वेतन मिलता था.

कैबिनेट के अहम फैसले

  • सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान में हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को दी जाएगी.
  • राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी को हर महीने 35 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा.
  • आरक्षण अधिनियम 1993 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पुत्रियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है.
  • सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
  • आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा को उनकी मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया.
  • उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों के लिए चिकित्सा प्रति पूर्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का फैसला.
  • सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
  • शासन स्तर में विकास योजनाओं के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मा, पहले सीएस करते थे.
  • उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-2003 एक्ट में संशोधन. अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रुपये और वातानुकुलित के लिए 40 रुपये जुर्माने की वृद्धि दर को वापस लिया गया. पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना के तौर पर लिया जायेगा.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों पर मुहर लग गई है. राज्य सरकार ने आम जनता और गेस्ट टीचरों को बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट ने उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में इजाफा किया है. जिसके तहत अब सभी गेस्ट टीचरों को हर महीने 35 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा.

जानकारी देते मंत्री मदन कौशिक

23 लाख 80 हजार कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को भी मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत प्रदेश के 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को 2 किलो अतरिक्त दाल का लाभ मिलेगा. कार्ड धारकों को चना, मलका और मसूर की दाल 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दी जाएगी. जिसमें 15 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी.

पढे़ं- शहीद के परिवार को नसीब नहीं हुई एक अदद सड़क, 20 सालों से लटकी है मांग

उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ा
प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में राज्य सरकार ने इजाफा किया है. इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक समान सभी गेस्ट टीचरों को 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा. कैबिनेट के इस फैसले से कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा. हालांकि अभी तक उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों को तीन श्रेणीयो में 15 हजार, 25 हजार और 33 हजार के तहत वेतन मिलता था.

कैबिनेट के अहम फैसले

  • सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान में हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को दी जाएगी.
  • राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी को हर महीने 35 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा.
  • आरक्षण अधिनियम 1993 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पुत्रियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है.
  • सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
  • आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा को उनकी मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया.
  • उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों के लिए चिकित्सा प्रति पूर्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का फैसला.
  • सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है.
  • शासन स्तर में विकास योजनाओं के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मा, पहले सीएस करते थे.
  • उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-2003 एक्ट में संशोधन. अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रुपये और वातानुकुलित के लिए 40 रुपये जुर्माने की वृद्धि दर को वापस लिया गया. पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना के तौर पर लिया जायेगा.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में आज 14 बिंदुओं बिंदु सामने आए थे जिसमें से कैबिनेट ने 12 बिंदुओं पर मुहर लगा दी है। कैबिनेट बैठक में आज राज्य सरकार ने आम जनता और गेस्ट टीचरों को बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी दे दी है, इसके तहत अब राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को 2 किलो दाल, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर मिल सकेगी। इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत्त गेस्ट टीचरो के मानदेय में इजाफा किया है, इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक ही समान सभी गेस्ट टीचरों को मानदेय दिया जाएगा।



Body:23 लाख 80 हज़ार कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ...

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रदेश के 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को 2 किलो अतरिक्त दाल का भी लाभ मिल पाएगा। कार्ड धारक सरकारी सस्ते गले की दुकान पर दाल मिल सकेगी। इसमें कार्ड धारको को चने, मलका और मसूर के दाल 15 रुपये प्रति किलो सस्ता दिया जाएगा। जिसमें 15 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी।


उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ा.....

प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों के मानदेय में राज्य सरकार ने इजाफा किया है। इसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक समान सभी गेस्ट टीचर फैकेल्टी को 35 हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया है, और कैबिनेट के इस फैसले से कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा। हालांकि अभी तक उच्च शिक्षा के गेस्ट टीचरों को तीन श्रेणीयो में 15 हज़ार, 25 हज़ार और 33 हज़ार के तहत वेतन मिलता था।


कैबिनेट के फैसले.....

1- उच्च शिक्षा राजकीय महाविद्यालय गेस्ट टीचर फेकेल्टी के मानदेय प्रावधान में वृद्धि की गई है। अब इसके अन्तर्गत गेस्ट टीचर फेकेल्टी को 35,000/- रूपये निर्धारित की गई है। इन्हें 40 पीरियड पढ़ाने होंगे। टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी महाविद्यालय की होगी। इससे कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा।

2 - राजकीय सेवायें/निगम/सार्वजनिक उद्यम/शिक्षण संस्थाओं में सीधी भर्ती हेतु आरक्षण व्यवस्था रोस्टर पुर्ननिर्धारण के लिए केबिनेट मंत्री यशपाल आर्या की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। इसके अन्य सदस्य केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और केबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय भी रहेंगे। 

3 - उत्तराखण्ड सार्वजनिक रूप से विकलांग, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों एवं भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण व्यवस्था में संशोधन करते हुये पुत्र/पुत्री को भी लाभ देने का निर्णय लिया गया है।

4 - मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अन्तर्गत कुल 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को मसूर, चना, मलका दाल के अन्तर्गत कुल 2 किलो दाल के लिए 15 रूपये की सब्सिीडी दी जायेगी। दाल की कीमत भारत सरकार निर्धारित करेगी। 

5 - सचिवालय स्तर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे। 

6 - उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-2003 एक्ट में संशोधन के अन्तर्गत अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रूपये और वातानुकुलित के लिए 40 रूपये जुर्माने के वृद्धि दर को वापस लिया गया। पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना लिया जायेगा। इसमें ड्राइवर कन्टेक्टर शामिल नहीं रहेगा। 

7 - शासन स्तर पर योजानओं परियोजनाओं के गठित वित्त समिति मुख्य सचिव द्वारा नामित प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे। अन्य विभागीय सचिव भी शामिल रहेंगे। 

8 - सचिवालय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी दो अलग-अलग विभागों का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे। अब यह सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग होगा। 

9 - उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण शिकायतों का कार्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दिया गया है। 

10 - 2009 में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम के अन्तर्गत डा. मृत्युन्जय मिश्रा के संविलियन को समाप्त कर दिया गया है। 

11 - उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा अधीनस्थ सेवाएं किसी अन्य में संशोधन किया गया है। 

12 - उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार बनाए गये मानक के अनुसार, मा. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को चिकित्सा प्रतिपूति देने का निर्णय लिया गया।


Conclusion:
Last Updated : Jul 24, 2019, 6:29 PM IST
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