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दबंगों की पिटाई से दलित की मौत, 5 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन

टिहरी के नैनबाग तहसील में मृतक दलित के परिजन और दलित समुदाय के लोग सभी आरोपियों की गिरफ्तार की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों का इनकार
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Published : May 6, 2019, 12:55 PM IST

Updated : May 6, 2019, 2:03 PM IST

देहरादून: विकासखंड जौनपुर के बसाड़ गांव में शादी समारोह में पहुंचे एक दलित युवक को कुछ दबंगों ने बुरी तरह पीटा, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गुस्से में हैं. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. हालांकि सोमवार को पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए.

परिजनों की मांग थी कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि दो अभी भी फरार हैं.

शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों का इनकार

पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजन शव को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाह रहे थे, लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें जबरन रोक लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया. परिजनों का आरोप है कि 9 दिन के बाद जब युवक की मौत हो गई तब जाकर पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

तहसील में शव रखकर किया

वहीं टिहरी के नैनबाग तहसील में गुस्साए लोग शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं 5 आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रशासन के आश्वसन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म कर अंतिम संस्कार को तैयार हुए.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 26 अप्रैल को श्रीकोट निवासी दलित युवक जितेंद्र दास शादी समारोह में पहुंचा था. जितेंद्र खाना निकालकर कुर्सी में बैठकर खाने लगा. आरोप है कि इसी बात से नाराज होकर गांव के कुछ दबंगों ने जितेंद्र दास की बुरी तरह से पिटाई कर दी. 23 वर्षीय घायल प्रदीप को थातुड़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. लेकिन, उसकी हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया. 9 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार रविवार को जितेंद्र ने दम तोड़ दिया. जितेंद्र दास पुत्र स्व. सेवक दास अपने घर का कमाने वाला इकलौता बेटा था.

देहरादून: विकासखंड जौनपुर के बसाड़ गांव में शादी समारोह में पहुंचे एक दलित युवक को कुछ दबंगों ने बुरी तरह पीटा, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गुस्से में हैं. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. हालांकि सोमवार को पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए.

परिजनों की मांग थी कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि दो अभी भी फरार हैं.

शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों का इनकार

पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजन शव को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाह रहे थे, लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें जबरन रोक लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया. परिजनों का आरोप है कि 9 दिन के बाद जब युवक की मौत हो गई तब जाकर पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

तहसील में शव रखकर किया

वहीं टिहरी के नैनबाग तहसील में गुस्साए लोग शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं 5 आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रशासन के आश्वसन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म कर अंतिम संस्कार को तैयार हुए.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 26 अप्रैल को श्रीकोट निवासी दलित युवक जितेंद्र दास शादी समारोह में पहुंचा था. जितेंद्र खाना निकालकर कुर्सी में बैठकर खाने लगा. आरोप है कि इसी बात से नाराज होकर गांव के कुछ दबंगों ने जितेंद्र दास की बुरी तरह से पिटाई कर दी. 23 वर्षीय घायल प्रदीप को थातुड़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. लेकिन, उसकी हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया. 9 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार रविवार को जितेंद्र ने दम तोड़ दिया. जितेंद्र दास पुत्र स्व. सेवक दास अपने घर का कमाने वाला इकलौता बेटा था.

Intro:नैनबाग टिहरी के जितेंद्र दास को सवर्णों के साथ खाना खाना इतना महंगा पड़ गया कि उसे सवर्णों ने जात-पात के भेदभाव के चलते इतनी बेरहमी से मारा की अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।यह दुखद खबर सुनते ही हंसते खेलते परिवार में मातम छा गया।परिजन और ग्रामीण जितेंद्र दास को देहरादून पहुंचे।ओर देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में इलाज के दौरान जितेंद्र की मौत हो गई।अस्पताल ने मृतक जितेंद्र के पोस्टमार्टम के लिए कोरोनेशन अस्पताल भेज दिया।साथ ही पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजन मृतक के शव को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाह रहे थे लेकिन भारी पुलिस बल ने सब को रोक लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।आखिरकार 9 दिन के बाद जब युवक की मौत हो गई तब जाकर पुलिस नामजद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई जबकि चार अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।


Body:परिवार का रो रो कर बुरा हाल है पोस्मार्टम आने के बाद यह गरीब परिवार अब बेटे भाई को वापस तो नहीं ला सकता लेकिन न्याय की गुहार लगा रहा है।पुलिस ने मौत के बाद 3 लोगों की गिरफ्तारी की है।परिजनों का कहना है कि 7 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज है।लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाने के बाद भी अभी आरोपी गिरफ्त से बाहर है पुलिस ने 3 की गिरफ्तारी भी तब की जब जान चली गई।

बाईट-परिजन

मौके पर पुलिस अधिकारी और देहरादून एसडीएम भी मामले को देखकर मौजूद रहे।पुलिस प्रशासन पर ग्रामीण और परिजनों का आरोप है कि इस मामले पर संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई।जब एक बेकसूर चला गया तब जाकर विभाग हरकत में आया।मामले पर एसडीएम की मानें तो तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है और जो लोग शामिल है उस पर कार्रवाई की जा रही है।

बाइट-कमलेश मेहता(एसडीएम)

वहीं हताश और निराश अपने बेटों को खोए परिजनों का कहना है कि जब तक सभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।मृतक की बहन ने पुलिस के रवैए पर साफ तौर पर कहा कि पुलिस के द्वारा परिवार पर दबाव भी बनाए गया कि मुकदमा वापस ले लिया जाए।लेकिन बेसहारा और लाचार बहन ने अपने भाई के इंसाफ के लिए लड़ाई को जारी रखा।

बाइट-पूजा( मृतक की मा)




Conclusion:मेरा देश बदल रहा है हम बदल रहे हैं हम सब एक है।लेकिन यह बात झूठी सी लगती है जब एक युवक को सिर्फ इस बात के चलते बेरहमी से पीटा जाता है कि उसने सवर्णों के साथ खाना खाने की हिम्मत की।और वह भी कुर्सी पर बैठकर कमाल है और ताज्जुब इस बात का कि किसी परिवार का एकलौता कमाने वाला उन लोगों ने मार डाला जो खुद ही को बड़ी जात को कहते हैं यह कैसी बड़ी जात जो किसी के परिवार का चिराग छीन गई।वही पुलिस पर यह सवालिया निशान खड़े होते हैं कितनी बेरहमी से बिना किसी कसूर के जितेंद्र को मार डालने के बाद भी पुलिस का यह कैसा चेहरा जो इंसाफ दिलाने के बजाय मुकदमा वापस लेने की बात कह रहा है।


बाइट ओर विसुल मेल किये है।मेल से उठाने की कृपा करें।

धन्यवाद
Last Updated : May 6, 2019, 2:03 PM IST
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