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चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया, स्वास्थ्य महकमे के लिए अब नई चुनौती - यात्री कोरोना पॉजिटिव

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा दो साल तक कोरोना महामारी की वजह से बुरी तरह से प्रभावित रहा है. इस बार भी कोरोना का खतरा मंडराता नजर आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो चारधाम यात्रा में मरने वाले कुछ यात्रियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. जिसने स्वास्थ्य महकमे और सरकार की नींद उड़ा दी है.

Corona on Chardham Yatra
चारधाम यात्रा पर छाया कोरोना का साया
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Published : May 21, 2022, 4:57 PM IST

Updated : May 21, 2022, 10:20 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का बढ़ता आंकड़ा सरकार के लिए परेशानी की वजह बनता जा रहा है. इस बीच मृतक श्रद्धालुओं के पोस्टमार्टम से कुछ ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल, मरने वाले कुछ श्रद्धालु कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं. इस खबर के सामने आते ही चारधाम यात्रा पर कोरोना का खतरा मंडराता नजर आ रहा है.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए देश-विदेश से अब तक लाखों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. खास बात यह है कि प्रदेश में आ रहे इन श्रद्धालुओं की ना तो कोविड जांच हो रही है और ना ही कोरोना नियमों का भी पालन होता दिखाई दे रहा है. यात्रा के दौरान कोरोना की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा पर आने वाले कुछ मरने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना होने की पुष्टि की है.

चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया.

ये भी पढ़ेंः कचरे के 'ढेर' में फेल हुआ सिस्टम, यात्रा मार्गों पर खुले में जल रहा कूड़ा, डंपिंग जोन बनी नदियां

स्वास्थ्य महकमे के इस खुलासे के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि यात्रा में विभिन्न जगहों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में भीड़ में कोरोना का प्रसार होने की संभावनाएं बेहद ज्यादा है. वहीं, चारधाम में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 56 पहुंच चुका है. जाहिर है कि जिस तेजी से यह आंकड़ा बड़ा है, उसने सरकार के माथे पर बल ला दिया है. मौत आंकड़ा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है. यही वजह है कि भारत सरकार ने सीधे राज्य से मौत के मामलों पर रिपोर्ट तलब की है.

इतना ही नहीं केंद्रीय एजेंसियों को भी चार धामों पर स्थितियां कंट्रोल करने के लिए भेज दिया गया है. इन परिस्थितियों के बीच सूबे मुखिया पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि सरकार अपने स्तर पर तैयारियां कर रही है और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या 7.67 लाख के पार, अब तक 51 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान

सरकार के दावों और मौत के आंकड़ों के बीच कोरोना की एंट्री जले पर नमक जैसी दिखाई दे रही है. सरकार मौत के आंकड़ों पर काबू पाने में ही नाकाम साबित हो रही है और अब कोरोना की दस्तक सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है. वो भी उन हालतों में जब हजारों की संख्या में लोग हर दिन उत्तराखंड के इन चार धामों में पहुंच रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की तो दूर की बात मास्क तक नहीं पहन रहे हैं. दूसरे नियमों पर किसी का फोकस ही नहीं है.

इन परिस्थितियों को विपक्ष ने आड़े हाथों लेते हुए सरकार की तैयारियों को अधूरा करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा भी सरकार की कमियों को उजागर कर रहे हैं. दुनियाभर की तरह भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता है. श्रद्धालुओं और यात्रियों को व्यवस्थित मेडिकल परीक्षण कराए बिना चारों धामों की तरफ रुखसत किया जा रहा है, लेकिन इस पर किसी का फोकस नहीं दिखाई देता.

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का बढ़ता आंकड़ा सरकार के लिए परेशानी की वजह बनता जा रहा है. इस बीच मृतक श्रद्धालुओं के पोस्टमार्टम से कुछ ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल, मरने वाले कुछ श्रद्धालु कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं. इस खबर के सामने आते ही चारधाम यात्रा पर कोरोना का खतरा मंडराता नजर आ रहा है.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए देश-विदेश से अब तक लाखों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. खास बात यह है कि प्रदेश में आ रहे इन श्रद्धालुओं की ना तो कोविड जांच हो रही है और ना ही कोरोना नियमों का भी पालन होता दिखाई दे रहा है. यात्रा के दौरान कोरोना की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा पर आने वाले कुछ मरने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना होने की पुष्टि की है.

चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया.

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स्वास्थ्य महकमे के इस खुलासे के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि यात्रा में विभिन्न जगहों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में भीड़ में कोरोना का प्रसार होने की संभावनाएं बेहद ज्यादा है. वहीं, चारधाम में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 56 पहुंच चुका है. जाहिर है कि जिस तेजी से यह आंकड़ा बड़ा है, उसने सरकार के माथे पर बल ला दिया है. मौत आंकड़ा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है. यही वजह है कि भारत सरकार ने सीधे राज्य से मौत के मामलों पर रिपोर्ट तलब की है.

इतना ही नहीं केंद्रीय एजेंसियों को भी चार धामों पर स्थितियां कंट्रोल करने के लिए भेज दिया गया है. इन परिस्थितियों के बीच सूबे मुखिया पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि सरकार अपने स्तर पर तैयारियां कर रही है और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या 7.67 लाख के पार, अब तक 51 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान

सरकार के दावों और मौत के आंकड़ों के बीच कोरोना की एंट्री जले पर नमक जैसी दिखाई दे रही है. सरकार मौत के आंकड़ों पर काबू पाने में ही नाकाम साबित हो रही है और अब कोरोना की दस्तक सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है. वो भी उन हालतों में जब हजारों की संख्या में लोग हर दिन उत्तराखंड के इन चार धामों में पहुंच रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की तो दूर की बात मास्क तक नहीं पहन रहे हैं. दूसरे नियमों पर किसी का फोकस ही नहीं है.

इन परिस्थितियों को विपक्ष ने आड़े हाथों लेते हुए सरकार की तैयारियों को अधूरा करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा भी सरकार की कमियों को उजागर कर रहे हैं. दुनियाभर की तरह भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता है. श्रद्धालुओं और यात्रियों को व्यवस्थित मेडिकल परीक्षण कराए बिना चारों धामों की तरफ रुखसत किया जा रहा है, लेकिन इस पर किसी का फोकस नहीं दिखाई देता.

Last Updated : May 21, 2022, 10:20 PM IST
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