देहरादून: पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले को आज 1 साल पूरे हो चुके हैं. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों ने अपनी शहादत दी थी. ऐसे में पुलवामा आतंकी हमले की बरसी के मौके पर राजधानी देहरादून में सीआरपीएफ की ओर से विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.
बता दें कि पिछले साल आज ही के दिन पुलवामा में आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया गया था. जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इसमें देहरादून के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान मोहनलाल रतूड़ी का नाम भी शामिल है. ऐसे में सीआरपीएफ की ओर से आयोजित विशेष श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम में सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों, जवानों के साथ ही शहीद मोहनलाल रतूड़ी की पत्नी भी शामिल हुई. इस दौरान सभी ने शहीदों की शहादत को यादकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
ये भी पढ़े: युवाओं का रोजगार मेलों की ओर कम हुआ रुझान, कौशल विकास मंत्री ने कही ये बात
सीआरपीएफ डीआईजी दिनेश उनियाल का कहना है कि उस दर्दनाक हादसे से सभी ने बहुत कुछ सीखा है. वर्तमान में सीआरपीएफ आतंकी हमलों के साथ ही इस तरह के किसी भी हमले से निपटने के लिए और अधिक चौकस हो चुकी है. डीआईजी दिनेश रतूड़ी ने युवाओं के लिए एक खास संदेश भी दिया, उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को देश और दुनिया में लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं, लेकिन इस दिन को सिर्फ वैलेंटाइन डे के तौर पर मनाने के बजाय देश के युवाओं को इसे बलिदान दिवस के तौर पर मनाना चाहिए.
वहीं, श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने पहुंचे शहीद मोहनलाल रतूड़ी के दामाद सर्वेश कुमार नौटियाल का कहना था कि जिस तरह भारत की सेना के जवान अपना कार्य कर रहे हैं. उससे भारत पर कभी भी कोई आंच नहीं आ सकती. जब तक सीमा पर जवान तैनात रहेगा तब तक देश सुरक्षित रहेगा.