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रिपोर्टः सूबे के 60 से 70 प्रतिशत सरकारी इमारतों पर मंडरा रहा खतरा, कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना

बीते 2 सालों में 60 इंजीनियर की 30 टीमों ने अपने स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनों को भूंकप के दृष्टिकोण से बिल्कुल जर्जर बताया. इसके बाद 90 अस्पतालों के 150 ब्लॉकों में अगले स्तर पर SAV और  DVA निरीक्षण किया गया है. जिसमें 65 ब्लॉक ऐसे पाए गए जिन्हें तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी था. क्योंकि हल्के भूकंप भी इन भवनों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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Published : Jul 20, 2019, 7:25 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 8:17 PM IST

reports on government buildings


देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने विश्व बैंक के सहयोग से प्रदेश में सरकारी भवनों को सर्वे किया. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 60 से 70 प्रतिशत सरकारी भवन भूकंप के लिहाज से असुरक्षित हैं. कुछ भवनों को स्थिति तो काफी नाजुक है.

सूबे के 60 से 70 प्रतिशत सरकारी इमारतों पर मंडरा रहा खतरा.

45 मानकों के आधार पर अलग-अलग स्तर पर किए गए इस सर्वे में 90 सरकारी अस्पतालों के 15 ब्लॉक का सर्वे किया गया. जिनमें 65 ब्लॉक ऐसे हैं, जो भूकंप के लिहाज का काफी संवेदनशील है. इनका तत्काल ध्वस्तीकरण करने की जरुरत है.

उत्तराखंड आपदा प्रबधंन विभाग ने विश्व बैंक की मदद से 45 अगल-अगल मानकों के आधार पर तीन अलग अलग स्तर (RVS (रैपिड वनरेबल स्क्रीनिंग), SVA (सरफेस्ड वनरेबल एसेसमेंट) और DVA (डीटेल वनरेबल एसेसमेंट) पर सरकरी भवनों का सर्वेक्षण किया.

बीते 2 सालों में 60 इंजीनियर की 30 टीमों ने स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनों को भूंकप के दृष्टिकोण से बिल्कुल जर्जर बताया. इसके बाद 90 अस्पतालों के 150 ब्लॉकों में अगले स्तर पर SAV और DVA निरीक्षण किया गया है. जिसमें 65 ब्लॉक ऐसे पाए गए जिन्हें तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी था. क्योंकि, हल्के भूकंप भी इन भवनों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इस सर्वे को अपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूल, अस्पताल के साथ-साथ अन्य वर्गों में भी बांटा है. उसके आधार पर सबंधित विभागों को भी इसकी रिपोर्ट साझा की गई है. ऐसे में इन भवनों के कारण कोई बड़ा हादसा होता है तो विभाग अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है.

क्या है RVS सर्वे टेक्नोलॉजी?

आरवीएस यानी रैपिड वेनरेबल स्क्रीनिंग. इसमें टीम मौके पर जाकर अलग-अलग मानकों का निरीक्षण करती है और उसका डेटा एक मोबाइल एप में स्टोर करती है. सर्वे टीम में एक जूनियर और एक सीनीयर इंजीनियर होता है. इस तरह की 30 टीम बनाई गई थी. जिन्होंने उत्तराखंड के 13 जिलों में 13 हजार सरकारी भवनों का सर्वे किया.

इस डेटाबेस में भवनों को G1 से G5 तक पांच कैटेगिरी में बांटा गया है. G1 से G5 कैटेगिरी में भवन अधिक सुरक्षित से कम सुरक्षित हैं. G4 और G5 की श्रेणी में आने वाले भवन जर्जर हालत में है, जो जमींदोज करने की स्थिति में है. इस टेक्नोलॉजी से पहली बार 45 मानकों के आधार पर सर्वे करवाया गया. इसमें गलतियों की सभावनाएं ना के बराबर होती है. विशेषज्ञों के अनुसार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसी तरह से अन्य सर्वे में भी किया जा सकता है.

जिले में चिह्निंत सरकारी भवनों को स्थिति-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Garde 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 791 64 73 80 521 53 17.32
2. Bageshwar 1237 59 76 153 755 194 10.91
3. Champawat 257 33 18 57 139 10 19.84
4. Chamoli 2192 105 94 238 1549 206 9.08
5. Dehradun 1074 134 129 266 540 5 24.49
6. Haridwar 364 9 17 27 248 63 7.14
7. Nainital 472 38 58 125 241 10 20.34
8. Pauri 1914 179 244 341 1110 40 22.10
9. Pithoragarh 1792 153 108 186 1072 273 14.56
10. Rudraprayag 657 155 90 107 273 32 37.29
11. Tehri 1233 61 81 133 851 107 11.52
12. US Nagar 798 10 21 84 668 15 3.88
13. Uttarkashi 1967 23 97 183 1485 179 6.10
Total 14,748 1023 1106 1980 9452 1187

14.44

ये भी पढे़ेंः गौला नदी पर 6 करोड़ की लागत से बने तटबंध बहे, गांवों में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

सर्वे की गई आरसीसी बिल्डिंग की जिले वार रिपोर्ट-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Grade 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 250 68 28 47 98 9 38.40
2. Bageshwar 252 44 31 37 120 20 29.76
3. Champawat 91 23 15 21 31 1 41.76
4. Chamoli 749 400 132 62 147 8 71.03
5. Dehradun 234 53 54 57 68 2 45.73
6. Haridwar 31 3 5 6 17 0 25.81
7. Nainital 95 21 17 13 41 3 40.00
8. Pauri 439 146 71 71 144 7 49.43
9. Pithoragarh 507 94 42 72 266 33 26.82
10. Rudraprayag 611 196 90 68 235 22 46.81
11. Tehri 268 47 49 30 131 11 35.82
12. US Nagar 28 5 4 7 12 0 32.14
13. Uttarkashi 532 244 126 111 51 0 69.55
Total 4087 1344 664 602 1361 116 49.13

इन आंकड़ों पर गौर करें तो पूरे प्रदेश में आरसीसी और चिनाई की कुल 11243 बिल्डिगों में 18835 ब्लॉक और इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें 12116 इमारतें G4 और G5 की श्रेणी में आती हैं. इस हिसाब से राज्य की 60 से 70 सरकारी भवन भूकंप के लिहाज अतिसंवेदनशील हैं, जो किसी भी स्तर का भूकंप सहन नहीं कर सकती है.

विभागवार स्थिति-

  • सरकारी भवनों के विभागवार स्थिति पर बात करें तो स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के भवनों की स्थिति काफी खराब है.
  • स्वास्थ्य विभाग में 1309 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया. जिसमें 53 फीसदी बिल्डिंग जर्जर हैं.
  • शिक्षा विभाग की 15036 बिल्डिंगों के सर्वें में 54.5 फीसदी बिल्डिंग बदहाल स्थिति में हैं.
  • सबसे बुरे हाल एडमिनिस्ट्रेशन के हैं. यहां कुल 1578 बिल्डिंगों का निरीक्षण किया गया है. जिसमें से 71.7 फीसदी भवन जर्जर हो चुके हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं.
  • पुलिस विभाग की 298 बिल्डिंगों में से 62.1 प्रतिशत बिल्डिंगें भूंकप आने पर टिक नहीं पाएंगी.
  • अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की भी 32 बिल्डिंग का सर्वे किया गया है. जिसमें से 50 फीसदी अंतिम सासें गिन रहे हैं.
  • बाकी अन्य 582 बिल्डिगों में से 61 फीसदी बिल्डिंग भूंकप के लिहाज से बिल्कुल असुरक्षित हैं.

कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य की कुल 18835 इमारतों में से 60 से 70 फीसदी इमारतें G4 और G5 कैटेगिरी में आती हैं.


देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने विश्व बैंक के सहयोग से प्रदेश में सरकारी भवनों को सर्वे किया. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 60 से 70 प्रतिशत सरकारी भवन भूकंप के लिहाज से असुरक्षित हैं. कुछ भवनों को स्थिति तो काफी नाजुक है.

सूबे के 60 से 70 प्रतिशत सरकारी इमारतों पर मंडरा रहा खतरा.

45 मानकों के आधार पर अलग-अलग स्तर पर किए गए इस सर्वे में 90 सरकारी अस्पतालों के 15 ब्लॉक का सर्वे किया गया. जिनमें 65 ब्लॉक ऐसे हैं, जो भूकंप के लिहाज का काफी संवेदनशील है. इनका तत्काल ध्वस्तीकरण करने की जरुरत है.

उत्तराखंड आपदा प्रबधंन विभाग ने विश्व बैंक की मदद से 45 अगल-अगल मानकों के आधार पर तीन अलग अलग स्तर (RVS (रैपिड वनरेबल स्क्रीनिंग), SVA (सरफेस्ड वनरेबल एसेसमेंट) और DVA (डीटेल वनरेबल एसेसमेंट) पर सरकरी भवनों का सर्वेक्षण किया.

बीते 2 सालों में 60 इंजीनियर की 30 टीमों ने स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनों को भूंकप के दृष्टिकोण से बिल्कुल जर्जर बताया. इसके बाद 90 अस्पतालों के 150 ब्लॉकों में अगले स्तर पर SAV और DVA निरीक्षण किया गया है. जिसमें 65 ब्लॉक ऐसे पाए गए जिन्हें तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी था. क्योंकि, हल्के भूकंप भी इन भवनों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इस सर्वे को अपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूल, अस्पताल के साथ-साथ अन्य वर्गों में भी बांटा है. उसके आधार पर सबंधित विभागों को भी इसकी रिपोर्ट साझा की गई है. ऐसे में इन भवनों के कारण कोई बड़ा हादसा होता है तो विभाग अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है.

क्या है RVS सर्वे टेक्नोलॉजी?

आरवीएस यानी रैपिड वेनरेबल स्क्रीनिंग. इसमें टीम मौके पर जाकर अलग-अलग मानकों का निरीक्षण करती है और उसका डेटा एक मोबाइल एप में स्टोर करती है. सर्वे टीम में एक जूनियर और एक सीनीयर इंजीनियर होता है. इस तरह की 30 टीम बनाई गई थी. जिन्होंने उत्तराखंड के 13 जिलों में 13 हजार सरकारी भवनों का सर्वे किया.

इस डेटाबेस में भवनों को G1 से G5 तक पांच कैटेगिरी में बांटा गया है. G1 से G5 कैटेगिरी में भवन अधिक सुरक्षित से कम सुरक्षित हैं. G4 और G5 की श्रेणी में आने वाले भवन जर्जर हालत में है, जो जमींदोज करने की स्थिति में है. इस टेक्नोलॉजी से पहली बार 45 मानकों के आधार पर सर्वे करवाया गया. इसमें गलतियों की सभावनाएं ना के बराबर होती है. विशेषज्ञों के अनुसार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसी तरह से अन्य सर्वे में भी किया जा सकता है.

जिले में चिह्निंत सरकारी भवनों को स्थिति-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Garde 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 791 64 73 80 521 53 17.32
2. Bageshwar 1237 59 76 153 755 194 10.91
3. Champawat 257 33 18 57 139 10 19.84
4. Chamoli 2192 105 94 238 1549 206 9.08
5. Dehradun 1074 134 129 266 540 5 24.49
6. Haridwar 364 9 17 27 248 63 7.14
7. Nainital 472 38 58 125 241 10 20.34
8. Pauri 1914 179 244 341 1110 40 22.10
9. Pithoragarh 1792 153 108 186 1072 273 14.56
10. Rudraprayag 657 155 90 107 273 32 37.29
11. Tehri 1233 61 81 133 851 107 11.52
12. US Nagar 798 10 21 84 668 15 3.88
13. Uttarkashi 1967 23 97 183 1485 179 6.10
Total 14,748 1023 1106 1980 9452 1187

14.44

ये भी पढे़ेंः गौला नदी पर 6 करोड़ की लागत से बने तटबंध बहे, गांवों में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

सर्वे की गई आरसीसी बिल्डिंग की जिले वार रिपोर्ट-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Grade 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 250 68 28 47 98 9 38.40
2. Bageshwar 252 44 31 37 120 20 29.76
3. Champawat 91 23 15 21 31 1 41.76
4. Chamoli 749 400 132 62 147 8 71.03
5. Dehradun 234 53 54 57 68 2 45.73
6. Haridwar 31 3 5 6 17 0 25.81
7. Nainital 95 21 17 13 41 3 40.00
8. Pauri 439 146 71 71 144 7 49.43
9. Pithoragarh 507 94 42 72 266 33 26.82
10. Rudraprayag 611 196 90 68 235 22 46.81
11. Tehri 268 47 49 30 131 11 35.82
12. US Nagar 28 5 4 7 12 0 32.14
13. Uttarkashi 532 244 126 111 51 0 69.55
Total 4087 1344 664 602 1361 116 49.13

इन आंकड़ों पर गौर करें तो पूरे प्रदेश में आरसीसी और चिनाई की कुल 11243 बिल्डिगों में 18835 ब्लॉक और इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें 12116 इमारतें G4 और G5 की श्रेणी में आती हैं. इस हिसाब से राज्य की 60 से 70 सरकारी भवन भूकंप के लिहाज अतिसंवेदनशील हैं, जो किसी भी स्तर का भूकंप सहन नहीं कर सकती है.

विभागवार स्थिति-

  • सरकारी भवनों के विभागवार स्थिति पर बात करें तो स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के भवनों की स्थिति काफी खराब है.
  • स्वास्थ्य विभाग में 1309 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया. जिसमें 53 फीसदी बिल्डिंग जर्जर हैं.
  • शिक्षा विभाग की 15036 बिल्डिंगों के सर्वें में 54.5 फीसदी बिल्डिंग बदहाल स्थिति में हैं.
  • सबसे बुरे हाल एडमिनिस्ट्रेशन के हैं. यहां कुल 1578 बिल्डिंगों का निरीक्षण किया गया है. जिसमें से 71.7 फीसदी भवन जर्जर हो चुके हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं.
  • पुलिस विभाग की 298 बिल्डिंगों में से 62.1 प्रतिशत बिल्डिंगें भूंकप आने पर टिक नहीं पाएंगी.
  • अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की भी 32 बिल्डिंग का सर्वे किया गया है. जिसमें से 50 फीसदी अंतिम सासें गिन रहे हैं.
  • बाकी अन्य 582 बिल्डिगों में से 61 फीसदी बिल्डिंग भूंकप के लिहाज से बिल्कुल असुरक्षित हैं.

कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य की कुल 18835 इमारतों में से 60 से 70 फीसदी इमारतें G4 और G5 कैटेगिरी में आती हैं.

Note- ये स्पेशल रिपोर्ट है और इसकी फीड FTP पर (uk_deh_03_Danger reports on state government buildings_vis_byte_7205800) नाम से भेजी गई है।



स्पेशल रिपोर्ट----
आपदा प्रबंधन की सर्वे से सामने आये चौकाने वाले आंकडे, राज्य में 70 फीसदी सरकारी भवन भूकंप के लिहाज से जरजर, 90 असप्तालों की 65 इमारतो की तुरत गिराने की जरुरत


एंकर- उत्तराखंड आपदा प्रबधंन और विश्व बैंक संयोग से राज्य में मौजूद सरकरी भवनों के सर्वें से चौकाने वाले आंकडे़ सामने आये हैं। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में मौजूद उत्तराखंड के सरकारी भवनों में 60 से 70 फीसदी भवन भूकंप के लिहाज से असुरक्षित हैं इसनें से भी बड़ी संख्या में एसे भवन है जिनमें भूंकप की स्थीती में बड़ा नुकसान हो सकता है। 45 मानकों के आधार अलग अलग स्तर पर किये गये इस सर्वें में 90 सरकारी अस्पतालों के 150 ब्लोक का सर्वे किया गया है जिनमें 65 ब्लॉक एसे हैं जिन्हे भूकंप के लिहाज से तत्काल प्रभाव से ध्वस्तीकरण करने की जरुर है। 

वीओ- उत्तराखंड आपदा प्रबधंन विभाग ने विश्व बैंक की मदद से 45 अगल अगल मानकों के आधार पर तीन अलग अलग स्तर पर सरकरी भवनों का सर्वेक्षण किया गया है। तीन अलग अलग स्तरों पर RVS (रेपिड वनरेबल स्क्रीनींग), SVA (सरफेस्ड वनरेबल एसीसमेंट) और DVA (डीटेल वनरेबल एसीसमेंट) का सर्वे प्रस्तावित है।  पिछले 2 सालों में 60 इंजीनरों की 30 टीमों के द्वारा राज्य में की किये गये पहले स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनो को भूंकप के दृष्टीकोण से बिल्कुल जरजर बताया गया है तो वहीं इसके बाद अगले स्तर में SAV और फिर DVA सर्वे में 90 अस्पतालों के 150 ब्लकों में से 65 ब्लॉक निरिक्षण के दौरान एसे पाये गये हैं जिन्हे तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी है वरना छोटे से भूंकंप में भी यहां जान माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। इस सर्वें को अपदा प्रबधन द्वारा स्कूल, अस्पताल के साथ साथ अन्य वर्गों में बांटा गया है और उसके आधार पर  सबंधित विभागों को भी इसकी रिपोर्ट साझा की गई है और अगर भविष्य में कोई हादासा किसी भी सरकारी भवन में होता है तो उसके लिए विभाग किसी भी तरह से पल्ला नही झाड़ पायेगा। 

क्या है RVS सर्वे टेक्नलॉजी--
आरवीएस यानी रेपिड वनरेबल स्क्रीनिंग.. इसमें टीम मौके पर पर जाकर अलग अलग मानकों का निरिक्षण करती है और उसका डेटा एक मौबाइल एप के द्वारा डेटा बेस में प्रवेश कराता है। उत्तराखंड में किये गये सर्वें में भी इसी तरह से एक जूनियर इंजिनियर और एक सीनीयर की 30 टीमें बनाकर सभी जिलों में भेजी गई और अलग अलग 45 मानकों को देख कर पूरे प्रदेश के 13 हजार से ज्यादा सरकारी भवनो का डेटाबेस तैयार किया गाय है। इस डेटाबेस में भवनो को G1 से G5 तक पांच कैटेगिरी में बांटा गया है। G1 से G5 केटेगिरी में भवन अधिक सुरक्षित से कम सुरक्षित हैं और G4 और G5 की श्रेणी में आने वाले भवन वो भवन है जो कि पूरी तरह से जरजर है और जो छोटे से भूकंप में भी जमिदोश होने की स्थीती में है। इस टेक्नोलिजी के माध्यम से पहली बार इतने ज्यादा 45 मानकों के आधार पर सर्वे करवाया गया है और आनलाइन प्रविष्ठी के चलते इसमें गलतियों की सभावनाएं नगण्य होते हुए एक्युरेसी को सटीक किया है। विशेषज्ञों के अनुसार इस टेक्नोलॉजी का उपयोग इसी तरह से अन्य सर्वे में भी किया जा सकता है। 


उत्तराखंड में जिला वार ये है चिनाई वाले सरकारी भवनो की स्थीती---
                                                                                                               
Sl. No.  District      Units surveyed                               Damageability grade                                                     Percent safe
                                                                    Grade 1    Grade 2    Grade 3    Grade 4        Grade 5
  
1.         Almora                 791                         64              73               80            521                53                              17.32
2.      Bageshwar            1237                         59             76              153           755                194                            10.91
3.      Champawat            257                         33             18                57             139                 10                            19.84
4.       Chamoli                2192                       105            94                238          1549                206                           9.08
5.       Dehradun             1074                       134           129               266            540                   5                            24.49
6.       Haridwar               364                          9              17                  27            248                  63                            7.14
7.        Nainital                472                          38             58               125             241                   10                          20.34
8.        Pauri                    1914                      179            244              341            1110                 40                            22.10
9.       Pithoragarh           1792                      153            108            186             1072                273                            14.56
10.    Rudraprayag           657                      155             90              107              273                   32                          37.29
11.    Tehri                      1233                       61               81              133             851                  107                         11.52
12.    Udhamsingh Nagar  798                      10               21              84               668                  15                           3.88
13.    Uttarkashi                1967                    23               97              183            1485                   179                         6.10
          Total                      14,748                  1023            1106         1980            9452                1187                        14.44

सर्वे की गई आरसीसी बिल्डिंग की जिला वार रिपोर्ट-----
 
Sl. No.  District        Units surveyed                               Damageability grade                                                         Percent safe
                                                                        Grade 1    Grade 2       Grade 3    Grade 4    Grade 5
1.         Almora                      250                         68                28             47             98                  9                                    38.40
2.      Bageshwar                  252                           44               31             37           120               20                                     29.76
3.     Champawat                   91                            23                15            21            31                1                                      41.76
4.        Chamoli                    749                          400             132             62            147               8                                       71.03
5.        Dehradun                  234                          53                 54            57              68                2                                    45.73
6.         Haridwar                     31                            3                 5              6               17                0                                      25.81
7.         Nainital                      95                           21                 17            13           41                3                                       40.00
8.         Pauri                         439                           146               71          71           144               7                                       49.43
9.         Pithoragarh                 507                          94                42          72            266             33                                     26.82
10.          Rudraprayag           611                          196              90           68              235           22                                    46.81
11.         Tehri                          268                           47               49           30          131            11                                      35.82
12.      Udhamsingh Nagar       28                           5                  4             7            12               0                                     32.14
13.        Uttarkashi                  532                      244             126              111          51               0                                    69.55
                Total                      4087                    1344            664              602         1361          116                                    49.13



इन आंकड़ो के अनुसार पूरे प्रदेश में आरसीसी और चिनाई वाली बिल्डिंग मिलाकर कुल 11243 बिल्डिगों में 18835 ब्लॉक या फिर इमारतों का सर्वे किया गया है  जिसमें से  12116 ईमारतें G4 और G5 की श्रेणी में आती है। इस हिसाब से राज्य की 60 से 70 फिसदी के करीब सरकारी भवन आज भूकंप के लिहाज से बड़े हादसे को बुलावा दे रही है जो किसी भी स्तर के भूंकम में टिक नही पायेंगी।

विभागवार स्थीती----
उत्तराखंड में मौजूद सभी महत्वपूर्ण विभागों की इमारतों में अगर देंखे तो विभागों वार भी स्थीती खराब है। स्वास्थ, शिक्षा और तमाम विभागो की सरकारी इमारतें जर जर हो चली है। जो कि इस सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है। 

स्वास्थ्य विभाग में  1309 बिल्डिंगो का सर्वे किया गया जिसमें 53 फीसदी बिल्डिगें जर्जर हैं।
शिक्षा विभाग में    15036 बिल्डिंगो का सर्वे किया गया है जिसमें 54.5 फीसदी बिल्डिंगे जर्जर हैं।
एडमिनिजेशन की 1578 बिल्डिंगो का सर्वे किया गया है जसिमें से 71.7 फीसदी बिल्डिंगो की हालत बिल्कुल खस्ता है।
पुलिस की 298 बिल्डिगों में से 62.1 फीसदी बिल्डिगें भूंकप आने पर टिक नही पाएंगी।
अग्नीशमन और आपतकालीन सेवओं की भी 32 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया और इनमें से भी 56 फीसदी बिल्डिगें जरजर है। 
बाकी अन्य 582 बिल्डिगों में से 61 फीसदी बिल़्डिगें भूंकप के लिहाज से बिल्कुल असुरक्षित हैं।
कुल मिलाकर देखा जाय तो राज्य की कुल 18835 ईमारतों में से 60 से 70 फीसदी इमारते G4 और G5 केटेगिरी में  आती है।


बाइट- गिरीश जोशी, अधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग

Last Updated : Jul 20, 2019, 8:17 PM IST
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