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उत्तराखंड में गुलदार, हाथी से भी घातक हैं जहरीले सांप, हर साल ले रहे 16 लोगों की जान - death toll due to the bite of poisonous snakes is frightening in Uttarakhand,

उत्तराखंड में गुलदार, हाथी और भालू के हमले से ज्यादा मौतें जहरीले सापों (Death by poisonous snake bite in Uttarakhand) के काटने से होती हैं. गर्मियों में जहरीले सापों के काटने के आंकड़े (Data of bites of poisonous snakes in Uttarakhand) बढ़ जाते हैं. उत्तराखंड में हर साल औसतन सांप के काटने से लगभग 16 लोगों की मौत हो रही है. पिछले तीन सालों में सांप के काटने से 48 मौतें हुई हैं.

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उत्तराखंड में डराने वाला है जहरीलें सांपों के काटने से मरने वालों का आंकड़ा
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Published : Apr 21, 2022, 2:03 PM IST

Updated : Apr 21, 2022, 2:53 PM IST

देहरादून: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हर साल जानवर और मानव संघर्ष में सैकड़ों लोगों की जान जाती है. अमूमन खबरें गुलदार, भालू और हाथी के हमले की ही आती हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो हाथी, भालू और गुलदार के हमलों में मारे गए लोगों की संख्या से अधिक उत्तराखंड में पाए जाने वाले जहरीले सांपों से मारे जाने वाले लोगों की है. उत्तराखंड में जहरीले सांपों (Poisonous snakes in Uttarakhand) के काटने से मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. यह दर गर्मियों के मौसम में और अधिक बढ़ जाती है. अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में उत्तराखंड में सांपों के काटने (Death due to snake bite in Uttarakhand) के रिकॉर्ड मामले दर्ज किये जाते हैं.

सांप के काटने से हर साल जा रही जानें: उत्तराखंड के तराई वाले इलाकों में जिसमें उधम सिंह नगर, कॉर्बेट नेशनल पार्क नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और राजाजी नेशनल पार्क में बेहद जहरीले सांपों की प्रजाति पाई जाती हैं. जिसमें किंग कोबरा, कोबरा, वाइट लिप्ट, ब्लैक वेलिड, कोरल स्नेक जैसी प्रजातियां शामिल हैं. उत्तराखंड में हर साल औसतन सांप के काटने से लगभग 16 लोगों की मौत हो रही है. जबकि 60 से अधिक लोग सांप के काटने से घायल हो रहे हैं. जानकार मानते हैं कि सांप के काटने के बाद कोई व्यक्ति मरा भी नहीं है तो उसके शरीर में बेहद भयानक दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं.

पढ़ें- करण माहरा ने संभाली कांग्रेस की कमान, 10 से अधिक विधायक कार्यक्रम से रहे गायब, पार्टी नेताओं को दी नसीहत

आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में उत्तराखंड में सांपों के काटने से 21 लोगों की मौत हुई है. साल 2020 में यह आंकड़ा 16 था. साल 2019 में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं दोनों रीजन में 11 लोगों की मौत सांप के काटने से हुई थी. सांपों के काटने के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में सिर्फ गुलदार, भालू और हाथी ही लोगों की जान के दुश्मन नहीं हैं बल्कि जहरीले सांप भी लोगों को अपना निवाला बना रहे हैं.

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उत्तराखंड में डराने वाला है जहरीले सांपों के काटने से मरने वालों का आंकड़ा

वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ अधिकारी डॉक्टर पराग मधुकर बताते हैं कि विभाग की तरफ से हर साल लोगों को इस बारे में सचेत किया जाता है. हमारे द्वारा जो टीमें बनाई गई हैं वह भी इस दिशा में काम करती हैं. अगर किसी व्यक्ति को सांप ने काट लिया है और वह ऐसी परिस्थिति में है कि तुरंत अस्पताल तक नहीं पहुंच सकता है तो ऐसे में हमारी टीमें और अन्य रेस्क्यू टीम मिलकर उस व्यक्ति को जल्दी से जल्दी उपचार के लिए पहुंचाती हैं. इतना ही नहीं सांपों से कैसे बचा जाए, इसके लिए भी समय-समय पर लोगों को जानकारी दी जाती है.

वन विभाग की तरफ से सांपों से बचने के लिए उपाय

  • अपने घर के बिस्तर दीवारों से लगाकर ना सोएं. अगर आप को सांप दिखता है तो उसे मारें नहीं, वन विभाग को इसकी सूचना दें, ताकि उसका रेस्क्यू किया जा सके.
  • अगर आपकी रसोई में कोई खाना बच जाता है तो उसे अपने घर के आस-पास बिल्कुल भी ना फेंके. फेंके गए खाने के लिए चूहे और मेंढक पहुंचते हैं. इनकी वजह से सांप भी वहां तक पहुंच जाते हैं.
  • रोज घर में फिनाइल का पोछा लगाएं. कार और दोपहिया वाहनों को स्टार्ट करने से पहले पूरी तरह से चेक कर लें. कहीं बारिश के दौरान आपकी गाड़ी में सांप तो नहीं है जो छुप कर बैठा हो.
  • बारिश के दौरान देर रात को घर से बाहर ना निकलें.

हाथी ले रहे हैं इतनी जान: हाथियों के हमले में उत्तराखंड में साल 2015 में 7 लोगों की मौत हुई थी. साल 2016 में 8 लोगों को हाथियों ने मारा. साल 2017 में 5 लोग हाथी का शिकार हुए, जबकि साल 2018 में भी 5 लोगों की जान हाथियों के हमले में गई. साल 2019 में 12 लोगों की मौत हाथियों के हमले से हुई है. साल 2020 में 11 लोग हाथियों द्वारा मारे गये. साल 2021 में यह आंकड़ा कुल 4 पहुंचा.

पढ़ें- चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे CM धामी! गहतोड़ी ने जोशीले अंदाज में कार्यकर्ताओं से भरवाई हामी
गुलदार/बाघ का भी है आतंक: आंकड़े बताते हैं कि 8 सालों में 162 लोग गुलदार का शिकार हुए हैं. जिनकी मौत गुलदार के हमले में हुई है. जबकि 686 लोग इसमें घायल हुए हैं. 27 लोगों को बाघ ने अपना निवाला बनाया है. भालू के हमले से 22 लोगों की जान गई है. सूअर, मगरमच्छ और अन्य जंगली जानवरों ने 100 से अधिक लोगों को मौत की घाट उतारा है.

देहरादून: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हर साल जानवर और मानव संघर्ष में सैकड़ों लोगों की जान जाती है. अमूमन खबरें गुलदार, भालू और हाथी के हमले की ही आती हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो हाथी, भालू और गुलदार के हमलों में मारे गए लोगों की संख्या से अधिक उत्तराखंड में पाए जाने वाले जहरीले सांपों से मारे जाने वाले लोगों की है. उत्तराखंड में जहरीले सांपों (Poisonous snakes in Uttarakhand) के काटने से मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. यह दर गर्मियों के मौसम में और अधिक बढ़ जाती है. अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में उत्तराखंड में सांपों के काटने (Death due to snake bite in Uttarakhand) के रिकॉर्ड मामले दर्ज किये जाते हैं.

सांप के काटने से हर साल जा रही जानें: उत्तराखंड के तराई वाले इलाकों में जिसमें उधम सिंह नगर, कॉर्बेट नेशनल पार्क नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और राजाजी नेशनल पार्क में बेहद जहरीले सांपों की प्रजाति पाई जाती हैं. जिसमें किंग कोबरा, कोबरा, वाइट लिप्ट, ब्लैक वेलिड, कोरल स्नेक जैसी प्रजातियां शामिल हैं. उत्तराखंड में हर साल औसतन सांप के काटने से लगभग 16 लोगों की मौत हो रही है. जबकि 60 से अधिक लोग सांप के काटने से घायल हो रहे हैं. जानकार मानते हैं कि सांप के काटने के बाद कोई व्यक्ति मरा भी नहीं है तो उसके शरीर में बेहद भयानक दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं.

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आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में उत्तराखंड में सांपों के काटने से 21 लोगों की मौत हुई है. साल 2020 में यह आंकड़ा 16 था. साल 2019 में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं दोनों रीजन में 11 लोगों की मौत सांप के काटने से हुई थी. सांपों के काटने के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में सिर्फ गुलदार, भालू और हाथी ही लोगों की जान के दुश्मन नहीं हैं बल्कि जहरीले सांप भी लोगों को अपना निवाला बना रहे हैं.

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उत्तराखंड में डराने वाला है जहरीले सांपों के काटने से मरने वालों का आंकड़ा

वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ अधिकारी डॉक्टर पराग मधुकर बताते हैं कि विभाग की तरफ से हर साल लोगों को इस बारे में सचेत किया जाता है. हमारे द्वारा जो टीमें बनाई गई हैं वह भी इस दिशा में काम करती हैं. अगर किसी व्यक्ति को सांप ने काट लिया है और वह ऐसी परिस्थिति में है कि तुरंत अस्पताल तक नहीं पहुंच सकता है तो ऐसे में हमारी टीमें और अन्य रेस्क्यू टीम मिलकर उस व्यक्ति को जल्दी से जल्दी उपचार के लिए पहुंचाती हैं. इतना ही नहीं सांपों से कैसे बचा जाए, इसके लिए भी समय-समय पर लोगों को जानकारी दी जाती है.

वन विभाग की तरफ से सांपों से बचने के लिए उपाय

  • अपने घर के बिस्तर दीवारों से लगाकर ना सोएं. अगर आप को सांप दिखता है तो उसे मारें नहीं, वन विभाग को इसकी सूचना दें, ताकि उसका रेस्क्यू किया जा सके.
  • अगर आपकी रसोई में कोई खाना बच जाता है तो उसे अपने घर के आस-पास बिल्कुल भी ना फेंके. फेंके गए खाने के लिए चूहे और मेंढक पहुंचते हैं. इनकी वजह से सांप भी वहां तक पहुंच जाते हैं.
  • रोज घर में फिनाइल का पोछा लगाएं. कार और दोपहिया वाहनों को स्टार्ट करने से पहले पूरी तरह से चेक कर लें. कहीं बारिश के दौरान आपकी गाड़ी में सांप तो नहीं है जो छुप कर बैठा हो.
  • बारिश के दौरान देर रात को घर से बाहर ना निकलें.

हाथी ले रहे हैं इतनी जान: हाथियों के हमले में उत्तराखंड में साल 2015 में 7 लोगों की मौत हुई थी. साल 2016 में 8 लोगों को हाथियों ने मारा. साल 2017 में 5 लोग हाथी का शिकार हुए, जबकि साल 2018 में भी 5 लोगों की जान हाथियों के हमले में गई. साल 2019 में 12 लोगों की मौत हाथियों के हमले से हुई है. साल 2020 में 11 लोग हाथियों द्वारा मारे गये. साल 2021 में यह आंकड़ा कुल 4 पहुंचा.

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गुलदार/बाघ का भी है आतंक: आंकड़े बताते हैं कि 8 सालों में 162 लोग गुलदार का शिकार हुए हैं. जिनकी मौत गुलदार के हमले में हुई है. जबकि 686 लोग इसमें घायल हुए हैं. 27 लोगों को बाघ ने अपना निवाला बनाया है. भालू के हमले से 22 लोगों की जान गई है. सूअर, मगरमच्छ और अन्य जंगली जानवरों ने 100 से अधिक लोगों को मौत की घाट उतारा है.

Last Updated : Apr 21, 2022, 2:53 PM IST
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