देहरादून: कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आम आदमी का ही नहीं, बल्कि पुलिस का काम भी प्रभावित हुआ है. चौकी और थानों में तैनात अधिकांश पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना से बचाव में लगी हुई है. ऐसे में वे थानों में दर्ज मुकदमों की विवेचनाएं नहीं कर पा रहे हैं और इसका सीधा फायदा अपराधियों को मिल रहा है, वे पुलिस की पकड़ से दूर होते जा रहे हैं.
कोरोना महामारी से पहले देहरादून पुलिस की रडार पर 80 से ज्यादा शातिर अपराधी थे, जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस ने अभियान चलाया था, जिसे पुलिस को बीच में ही रोकना पड़. लॉकडाउन लगने के बाद पुलिस शहर की व्यवस्थाएं संभालने में लग गई है, जिस कारण पुलिस पर अतिरिक्ति बोझ पड़ गया. जिसका फायदा उठाकर कई अपराधी तड़ीपार हो गए.
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अपराधियों की धरपकड़ के लिए दून पुलिस अब पीपीई (Personal protective equipment ) किट समेत कोरोना से बचने के लिए अन्य उपकरण लेकर दोबार से अपना अभियान शुरू करने जा रही है. ताकि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी सुरक्षित रहें और अपराधियों पर भी शिकंजा कस सकें.
विभिन्न अपराधिक वारदातों की सूची जिसमें आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
- डकैती और लूट के मामले में नौ अपराधी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
- हत्या के मामले में एक अपराधी अभी फरार चल रहा है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
- बलात्कार और अपहरण के मामले में चार अपराधी फरार. जिनकी पुलिस तलाश कर रही है.
- गैंगेस्टर, आईटी और अनैतिक व्यापार के मामलों में 24 अपराधी पुलिस के रडार पर हैं. जिनकी धर पकड़ में दून पुलिस लगी हुई है.
- इन सबके अलावा 42 ऐसे अपराधी हैं, जिनके खिलाफ अलग-अलग संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है. जिनकी दून पुलिस तलाश कर रही है.
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इस बारे में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के मौके का फायदा उठाकर कुछ अपराधी दून पुलिस की रडार से बाहर हो गए थे. कोरोना की वजह से अपराधियों की धरपकड़ में थोड़ी रुकावट आई थी, लेकिन अब पहले की ही तरह धीरे-धीरे सब चीजें सामान्य हो रही हैं. इसलिए अपराधियों की धरपकड़ का अभियान फिर से शुरू किया जाएगा. पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए थाना और चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को पीपीई किट सहित अन्य मेडिकल उपकरण दिए जा रहे हैं, ताकि वे कोरोना से बच सकें.