देहरादून: विकासखंड जौनपुर के बसाड़ गांव में शादी समारोह में पहुंचे एक दलित युवक को कुछ दबंगों ने बुरी तरह पीटा, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गुस्से में हैं. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. हालांकि सोमवार को पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए.
परिजनों की मांग थी कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि दो अभी भी फरार हैं.
पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजन शव को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाह रहे थे, लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें जबरन रोक लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया. परिजनों का आरोप है कि 9 दिन के बाद जब युवक की मौत हो गई तब जाकर पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
तहसील में शव रखकर किया
वहीं टिहरी के नैनबाग तहसील में गुस्साए लोग शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं 5 आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रशासन के आश्वसन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म कर अंतिम संस्कार को तैयार हुए.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 26 अप्रैल को श्रीकोट निवासी दलित युवक जितेंद्र दास शादी समारोह में पहुंचा था. जितेंद्र खाना निकालकर कुर्सी में बैठकर खाने लगा. आरोप है कि इसी बात से नाराज होकर गांव के कुछ दबंगों ने जितेंद्र दास की बुरी तरह से पिटाई कर दी. 23 वर्षीय घायल प्रदीप को थातुड़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. लेकिन, उसकी हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया. 9 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार रविवार को जितेंद्र ने दम तोड़ दिया. जितेंद्र दास पुत्र स्व. सेवक दास अपने घर का कमाने वाला इकलौता बेटा था.