देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election) की तारीखों का ऐलान हो गया है. वहीं, 2017 में हुए चुनाव में विधानसभा पहुंचे मौजूदा 65 विधायकों के चुनाव आयोग को दिए हलफनामे को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच नामक संस्था ने एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. मौजूदा विधायकों में 31 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं. जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच आकलन के मुताबिक, मौजूदा 65 विधायकों के 2017 विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिये हलफनामे के अनुसार 20 के विधायकों के अनुसार आपराधिक मुकदमे दर्ज है. वहीं,14 विधायक ऐसे हैं, जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. जबकि, दो विधायकों के ऊपर हत्या की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तीन विधायकों के ऊपर महिला अपराध में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, राजनीतिक दलों के हिसाब से आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की बात करें तो बीजेपी के 54 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस के नौ विधायकों और एक निर्दलीय विधायक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज है. यह जानकारी विधायकों ने 2017 विधानसभा चुनाव में आयोग को दिये अपने हलफनामे दी है.
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विधायकों की वित्तीय स्थिति की बात करें तो मौजूदा 65 विधायकों में से 46 विधायक ऐसे हैं. जो करोड़पति हैं. वहीं, पार्टी के अनुसार बीजेपी के 54 विधायकों में से 37 विधायकों की संपत्ति करोड़ों में है. जबकि, कांग्रेस के नौ विधायकों में आठ विधायक करोड़पति हैं. जबकि, एक निर्दलीय विधायक ने भी 2017 चुनाव आयोग को अपने करोड़पति होने का हलफनामा दिया था.
वहीं, ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा बीजेपी के 54 विधायकों की औतसन संपत्ति 4 करोड़ 9 लाख रुपये के करीब है. वहीं, कांग्रेस के मौजूद 9 विधायकों की संपत्ति 5 करोड़ 2 लाख रुपये और दो निर्दलीय विधायकों की संपत्ति 1 करोड़ 40 लाख रुपये के करीब है.
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बता दें कि मौजूदा विधायकों में सतपाल महाराज, राजेश शुक्ला और काजी मो. निजामुद्दीन की संपत्ति सबसे अधिक है. वहीं, इनमें से सबसे ज्यादा इनकम टैक्स देते सतपाल महाराज ने दिया है. वहीं, मौजूद विधायकों की एजुकेशन की बात करें तो मौजूदा 15 विधायक ऐसे हैं. जिन्होंने आयोग को 2017 के चुनाव में हलफनामे में अपनी शिक्षा 8वीं कक्षा या उससे नीचे है. वहीं, 49 विधायक ऐसे हैं. जिन्होंने अपनी एजुकेशन ग्रेजुएशन बताई है. साथ ही 31 विधायक ऐसे हैं, जिनकी उम्र 25 साल से 50 साल के बीच हैं. वहीं, 33 विधायक ऐसे हैं जिनकी उम्र 51 से 80 साल के बीच है. 65 विधायकों में से छह विधायक महिलाएं हैं.
बहरहाल, उत्तराखंड राज्य गठन के 21 साल बीत चुके हैं. ऐसे में बीते सालों में राज्य ने राजनीतिक अस्थिरता भी देखी है. उत्तराखंड एक बार फिर चुनाव के मुहाने पर है. ऐसे में इस बार भी पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्रों में स्वच्छ और साफ राजनीति की बात भी होंगी. लेकिन जबतक पार्टी में 'दागदार' नेता रहेंगे. तब तक प्रदेश में स्वच्छ राजनीति की परिकल्पना नहीं की जा सकती.