देहरादून: स्पेशल विजिलेंस जज अंजलि नौटियाल की अदालत ने लोकायुक्त कार्यालय में चल रही जांच को अपने पक्ष में कराने के लिए अधिकारी को रिश्वत देने वाले लघु सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता को 3 साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी कनिष्ठ अभियंता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
विजिलेंस टीम को की शिकायत: बता दें कि लोकायुक्त कार्यालय में मानसिंह रावत टिहरी जिले में गूल निर्माण में बरती गई अनियमितता की जांच कर रहे थे और यह निर्माण कनिष्ठ अभियंता जय प्रकाश सिंह और अनिल रतूड़ी की देखरेख में किया जा रहा था. जांच के दौरान कनिष्ठ अभियंता जय प्रकाश ने अधिकारी मानसिंह रावत को जांच अपने पक्ष में करने के लिए 50 हजार रुपए रिश्वत देने की बात कही थी. लेकिन मानसिंह रावत रिश्वत नहीं लेना चाहते थे, ऐसे में उन्होंने इसकी शिकायत विजिलेंस को कर दी थी.
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विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार: इस शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने प्राथमिक जांच की और फिर 20 मार्च 2012 को कनिष्ठ अभियंता जयप्रकाश सिंह जब मानसिंह को 50 हजार रुपए की रिश्वत देने आए तो उन्हें रिश्वत देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. जयप्रकाश के खिलाफ विजिलेंस सेक्टर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया था. विजिलेंस के अभियोजन अधिकारी अनुज साहनी ने बताया है कि अदालत ने लघु सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता जय प्रकाश को तीन साल कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.