ऋषिकेश: तीर्थ नगरी की सीमाओं पर एक के बाद एक खुल रही शराब की दुकानों के विरोध में मातृ शक्ति उतर गई है. महिलाओं ने शराब की दुकानों के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए इन्हें बंद करने की मांग सरकार से की है. महिलाओं का कहना है कि वो तीर्थ नगरी को अपवित्र नहीं होने देंगी.
शराब की दुकानों के खिलाफ आंदोलन: बता दें कि नशे के खिलाफ अभियान (Campaign against drug addiction) चलाने वाली मैत्री स्वयंसेवी संस्था (Maitri Voluntary Organization) की अध्यक्ष कुसुम जोशी तीर्थ नगरी की सीमाओं पर लगातार खुल रही शराब की दुकानों (Liquor Stores) से काफी नाराज नजर आ रही है. आज कुसुम जोशी अपनी सहयोगी महिलाओं के साथ मिलकर वीरभद्र मंदिर मार्ग पर खुली दो शराब की दुकानों पर पहुंच गईं. कुसुम जोशी ने गढ़वाली गीतों के माध्यम से सरकार पर तंज कसा.
मैत्री स्वयंसेवी संस्था ने किया शराब की दुकानों का विरोध: कुसुम जोशी ने कहा कि राज्य आंदोलन के लिए अपनी अहम भूमिका निभाने वाली मातृ शक्ति अपने शहर को शराब नगरी नहीं बनने देगी. इसके लिए उन्हें सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई यदि लड़नी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेगी. कुसुम जोशी ने बताया कि ऋषिकेश केवल तीर्थ नगरी नहीं है, बल्कि यह कुंभ क्षेत्र का भी हिस्सा है. 6 साल बाद अर्ध कुंभ और 12 साल बाद कुंभ के दौरान ऋषिकेश से देवप्रयाग तक करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं.
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सरकार पर गीतों के माध्यम से कसा तंज: चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) का प्रवेश द्वार भी ऋषिकेश है. ऋषिकेश में सिद्ध पीठ सोमेश्वर महादेव, चंदेश्वर महादेव, वीरभद्र महादेव विराजमान हैं. मणिकूट पर्वत की तलहटी में विश्व विख्यात नीलकंठ महादेव विराजमान हैं. ऋषिकेश और आसपास का इलाका साधु संतों व आश्रमों से घिरा हुआ है. यहां सुबह शाम भगवान भजन होता है. यह सब जानकारी होने के बाद भी सरकार डिपार्टमेंटल स्टोर के नाम पर जो शराब की दुकानें खोलने का धंधा कर रही है, उसे चौपट करने के लिए महिलाएं हर संभव प्रयास करेंगी.
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