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उत्तराखंडः गुलदार से खतरनाक हैं सांप, जानिए 2019 में कितने हुए शिकार - सांप से मरने वालों का आंकड़ा

उत्तराखंड में गुलदारों के आतंक की कई घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गुलदारों से ज्यादा घातक सुबे के जहरीले सांप हैं. देखिये etv bharat की खास रिपोर्ट.

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जहरीले सांपों का आतंक
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Published : Jan 16, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 11:27 PM IST

देहरादून: यूं तो आबादी में पाए जाने वाले अधिकतर सांप जहरीले नहीं नहीं माने जाते. लेकिन उत्तराखंड में सांपों का कहर इस कदर बरपा है कि लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगाइए की प्रदेश में आबादी तक पहुंचने वाले गुलदार भी सांपों से घातक नही हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड: इस तारीख से पहले निपटा लें बैंक के सारे काम, वरना रहेंगे परेशान

दरअसल, उत्तराखंड में सांपों की विभिन्न प्रजातियों में से महज तीन से चार प्रजातियां ही जहरीली हैं. जिसमे किंग कोबरा, हिमालयन पिट वाइपर, कैट स्नेक शामिल हैं. खास बात यह है कि सांपों के काटने से होने वाली मौत का पहली बार जब आंकड़ा सामने आया तो इसे देखकर हर कोई हैरान था. आंकड़ों से यह साफ हुआ कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा मौतें सांपों के काटने से हो रही है, जबकि गुलदार जैसे वन्यजीवों के हमले में मरने और घायल होने वाले लोगों की संख्या इससे कम पाई गई.

जहरीले सांपों का आतंक

पढ़ें- देहरादून: रोडवेज की बसों में सफर करना है तो धक्का लगाने के लिए रहें तैयार!

अब जानिए कि उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले कैसे लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहे हैं

साल 2019 के दौरान लेपर्ड के हमले में कुल 18 लोगों की जान चली गई. जबकि 61 लोग घायल हो गए. इसी तरह हाथियों के हमलों में भी 12 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 10 लोग घायल हुए. भालू के हमले के दौरान नंदा देवी, केदारनाथ, नैनीताल और बदरीनाथ वन क्षेत्र में 4 लोगों की जानें गईं और 76 लोग घायल हुए. जंगली सूअर के हमले में एक की मौत तो 32 घायल हुए और मगरमच्छ के हमले में भी एक की मौत और एक ही व्यक्ति घायल हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा मौतें सांपों के डसने से हुई हैं, सांपों के जहर से कुल 19 लोग मारे गए हैं, वहीं 78 लोग घायल हुए हैं.

यह आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि वन्यजीवों में सबसे ज्यादा घातक लोगों के लिए सांप ही हैं. सैकड़ों सांपों को पकड़ने वाले वन विभाग के क्विक एक्शन टीम के सदस्य रवि जोशी बताते हैं कि सांपों को लेकर लोगों को काफी ज्यादा अलर्ट रहने की जरुरत है. खासतौर पर युवाओं को सांपों के साथ सेल्फी या सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. उनका कहना है कि सांप दिखाई देने पर फौरन वन विभाग की टीम को सूचित करना चाहिए, हालांकि रवि जोशी ने कहा कि अधिकतर सांप उत्तराखंड में जहरीले नहीं हैं.

देहरादून: यूं तो आबादी में पाए जाने वाले अधिकतर सांप जहरीले नहीं नहीं माने जाते. लेकिन उत्तराखंड में सांपों का कहर इस कदर बरपा है कि लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगाइए की प्रदेश में आबादी तक पहुंचने वाले गुलदार भी सांपों से घातक नही हैं.

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दरअसल, उत्तराखंड में सांपों की विभिन्न प्रजातियों में से महज तीन से चार प्रजातियां ही जहरीली हैं. जिसमे किंग कोबरा, हिमालयन पिट वाइपर, कैट स्नेक शामिल हैं. खास बात यह है कि सांपों के काटने से होने वाली मौत का पहली बार जब आंकड़ा सामने आया तो इसे देखकर हर कोई हैरान था. आंकड़ों से यह साफ हुआ कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा मौतें सांपों के काटने से हो रही है, जबकि गुलदार जैसे वन्यजीवों के हमले में मरने और घायल होने वाले लोगों की संख्या इससे कम पाई गई.

जहरीले सांपों का आतंक

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अब जानिए कि उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले कैसे लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहे हैं

साल 2019 के दौरान लेपर्ड के हमले में कुल 18 लोगों की जान चली गई. जबकि 61 लोग घायल हो गए. इसी तरह हाथियों के हमलों में भी 12 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 10 लोग घायल हुए. भालू के हमले के दौरान नंदा देवी, केदारनाथ, नैनीताल और बदरीनाथ वन क्षेत्र में 4 लोगों की जानें गईं और 76 लोग घायल हुए. जंगली सूअर के हमले में एक की मौत तो 32 घायल हुए और मगरमच्छ के हमले में भी एक की मौत और एक ही व्यक्ति घायल हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा मौतें सांपों के डसने से हुई हैं, सांपों के जहर से कुल 19 लोग मारे गए हैं, वहीं 78 लोग घायल हुए हैं.

यह आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि वन्यजीवों में सबसे ज्यादा घातक लोगों के लिए सांप ही हैं. सैकड़ों सांपों को पकड़ने वाले वन विभाग के क्विक एक्शन टीम के सदस्य रवि जोशी बताते हैं कि सांपों को लेकर लोगों को काफी ज्यादा अलर्ट रहने की जरुरत है. खासतौर पर युवाओं को सांपों के साथ सेल्फी या सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. उनका कहना है कि सांप दिखाई देने पर फौरन वन विभाग की टीम को सूचित करना चाहिए, हालांकि रवि जोशी ने कहा कि अधिकतर सांप उत्तराखंड में जहरीले नहीं हैं.

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Summary- उत्तराखंड में गुलदारों के आतंक की कई घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं..लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गुलदारों से ज्यादा घातक सुुुबे के जहरीलेे सांप हैं..जिसका जहर लोगो की जिंदगियां ले रहा है..देखिये etv bharat की स्पेेेशल रिपोर्ट...



Body:यूं तो आबादी में पाए जाने वाले अधिकतर सांप जहरीले नहीं नहीं माने जाते...लेकिन इसके बावजूद भी उत्तराखंड में सांपों का कहर इस कदर बरपा है कि लोगों को इसके हमले में अपनी जान गवानी पड़ रही है... इसका अंदाजा आप इस बात से लगाइए की प्रदेश में आबादी तक पहुंचने वाले गुलदार भी सांपों से घातक नही हैं.. दरअसल उत्तराखंड में सांपों की विभिन्न प्रजातियों में से महज तीन से चार प्रजातियां ही जहरीली है...जिसमे किंग कोबरा, हिमालयन पिट वाइपर, कैट स्नेक शामिल है... खास बात यह है कि सांपों के काटने से होने वाली मौत का पहली बार जब आंकड़ा इकट्ठा किया गया तो इसे देखकर हर कोई हैरान था... आंकड़ों से यह साफ हुआ कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा मौतें सांपों के जहर से हो रही है.. जबकि गुलदार जैसे वन्यजीवों के हमले में मरने और घायल होने वाले लोगों की संख्या भी इससे कम है..


वाइट राजीव भरतरी मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक


अब जानिए कि उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले कैसे लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहे हैं.. साल 2019 के दौरान लेपर्ड के हमले में कुल 18 लोगों की जान चली गई.. जबकि 61 लोग घायल हो गए...इसी तरह हाथियों के हमलों में भी 12 लोगों ने अपनी जान गवाई..जबकि 10 लोग घायल हुए..भालू के हमले के दौरान नंदा देवी, केदारनाथ, नैनीताल और बद्रीनाथ वन क्षेत्र में 4 लोगों की जानें गई..और 76 लोग घायल हुए... जंगली सूअर के हमले में 1 कई मौत तो 32 घायल हुए..और मगरमच्छ के हमले में भी 1 की मौत और 1 ही व्यक्ति घायल हुआ...लेकिन सबसे ज्यादा मौतें सांपों के डसने से हुई... सांपों के जहर से कुल 19 लोग मारे गए..वहीं 78 लोग घायल हुए....


यह आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि वन्यजीवों में सबसे ज्यादा घातक लोगों के लिए सांप का जहर ही बना हुआ है.. सैकड़ों सांपों को पकड़ने वाले वन विभाग के क्विक एक्शन टीम के सदस्य रवि जोशी बताते हैं कि सांपों को लेकर लोगों को काफी ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है.. खासतौर पर युवाओं को सांपों के साथ सेल्फी या सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।। और सांप दिखाई देने पर फौरन वन विभाग की टीम को सूचित करना चाहिए। हालांकि रवि जोशी ने कहा कि अधिकतर सांप उत्तराखंड में जहरीले नहीं है।


वाइट रवि जोशी सदस्य क्विक एक्शन टीम वन विभाग




Conclusion:सांपों को लेकर लोगों में डर भी है तो इसको जानने को लेकर उत्सुकता भी दिखाई देती है.. लेकिन मौजूदा आंकड़ों से सबक लेते हुए लोगों को सांपों को लेकर फांसी एहतियात बरतने की जरूरत है।।।


नवीन उनियाल देहरादून
Last Updated : Jan 16, 2020, 11:27 PM IST
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